आप जिसमें यक़ीन रखते हैं उसके लिए अपनी आवाज़ बुलंद कीजिए. चाहे फिर आपको उसके लिए तमाम दुनिया से अकेले ही लड़ना क्यों न पड़े -Michael Jackson
एक बच्चा (Kid) जिसे कभी बचपन (Childhood) जीने को नहीं मिला. एक बच्चा जो कभी बड़ा हुआ ही नहीं. वो जिस बचपन को जी नहीं पाया, वो उससे कभी निकल ही नहीं पाया. उसने अपने लिए वो दुनिया क्रिएट करनी चाही जहां वो, वो हो सके जो वो होना चाहता है लेकिन चाहना और होना दो अलहदा बातें हैं. आप चाहे कितने बड़े स्टार (Star) क्यों न हो जाएं क़िस्मत पर आपका क़ाबू कभी नहीं हो सकता चाहे आप माइकल जैक्सन (Michael Jackson Birthday) ही क्यों न हों. मैं जब भी माइकल जैक्सन के बारे में सोचतीं हूं मुझे लगता है कि ज़िंदगी कितनी क्रूर रही उनके साथ. वो जिसे बाहर से हम देखते हैं, जिसे दुनिया डांस का किंग (Michael Jackson King Of Dance) समझती है वो कितना खोखला महसूस करता था अंदर से. उसे ज़िंदगी से जो चाहिए वो मिल कर भी कभी नहीं मिला.
बचपन में वो और बच्चों की तरह खेलना चाहता था लेकिन पिता ने अनुशासनात्मक तरीक़े से उन्हें डान्स और गाने के लिए बाध्य किया. जिसे माइकल कई इंटरव्यू में अब्यूज़ के जैसे बताते दिखे. यही वजह थी कि उन्होंने ‘नेवरलैंड रैंच’ ख़रीदा और वहां एक ऐसी दुनिया बनानी चाही जहां, डिज़्नी वर्ल्ड जैसा पार्क हो, एक जू हो जिसमें सभी जानवर हों, एक ऐसा घर हो जहां वो अपने बच्चों के साथ अपना बचपन जी सकें.
वो सारी चीज़ें जो पैसे से ख़रीदी जा सकती थी माइकल ने ख़रीद ली लेकिन अपना परिवार हो, जहां एक प्यार करने वाली बीवी हो, प्यारे-प्यारे...
आप जिसमें यक़ीन रखते हैं उसके लिए अपनी आवाज़ बुलंद कीजिए. चाहे फिर आपको उसके लिए तमाम दुनिया से अकेले ही लड़ना क्यों न पड़े -Michael Jackson
एक बच्चा (Kid) जिसे कभी बचपन (Childhood) जीने को नहीं मिला. एक बच्चा जो कभी बड़ा हुआ ही नहीं. वो जिस बचपन को जी नहीं पाया, वो उससे कभी निकल ही नहीं पाया. उसने अपने लिए वो दुनिया क्रिएट करनी चाही जहां वो, वो हो सके जो वो होना चाहता है लेकिन चाहना और होना दो अलहदा बातें हैं. आप चाहे कितने बड़े स्टार (Star) क्यों न हो जाएं क़िस्मत पर आपका क़ाबू कभी नहीं हो सकता चाहे आप माइकल जैक्सन (Michael Jackson Birthday) ही क्यों न हों. मैं जब भी माइकल जैक्सन के बारे में सोचतीं हूं मुझे लगता है कि ज़िंदगी कितनी क्रूर रही उनके साथ. वो जिसे बाहर से हम देखते हैं, जिसे दुनिया डांस का किंग (Michael Jackson King Of Dance) समझती है वो कितना खोखला महसूस करता था अंदर से. उसे ज़िंदगी से जो चाहिए वो मिल कर भी कभी नहीं मिला.
बचपन में वो और बच्चों की तरह खेलना चाहता था लेकिन पिता ने अनुशासनात्मक तरीक़े से उन्हें डान्स और गाने के लिए बाध्य किया. जिसे माइकल कई इंटरव्यू में अब्यूज़ के जैसे बताते दिखे. यही वजह थी कि उन्होंने ‘नेवरलैंड रैंच’ ख़रीदा और वहां एक ऐसी दुनिया बनानी चाही जहां, डिज़्नी वर्ल्ड जैसा पार्क हो, एक जू हो जिसमें सभी जानवर हों, एक ऐसा घर हो जहां वो अपने बच्चों के साथ अपना बचपन जी सकें.
वो सारी चीज़ें जो पैसे से ख़रीदी जा सकती थी माइकल ने ख़रीद ली लेकिन अपना परिवार हो, जहां एक प्यार करने वाली बीवी हो, प्यारे-प्यारे बच्चे हों, वो हो कर भी नहीं हो सका. माइकल जिससे प्यार करते थे उससे शादी भी हुई लेकिन वो शादी नहीं चल पायी. लीसा मैरी पार्स्ली जिसके साथ शादी करके माइकल को लगा कि उनका सपना पूरा हो जाएगा लेकिन माइकल की दूसरे बच्चों के साथ नज़दीकियों की वजह से वो उनसे दूर हो गयी.
फिर उन्होंने अपने बच्चों की चाह के लिए अपनी नर्स डेबी से दूसरी शादी की और उनके साथ दो बच्चे हुए बाद में किसी अनजान स्त्री के साथ एक और बच्चा हुआ. माइकल का बच्चों वाला सपना अब पूरा होता दिखा. वो एकल पिता बन कर अपने बच्चों को पालना चाहते थे और उन्होंने ये किया भी.
लेकिन फिर उन पर चाइल्ड-अब्यूज़ के इल्ज़ाम भी लगने शुरू हो गए. ये अलग बात है कि कुछ लोग उन्हें अब भी गुनहगार मानते हैं जबकि कोर्ट ने उन्हें 14 सप्ताह के बाद बाइज़्ज़त बरी कर दिया था. मैंने जितनी भी डॉक्यूमेंट्री देखी हैं माइकल कहीं से भी अब्यूज़र नहीं दिखे. हां, मुझे उनकी बातों से हर बार यही महसूस हुआ कि वो इंसान जिस बचपन को जी नहीं पाया उसे अपने साथ लिए चलता है. वो हर बच्चे के अंदर अपना बचपन जीने की कोशिश करता है.
ख़ैर, पिछले दिनों Leaving Neverland जो डॉक्यूमेंट्री माइकल पर बनी है उसे देखा. चार घंटे की ये डॉक-फ़िल्म कितनी डार्क है मैं बता नहीं सकती हूं. उसे देखने के बाद एक बार के लिए लगा कि कहीं सच में माइकल ने उन बच्चों के साथ कुछ ग़लत तो नहीं किया? अगर किया तो फिर कोर्ट में साबित क्यों नहीं हुआ? पता नहीं सच क्या है?
मैं जहां से माइकल को देख पा रही हूं, मुझे माइकल जैक्सन में एक ऐसा शख़्स दिखता है जिसे सब कुछ मिला और फिर भी उसे कुछ भी न मिल सका. आज अगर ज़िंदा होते तो जैक्सन 62 साल के होते. मैं तो उन्हें एक ऐसे इंसान के रूप में याद कर रही हूं जिसने दुनिया को डांस से दोस्ती करना सिखाया. भले ही ये दुनिया उसके लिए क्रूर थी उसने बदले में इसे मुहब्बत ही दी. Happy Birthday King.
ये भी पढ़ें -
Firaq Gorakhpuri बन रघुपति सहाय ने बताया कि सेकुलरिज्म-भाईचारा है क्या?
हाय बेचारी कमला, पति के लिए खाना बनाती है. ये क्या उप-राष्ट्रपति बनेगी!
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.