क्या आपने किसी दुल्हन को काले रंग के लहंगे या साड़ी में देखा है? हमारे यहां दुल्हन तो छोड़ो कोई शादी में शामिल होने वाला इंसान भी अगर काला रंग पहनकर चला आया तो घरवाले बुरा मान जाते हैं, बातें बनने लगती हैं, लोग उस व्यक्ति से नाराज ही हो जाते हैं.
हमारे यहां किसी भी शुभ कार्य में काला रंग का कपड़ा नहीं पहना जाता है. खासकर शादी से जुड़े कामों में दूल्हा-दुल्हन काले रंग के कपड़े तो बिल्कुल नहीं पहनते हैं. दुल्हनें तो काले रंग के परिधान से कोसों दूर रहती हैं.
हमारे यहां अधिकतर शादियों में दुल्हनें लाल, पीला, गुलाबी और हरे रंग की ट्रेडिशनल कपड़े पहनती हैं. हालांकि कुछ समय से वे पेस्टल शेड्स चुनने लगी हैं मगर काला रंग को अभी भी दूर ही रखा जाता है. हां यह अलग बात यह है कि अधिकतर लड़कियों को काला रंग पसंद होता है औऱ उनके ड्रेस कलेक्शन में एक-दो काले रंग की ड्रेस जरूर होती है.
ऐसे में कियारा आडवाणी (Kiara Advani) ने अपने रिसेप्शन में मनीष मल्होत्रा द्वारा डिज़ाइन किया गया काले और सफेद रंग का गाउन पहनकर कर कई रूढ़िवादी सोच को ठेंगा दिखा दिया है. उनका रिसेप्शन लुक शादी की कई रूढ़ियों को तोड़ता है. कियारा ने बताया है कि काला रंग भी खूबसूरत हो सकता है. हम किसी रंग के प्रति नफरत क्यों फैलाएं?
कियारा इस गाउन में बेहद खूबसूरत लग रही हैं. शादिया भी तो कुंडली मिलाकर और शुभ मुहूर्त देखकर की जाती है. यह भी देखा जाता है कि लड़की मांगलिक तो नहीं है. उसमें कोई दोष तो नहीं है. मगर काले रंग के कपड़े का क्या दुश्मनी है यह समझ नहीं आता है?
असल में हमारे यहां काले रंग को नकारात्मकता का प्रतीक माना है. यह रंग...
क्या आपने किसी दुल्हन को काले रंग के लहंगे या साड़ी में देखा है? हमारे यहां दुल्हन तो छोड़ो कोई शादी में शामिल होने वाला इंसान भी अगर काला रंग पहनकर चला आया तो घरवाले बुरा मान जाते हैं, बातें बनने लगती हैं, लोग उस व्यक्ति से नाराज ही हो जाते हैं.
हमारे यहां किसी भी शुभ कार्य में काला रंग का कपड़ा नहीं पहना जाता है. खासकर शादी से जुड़े कामों में दूल्हा-दुल्हन काले रंग के कपड़े तो बिल्कुल नहीं पहनते हैं. दुल्हनें तो काले रंग के परिधान से कोसों दूर रहती हैं.
हमारे यहां अधिकतर शादियों में दुल्हनें लाल, पीला, गुलाबी और हरे रंग की ट्रेडिशनल कपड़े पहनती हैं. हालांकि कुछ समय से वे पेस्टल शेड्स चुनने लगी हैं मगर काला रंग को अभी भी दूर ही रखा जाता है. हां यह अलग बात यह है कि अधिकतर लड़कियों को काला रंग पसंद होता है औऱ उनके ड्रेस कलेक्शन में एक-दो काले रंग की ड्रेस जरूर होती है.
ऐसे में कियारा आडवाणी (Kiara Advani) ने अपने रिसेप्शन में मनीष मल्होत्रा द्वारा डिज़ाइन किया गया काले और सफेद रंग का गाउन पहनकर कर कई रूढ़िवादी सोच को ठेंगा दिखा दिया है. उनका रिसेप्शन लुक शादी की कई रूढ़ियों को तोड़ता है. कियारा ने बताया है कि काला रंग भी खूबसूरत हो सकता है. हम किसी रंग के प्रति नफरत क्यों फैलाएं?
कियारा इस गाउन में बेहद खूबसूरत लग रही हैं. शादिया भी तो कुंडली मिलाकर और शुभ मुहूर्त देखकर की जाती है. यह भी देखा जाता है कि लड़की मांगलिक तो नहीं है. उसमें कोई दोष तो नहीं है. मगर काले रंग के कपड़े का क्या दुश्मनी है यह समझ नहीं आता है?
असल में हमारे यहां काले रंग को नकारात्मकता का प्रतीक माना है. यह रंग सुंदरता को तो बढ़ाता है मगर इसे शोक, बुराई औऱ दुर्भाग्य के रूप में देखा जाता है. माना जाता है कि काले रंग का कपड़ा पहनना अशुभ होता है. इसलिए काले परिधान को किसी शुभ काम में शामिल नहीं किया जाता है. यहां तक की शादी के एक साल तक दुल्हनों के लिए काले और सफेद रंग के परिधान पहनने की मनाही होती है.
उनका लाख मन करे मगर वे काले रंग के वस्त्र धारण नहीं कर सकती हैं. अगर गलती से पहन लिया तो रिश्तेदार और घरवालें 10 बातें सुनाते हैं औऱ दुल्हन का ड्रेस बदलनी पड़ती है. जो दुल्हन काले रंग के परिधान को पहनती है उसे बारे में राय बन जाती है कि वह परंपरा के खिलाफ है. वह किसी की बात को महत्व नहीं देती.
हालांकि कियारा ने इसे नकारात्मक ना मानकर एक सदाबहार रंग के रूप में पेश किया. जो हर किसी पर शूट करता है. जब महिलाएं हर क्षेत्र में रूढ़िवादीसोच तो तोड़ रही हैं तो फिर दुल्हनें काले रंग का लिबास क्यों नहीं पहन सकती हैं? काले रंग को हमेशा खुशी के मौकों से दूर रखा गया. इस रंग को जन्मदिन, त्योहार या किसी उतस्व में शामिल नहीं किया गया.
हालांकि लोग धीरे-धीरे इस रंग के प्रति अपनी मानसिकता को बदल रहे हैं. ऐसे में कियारा आडवाणी ने अपने रिसेप्शन लुक से दुल्हनों के लिए काले रंग के दरवाजे खोल दिए हैं. हो सकता है कि कई दुल्हनें अपने खास दिन काले रंग को पहनना चाहती हों मगर रूढिवादी दबाव के कारण कंप्रोमाइज कर लेती हों. अब कियारा को देखकर उन दुल्हनों का हौसला बढ़ सकता है.
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