हर मां चाहती है कि उसका बच्चा संस्कारी हो, पढ़ाई में अव्वल हो और हमेशा स्कूल में टॉप करे. नर्सरी से बच्चों को A फॉर एप्पल और B फॉर बॉल पढ़ाया जाता है. लेकिन एक देश ऐसा है जहां बच्चों को A फॉर AK47 और B फॉर बम सिखाया जाता है. जहां बाकी देशों में बच्चों के दिमाग में संस्कारों की ABCD सिखाई जा रही है वहां इस देश में आतंक की परीभाषा समझाई जा रही है. जी हां, ISIS किस तरह से आने वाली पीढ़ी का ब्रेन वॉश कर रहा है, इसकी एक नई बानगी सामने आई है. पूर्वी मोसुल के एक स्कूल में पहली कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों की किताबों में बंदूकें, राइफल और टैंक की तस्वीरों से बच्चों को गणित सिखाया जा रहा है. वहां पढ़ने वाले बच्चों को एप्पल खाने के फायदे तो नहीं पता पर हां, ak47 कैसे चलाई जाती है. इसका पूरा ज्ञान है.
यह किताब अल मुथाना जिले के एक स्कूल में पाई गई है जो पूर्वी मोसुल में स्थित है. इस किताब में मैथ्स के सवाल और जवाबों को एके 47 राइफल्स, ISIS के झंडे, टैंक्स और मिलिट्री विमानों की तस्वीरों के सहारे समझाने की कोशिश की गई है. स्कूल पर ISIS के आतंकियों का कब्ज़ा है और ये किताबें इन्हीं लोगों के आदेश पर स्कूल में बच्चों को पढ़ाई जाती हैं.
इससे पहले भी IS की ऐसी किताबें ऑनलाइन वायरल हुई हैं, जिनमें बच्चों का ब्रेनवॉश करने की कोशिश की जाती थी. इराक में भी ISIS अपने प्रोपैगेंडा के सहारे बच्चों का ब्रेनवॉश करने के लिए कुख्यात है. इराक में इन बच्चों को स्कूली शिक्षा में बम...
हर मां चाहती है कि उसका बच्चा संस्कारी हो, पढ़ाई में अव्वल हो और हमेशा स्कूल में टॉप करे. नर्सरी से बच्चों को A फॉर एप्पल और B फॉर बॉल पढ़ाया जाता है. लेकिन एक देश ऐसा है जहां बच्चों को A फॉर AK47 और B फॉर बम सिखाया जाता है. जहां बाकी देशों में बच्चों के दिमाग में संस्कारों की ABCD सिखाई जा रही है वहां इस देश में आतंक की परीभाषा समझाई जा रही है. जी हां, ISIS किस तरह से आने वाली पीढ़ी का ब्रेन वॉश कर रहा है, इसकी एक नई बानगी सामने आई है. पूर्वी मोसुल के एक स्कूल में पहली कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों की किताबों में बंदूकें, राइफल और टैंक की तस्वीरों से बच्चों को गणित सिखाया जा रहा है. वहां पढ़ने वाले बच्चों को एप्पल खाने के फायदे तो नहीं पता पर हां, ak47 कैसे चलाई जाती है. इसका पूरा ज्ञान है.
यह किताब अल मुथाना जिले के एक स्कूल में पाई गई है जो पूर्वी मोसुल में स्थित है. इस किताब में मैथ्स के सवाल और जवाबों को एके 47 राइफल्स, ISIS के झंडे, टैंक्स और मिलिट्री विमानों की तस्वीरों के सहारे समझाने की कोशिश की गई है. स्कूल पर ISIS के आतंकियों का कब्ज़ा है और ये किताबें इन्हीं लोगों के आदेश पर स्कूल में बच्चों को पढ़ाई जाती हैं.
इससे पहले भी IS की ऐसी किताबें ऑनलाइन वायरल हुई हैं, जिनमें बच्चों का ब्रेनवॉश करने की कोशिश की जाती थी. इराक में भी ISIS अपने प्रोपैगेंडा के सहारे बच्चों का ब्रेनवॉश करने के लिए कुख्यात है. इराक में इन बच्चों को स्कूली शिक्षा में बम बनाना सिखाया जाता है.
इराक में भी ISIS अपने प्रोपैगेंडा के सहारे बच्चों का ब्रेनवॉश करने के लिए कुख्यात है. इराक में इन बच्चों को स्कूली शिक्षा में बम बनाना सिखाया जाता है. इन बच्चों का ब्रेन वॉश तीन प्रक्रियाओं से होकर गुज़रता है. सबसे पहले ये लोग बच्चों के दिमाग में हिंसा को एकदम सामान्य प्रक्रिया बनाते हैं और फिर कत्ल और सिर काटने जैसी जघन्य घटनाओं से ये इन बच्चों को रूबरू कराते हैं और इसके बाद ये लोग उन्हें शारीरिक ट्रेनिंग के सहारे अपनी लड़ाई के लिए तैयार करते हैं.
बच्चों की मासूमियत छीनकर ये आतंकी किताबों के जरिए इन बच्चों को खालिस ISIS सैनिक बनाना चाह रहे हैं. अब कई शरणार्थी बच्चों को अपने साथ शामिल करने की योजना बना रहा है, इसलिए वो यूरोप की तरफ भी कदम बढ़ा चुके हैं.
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