दुनिया में कुछ ऐसे लोग मिल जाते हैं जो इंसानियत पर भरोसा दिला जाते हैं. जो अपनी ड्यूटी से ज्यादा कर्तव्य निभाते हैं. जो अपनी परवाह किए बिना दूसरों की मदद करते हैं. हैरानी की बात यह है कि उन्हें इसके बदले में आपसे कुछ चाहिए भी नहीं होता है.
तस्वीर में दिखने वाले कोलकाता के ये इंसपेक्ट सौविक चक्रवर्ती (Souvik Chakraborty) भी इन्हीं लोगों में से एक हैं. असल में एक छात्रा पेपर देने के लिए घर से अकेले निकली थी, क्योंकि उसके परिवार के सभी लोग उसके दादा जी के अंतिम संस्कार में गए हुए थे. छात्रा का पेपर देना जरूरी था. वह अपने साथ पता लेकर आई थी मगर गलत रास्ते पर पहुंच गई औऱ रास्ता भटक गई. छात्रा को डर सताने लगा कि कहीं उसका पेपर ने छूट जाए. वह घबराने लगी.
उसी वक्त इंस्पेक्टर चक्रवर्ती राजा कटरा के पास स्ट्रैंड रोड पर गश्त कर रहे थे. उनकी नजर स्कूल ड्रेस पहनी स्कूली छात्रा पर पड़ी. जो रो रोकर लोगों से मदद मांग रही थी. जब पुलिस अधिकारी ने पूछा को पता चला कि वह एक माध्यमिक परीक्षार्थी है और उसका परीक्षा केंद्र श्यामबाजार में आदर्श शिक्षा निकेतन में है. वह एनएस रोड की निवासी है औऱ गलत पते पर पहुंच गई है. वह अपनी परीक्षा के लिए पहले ही लेट हो चुकी है. वह काफी समय से परेशान है.
इंस्पेक्टर चक्रवर्ती उसकी परेशानी को समझ गए. उन्होंने तुंरत छात्रा को अपनी गाड़ी में बिठाया. रास्ते में जाम ना मिले इसलिए उन्होंने ट्रैफिक कंट्रोल रूम को सूचना देते हुए एक ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था की और खुद परीक्षा केंद्र की तरफ निकल पड़े. उन्होंने छात्रा को समझाया कि वह समय से पहुंच जाएगी इसलिए टेंशन ना ले.
जब वे पहुंचे तो केंद्र के दरवाजे अभी खुले ही थे. इस...
दुनिया में कुछ ऐसे लोग मिल जाते हैं जो इंसानियत पर भरोसा दिला जाते हैं. जो अपनी ड्यूटी से ज्यादा कर्तव्य निभाते हैं. जो अपनी परवाह किए बिना दूसरों की मदद करते हैं. हैरानी की बात यह है कि उन्हें इसके बदले में आपसे कुछ चाहिए भी नहीं होता है.
तस्वीर में दिखने वाले कोलकाता के ये इंसपेक्ट सौविक चक्रवर्ती (Souvik Chakraborty) भी इन्हीं लोगों में से एक हैं. असल में एक छात्रा पेपर देने के लिए घर से अकेले निकली थी, क्योंकि उसके परिवार के सभी लोग उसके दादा जी के अंतिम संस्कार में गए हुए थे. छात्रा का पेपर देना जरूरी था. वह अपने साथ पता लेकर आई थी मगर गलत रास्ते पर पहुंच गई औऱ रास्ता भटक गई. छात्रा को डर सताने लगा कि कहीं उसका पेपर ने छूट जाए. वह घबराने लगी.
उसी वक्त इंस्पेक्टर चक्रवर्ती राजा कटरा के पास स्ट्रैंड रोड पर गश्त कर रहे थे. उनकी नजर स्कूल ड्रेस पहनी स्कूली छात्रा पर पड़ी. जो रो रोकर लोगों से मदद मांग रही थी. जब पुलिस अधिकारी ने पूछा को पता चला कि वह एक माध्यमिक परीक्षार्थी है और उसका परीक्षा केंद्र श्यामबाजार में आदर्श शिक्षा निकेतन में है. वह एनएस रोड की निवासी है औऱ गलत पते पर पहुंच गई है. वह अपनी परीक्षा के लिए पहले ही लेट हो चुकी है. वह काफी समय से परेशान है.
इंस्पेक्टर चक्रवर्ती उसकी परेशानी को समझ गए. उन्होंने तुंरत छात्रा को अपनी गाड़ी में बिठाया. रास्ते में जाम ना मिले इसलिए उन्होंने ट्रैफिक कंट्रोल रूम को सूचना देते हुए एक ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था की और खुद परीक्षा केंद्र की तरफ निकल पड़े. उन्होंने छात्रा को समझाया कि वह समय से पहुंच जाएगी इसलिए टेंशन ना ले.
जब वे पहुंचे तो केंद्र के दरवाजे अभी खुले ही थे. इस तरह उन्होंने छात्रा को सही सलामत समय पर परीक्षा केंद्र पहुंचा दिया. उन्होंने छात्रा को परीक्षा के लिए शुभकामनाएं दी.
सच में अगर चक्रवर्ती की तरह सभी पुलिस वाले सोचने लगे तो लोगों की परेशानियां ही दूर हा जाएंगी. मगर ऐसे बहुत कम लोग मिलते हैं जो दूसरों की तकलीफ को अपनी परेशानी समझते हैं. मगर इस दुनिया में इंस्पेक्टर सौविक चक्रवर्ती जैसे लोग भी हैं जो दिल को सुकून दे जाते हैं, जिन्हें दिल से सैल्यूट करने का मन करता है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.