केरल. देश का वो राज्य जहां सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे लोग हैं. देश का वो राज्य जो सबसे खूबसूरत राज्यों में गिना जाता है. देश का वो राज्य जो संस्कृति और समृद्धि के लिए मशहूर है अब देश का वो राज्य बन गया है जिसे देश की और देशवासियों की मदद की सबसे ज्यादा जरूरत है. वो राज्य जहां तबाही मची हुई है और लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं. भले ही अब बारिश रुक गई हो, लेकिन इसके बावजूद केरल में बीमारी और तंगी के हाल होने वाले हैं. केरल में लोगों के आशियाने बह गए, वहां लोगों की जिंदगियां चली गईं और यहां भी लोगों को धर्म और राजनीति से फुर्सत नहीं मिली.
एक तरफ जहां हमारी सेना से लेकर आम मछुआरे बाढ़ में फंसे लोगों की मदद में जुटे हैं. वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे लोग भी हैं जो नफरत की दलदल में फंसे हैं और सोशल मीडिया पर नफरत फैला रहे हैं. उन्हें ये लगता है कि केरल के लोगों की हालत के जिम्मेदार वो लोग खुद हैं. मतलब केरल में अगर लोग मर रहे हैं, उनका घर संसार तबाह हो रहा है तो उसके जिम्मेदार वो खुद हैं.
केरल बाढ़ की तस्वीर
ऐसा क्यों?
ये सवाल शायद आपके मन में भी आ रहा होगा कि आखिर इतनी बड़ी आपदा के बाद भी लोगों ने ऐसा क्या कर दिया कि कुछ लोग अपने घर में आराम से बैठे हमारे और आपके जैसे आम लोग भी केरल वालों के लिए बुरा कह रहे हैं. तो इसका जवाब सीधा सा है. केरल का धर्म और वहां की मान्यताएं जिन्हें यहां के लोग पसंद नहीं करते. केरल में बाढ़ क्यों आई उसके लिए कुछ लोगों ने दो अलग-अलग बातें बताईं.
1. बाढ़ इसलिए आई क्योंकि केरल के लोग बीफ खाते हैं..
कुछ भी सोचने के पहले ये ट्वीट देख लें..
क्या देखा आपने? हम कौन से युग में जी रहे हैं? ये लोग जो बीफ खाने पर केरल को कोस रहे हैं और कह रहे हैं कि भगवान इसीलिए नाराज़ हैं क्योंकि उन लोगों ने बीफ खाया उन्हें किस धर्म का कहा जा सकता है? मैं नहीं मानती कि ऐसे लोगों को जो नफरत फैलाने का काम करते हैं उन्हें किसी धर्म का कहना सही है. ये लोग सिर्फ और सिर्फ नफरत ही कर सकते हैं. कुछ लोग तो इस मामले में और आगे हैं और कहते हैं कि पीएम को ज्यादा रिलीफ फंड नहीं देना चाहिए क्योंकि केरल में जो लोग हैं वो ज्यादातर मुस्लिम और ईसाई हैं.
भई वाह! आप डोनेट नहीं कर सकते, आप किसी गरीब की कोई मदद नहीं कर सकते, आप किसी भी इंसान को केरल में डूबने, मरने से बचा नहीं सकते तो कम से कम नफरत तो मत फैलाइए.
2. केरल में बाढ़ इसलिए आई क्योंकि औरतों ने शबरीमाला में प्रवेश किया..
अब ये भी केरल में बाढ़ का कारण है. मतलब अभी तक जो भी अच्छा होता आया है वो सब मर्दों ने किया है और जो भी बुरा कायनात में हुआ है वो सब कुछ औरतों ने किया है. हिंदू नैशनलिस्ट पार्टी की एक इकाई हिंदू मक्कल काची जो मूलत: तमिलनाडु में है उसके लोगों का कहना था कि केरल के साथ ऐसी भयंकर स्तिथी बनी है क्योंकि केरल ने सबरीमाला में औरतों का प्रवेश शुरू करवा दिया. यही कारण है कि भगवान नाराज हो गए और केरल को इस आपदा में छोड़ दिया.
एक छोटी बच्ची को यकीनन सबरीमाला के भगवान ऐसी हालत में नहीं छोड़ेंगे
इस कमेटी ने रामेश्वरम के मंदिर में प्रार्थना भी की ताकि केरल इस आपदा से बाहर आ सके. उस पार्टी ने ये भी कहा कि केरल के वो लोग जो इस फैसले के लिए जिम्मेदार हैं वही बाढ़ के लिए भी जिम्मेदार हैं. सबरीमाला में महिलाओं का जाना बंद करवा देना चाहिए ताकि केरल पर भगवान का कहर बंद हो जाए.
अब खुद बताइए कि 21वीं सदी में लोगों की ये सोच हो तो कैसे आप देश को विकसित मानेंगे. किस देश में जी रहे हैं हम, जहां मरते हुए लोगों की मदद नहीं की जाती बल्कि उन्हें भी दोष ही दिया जाता है. यकीनन अगर कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि केरल की ये आपदा किसी धर्म के कारण हुई है या फिर बीफ खाने या मंदिर जाने की वजह से हुई है तो मानसिक तौर पर वो बीमार हैं और उन्हें वाकई डूब मरना चाहिए.
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