शादी के बाद बात करके हुए क्षमा बिंदु (Kshama Bindu) बार-बार नई नवेली दुल्हन की तरह शर्मा रही थीं. उन्होंने लाल चूड़ा पहना हुआ था. मांग में अपने नाम का सिंदूर भरा हुआ था. गले में मंगलसूत्र था. माथे पर बिंदी और कानों में झुमके...जिस शादी के होने का किसी को यकीन नहीं था. इस शादी में लाख बाधाएं आईं लेकिन अब यह शादी हो चुकी है. वो भी सारी रस्मों के साथ. वो कहते हैं ना कि जब दुल्हन को राजी को क्या करेगा काजी...
कुछ लोगों ने इस शादी को हिंदू धर्म के खिलाफ माना, कुछ ने क्षमा को ट्रोल किया. अब जिस लड़की ने इतना बड़ा फैसला लिया हो वह पहले से ही लोगों नफरत झेलने के लिए तैयार थी. शादी के बाद क्षमा बड़े ही आराम से एक-एक करके सभी सवालों के जवाब दिए जा रही हैं. इस शादी को कराने से पंडित जी ने मना कर दिया. लोगों ने हो हल्ला मचाना शुरु कर दिया. इस बीच क्षमा ने तय तारीख से तीन पहले ही शादी कर ली.
क्षमा ने ना किसी पंडित को बुलाया ना ही मंदिर गईं. उन्होंने अपने कुछ करीबियों के बीच फ्लैट पर ही मोबाइल पर मंत्र बजाकर शादी की रस्में निभाईं. लाल जोड़े में सजी क्षमा ने खुद को वरमाला पहनाई, अपनी मांग में खुद ही सिंदूर भरा, अपने साथ 7 फेरे लिए और अपने नाम का मंगलसूत्र खुद ही पहन लिया. इस वक्त क्षमा काफी भावुक दिखीं.
हालांकि उनके चेहरे पर भी वही नूर था जो एक नवेली दुल्हन के चेहरे पर होता है. वह कभी नजरें नीचे कर रही थीं तो कभी शर्मा रही थी. कभी मुस्कुरा रही थीं तो कभी अपने मंगलसू्त्र और मेहंदी दिखाकर इतरा रही थीं. इस तरह भारत की...
शादी के बाद बात करके हुए क्षमा बिंदु (Kshama Bindu) बार-बार नई नवेली दुल्हन की तरह शर्मा रही थीं. उन्होंने लाल चूड़ा पहना हुआ था. मांग में अपने नाम का सिंदूर भरा हुआ था. गले में मंगलसूत्र था. माथे पर बिंदी और कानों में झुमके...जिस शादी के होने का किसी को यकीन नहीं था. इस शादी में लाख बाधाएं आईं लेकिन अब यह शादी हो चुकी है. वो भी सारी रस्मों के साथ. वो कहते हैं ना कि जब दुल्हन को राजी को क्या करेगा काजी...
कुछ लोगों ने इस शादी को हिंदू धर्म के खिलाफ माना, कुछ ने क्षमा को ट्रोल किया. अब जिस लड़की ने इतना बड़ा फैसला लिया हो वह पहले से ही लोगों नफरत झेलने के लिए तैयार थी. शादी के बाद क्षमा बड़े ही आराम से एक-एक करके सभी सवालों के जवाब दिए जा रही हैं. इस शादी को कराने से पंडित जी ने मना कर दिया. लोगों ने हो हल्ला मचाना शुरु कर दिया. इस बीच क्षमा ने तय तारीख से तीन पहले ही शादी कर ली.
क्षमा ने ना किसी पंडित को बुलाया ना ही मंदिर गईं. उन्होंने अपने कुछ करीबियों के बीच फ्लैट पर ही मोबाइल पर मंत्र बजाकर शादी की रस्में निभाईं. लाल जोड़े में सजी क्षमा ने खुद को वरमाला पहनाई, अपनी मांग में खुद ही सिंदूर भरा, अपने साथ 7 फेरे लिए और अपने नाम का मंगलसूत्र खुद ही पहन लिया. इस वक्त क्षमा काफी भावुक दिखीं.
हालांकि उनके चेहरे पर भी वही नूर था जो एक नवेली दुल्हन के चेहरे पर होता है. वह कभी नजरें नीचे कर रही थीं तो कभी शर्मा रही थी. कभी मुस्कुरा रही थीं तो कभी अपने मंगलसू्त्र और मेहंदी दिखाकर इतरा रही थीं. इस तरह भारत की पहली ऐसी शादी पूरी हो गई जिसमें पति और पत्नी दोनों की भूमिका क्षमा की निभा रही हैं.
वो कहती हैं कि 'मैं इस शादी से बहुत खुश हूं. खुद को कंप्लीट महसूस कर रही हूं. मुझे कभी किसी की पत्नी नहीं बनना था लेकिन दुल्हन बनना था. मैं किसी और से शादी नहीं करूंगी, कभी कोई पसंद आ गया तो उसे जाना होगा, क्योंकि मेरी खुद से शादी हो चुकी है.'
इसे सोलोगैमी कहिए या कुछ लेकिन क्षमा बिंदु ने खुद से शादी करके आखिरकार खुद को पूरी तरह अपना ही लिया. क्षमा ने यह भी कहा कि वह जेंडर इक्वेलिटी में यकीन रखती हैं और वे इसके लिए काम करना चाहती हैं.
कई लोगों ने क्षमा को बधाई दे रहे हैं. वह कह रह हैं कि तुमने एक फैसला लिए और उसे सच कर दिखाया. अब तुम अपने साथ हमेशा खुश रहो. तुम दुल्हन बनकर प्यारी लग रही हो. ऐसे ही रहना.
वहीं कुछ लोग क्षमा को उनके हनीमून प्लान के लिए उन्हें गंदी-गंदी गालियों से नवाज रहे हैं. जिन्हें क्षमा की इस शादी से दिक्कत थी. जो क्षमा को इस शादी के लिए कोस रहे थे. इस शादी को दिमाग का पागलपन और गंदगी बता रहे थे. वे खुद हनीमून को सेक्स से जोड़कर अपने दिमाग की गंदगी साफ कर रहे हैं. यकीन ना हो तो क्षमा से संबंधित किसी भी पोस्ट के कमेंट देख लीजिए...
खुद को पाक-साफ बताने वालों के कमेंट तो देखिए-
-शादी तो ठीक है लेकिन सुहाग रात कैसे मनाएगी?
-इस शादी के बाद आपकी पीढ़ी कैसे आगे बढ़ेगी?
-नई पीढ़ी को गलत तरीके से प्रभावित करने वाली क्षमा.
-अकेले हनीमून कैसे मनाओगी? क्या बच्चा भी अकेले ही पैदा कर लोगी?
-बहुत बढ़िया बहन अच्छा हुआ जो खुद से शादी कर ली नहीं तो किसी की जिंदगी बर्बाद हो जाती, ओम शांति ओम...
-आपको प्रसिद्ध होना है और कुछ नहीं भगवान आपको सदबुद्धि दे...
-आगे चलकर अगर वह प्यार में पड़ जाती है और किसी को डेट करना शुरू कर देती है तो क्या इसे धोखा माना जाएगा?
-अगर वह भविष्य में कभी किसी और से शादी करने का फैसला करती है तो क्या उसे खुद को तलाक देने की जरूरत होगी?
-शादी खुद से ठीक है लेकिन बच्चे भी होते खुद से हो सकते हैं क्या से...इंटरनेट के जमाने में कुछ भी हो सकता है.
-self love ठीक बात है, इसका मतलब खुद का ख्याल रखना होता है न की खुद से शादी करना...
-शाबाशी तभी है जब किसी लड़के के साथ रिलेशन में न आना और पूरा जीवन खुद में ही जीना.
-जरा उसे ध्यान से देखो, वह पहले से ही किसी लड़के के साथ रिलेशनशिप में है, ब्रेकअप के बाद उसने यह फैसला लिया है.
-शादी का उद्देश्य क्या है? क्या यह संतुष्टि की भावना देता है?
-कैसे कैसे लोग दुनिया में पैदा हो चुके है समझ के परे है. अभी तक तो लड़का-लड़का, लड़की-लड़की...अब तो खुद से...
कुछ कमेंट्स तो इतने गंदे हैं कि हम उन्हें यहां नहीं लिख सकते. कोई क्षमा के शरीर को जज कर रहा है तो कई यह कह रहा है कि, अपने लिए लड़का नहीं खोज पाई होगी. कोई कह रहा है कि लड़के ने छोड़ दिया...
ऐसी कई महिलाएं जो शादी नहीं करती हैं और अकेले जिंदगी बिताती हैं. क्षमा भी अकेले ही रहने वाली हैं. इस शादी के जरिए उन्होंने अपने अस्तित्व को कमियों के साथ अपना लिया है. यह शादी क्षमा के लिए खुश होने, खुद को सेलेब्रेट करने का एक तरीका था.
क्षमा को दुल्हन बनने का शौक था, इसलिए उन्होंने यह फैसला लिया. यह उनकी जिंदगी है तो वह कैसे भी जिएं. हमें उन्हें अकेला छोड़ देना चाहिए...जिसे किसी और की पत्नी बनना ही नहीं था, उससे सुहागरात की बात पूछना बहुत ही ओछी हरकत है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.