फटी जींस (Ripped Jeans) को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह की सोच से आप अवगत हो ही गए होंगे. तो अब यह भी जान लीजिए कि हमारे देश में आज भी ऐसी कई जगहें हैं जहां लड़कियों के जींस पहनने पर पाबंदी (jeans ban) है. दुनिया कहां से कहां पहुंच गई लेकिन ये अपने में दुर्भाग्यपूर्ण है कि लड़कियों पर कई तरह की पाबंदी आज भी लगी है. कई जगहों पर जींस और स्कर्ट पहनने पर मनाही है. मतलब लड़कियां अपने सुविधानुसार कपड़े भी नहीं पहन सकतीं.
आपने ऐसी कई फिल्में देखी होंगी जहां जींस पहनने वाली लड़की को बदमाश और सूट व साड़ी पहनने वाली लड़की को आदर्श और संस्कारी दिखाया गया होगा. भला कपड़ों से संस्कार का पैमाना कैसे मापा जा सकता है? फिल्म में जब हीरोइन शरमाते हुए कहती है कि हमारे यहां लड़कियां जींस नहीं पहनती तो लोग बड़ा खुश होते हैं, वाह इसे कहते हैं संस्कार.
जब कोई महिला ट्रेन में सफर करती है तो वह जितना कंफर्टेबल जींस और कुर्ते में होगी उतना शायद साड़ी में नहीं, लेकिन शादी के बाद अक्सर जींस पहनने वाली लड़कियां साड़ी में आ जाती हैं. उदाहरण के लिए जब लड़की को मायके से ससुराल जाना होता है तो भले ही सफर कितना लंबा क्यों ना हो, उसकी हिम्मत नहीं होती कि वह जींस-कुर्ता पहन लें, क्योंकि उसे पता है कि ससुराल पहुंचते ही सबसे पहले उसके पहनावे के आधार पर ही उसे जज किया जाएगा.
हमारे देश में बातें तो बहुत बड़ी-बड़ी होती हैं लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. कहने को तो हम आजाद हैं और स्मार्ट इंडिया में जीते हैं लेकिन आज भी कई घरोे में लड़कियों की जिंदगी दूसरों के बनाए गए फैसलों पर ही चलती है. अब ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में आपको बता रहे हैं जहां लड़कियों के जींस पहनने पर बैन...
फटी जींस (Ripped Jeans) को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह की सोच से आप अवगत हो ही गए होंगे. तो अब यह भी जान लीजिए कि हमारे देश में आज भी ऐसी कई जगहें हैं जहां लड़कियों के जींस पहनने पर पाबंदी (jeans ban) है. दुनिया कहां से कहां पहुंच गई लेकिन ये अपने में दुर्भाग्यपूर्ण है कि लड़कियों पर कई तरह की पाबंदी आज भी लगी है. कई जगहों पर जींस और स्कर्ट पहनने पर मनाही है. मतलब लड़कियां अपने सुविधानुसार कपड़े भी नहीं पहन सकतीं.
आपने ऐसी कई फिल्में देखी होंगी जहां जींस पहनने वाली लड़की को बदमाश और सूट व साड़ी पहनने वाली लड़की को आदर्श और संस्कारी दिखाया गया होगा. भला कपड़ों से संस्कार का पैमाना कैसे मापा जा सकता है? फिल्म में जब हीरोइन शरमाते हुए कहती है कि हमारे यहां लड़कियां जींस नहीं पहनती तो लोग बड़ा खुश होते हैं, वाह इसे कहते हैं संस्कार.
जब कोई महिला ट्रेन में सफर करती है तो वह जितना कंफर्टेबल जींस और कुर्ते में होगी उतना शायद साड़ी में नहीं, लेकिन शादी के बाद अक्सर जींस पहनने वाली लड़कियां साड़ी में आ जाती हैं. उदाहरण के लिए जब लड़की को मायके से ससुराल जाना होता है तो भले ही सफर कितना लंबा क्यों ना हो, उसकी हिम्मत नहीं होती कि वह जींस-कुर्ता पहन लें, क्योंकि उसे पता है कि ससुराल पहुंचते ही सबसे पहले उसके पहनावे के आधार पर ही उसे जज किया जाएगा.
हमारे देश में बातें तो बहुत बड़ी-बड़ी होती हैं लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. कहने को तो हम आजाद हैं और स्मार्ट इंडिया में जीते हैं लेकिन आज भी कई घरोे में लड़कियों की जिंदगी दूसरों के बनाए गए फैसलों पर ही चलती है. अब ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में आपको बता रहे हैं जहां लड़कियों के जींस पहनने पर बैन है.
1- हरियाणा का आदर्श कन्या महाविद्यालय का मानना है कि छोटे कपड़े पहनने से छेड़खानी के मामले सामने आते हैं, इसलिए लड़कियों को पूरा तन ढकना जरूरी है. यहां जींस और स्कर्ट पहनना सख्त कर दिया गया है. किसी ने इस नियम को तोड़ा तो उसे 100 रुपए का जुर्माना भी देना पड़ेगा.
2- चेन्नई के श्री साईराम कॉलेज में लड़कियां बाल भी खुले नहीं रख सकतीं. लड़कियों को क्या पहनना है और क्या नहीं इसके लिए नियम बनाए गए हैं. जींस, टॉप और एयर टाइट पैंट भी नहीं पहन सकतीं.
3- तिरुवल्लुवर के इंजीनियरिंग कॉलेज में भी छात्राओं को पहनावे से संबंधित नियमों का पालन करना पड़ता है. सिर्फ छात्राओं को नहीं बल्कि फीमेल लेक्चरर को भी इन नियमों का पालन करना पड़ता है.
4- राजस्थान के बाड़मेर में भी सिर्फ जींस ही नहीं बल्कि लड़कियों को फोन पर बात करने पर भी पाबंदी है. पंचायत ने यह फरमान लड़कियों की सुरक्षा के लिहाज से बनाया था.
5- कश्मीर व श्रीगर में स्थानीय महिलाओं के साथ-साथ महिला पर्यटकों को भी साधारण कपड़ें पहनने के लिए नियम हैं. ऐसा सुझाव जमात-ए-इस्लामी कश्मिर इस स्थानिय धार्मिक संघठनों ने दिया था.
6- हरियाणा के महिला व बाल विभाग में फील्ड में काम करते समय महिलाओं को सादगीपूर्ण कपड़े पहनने का आदेश दिया गया. जींस को कथित तौर पर सभ्य नहीं माना जाता इसलिए इसे पहनने पर पाबंदी है.
7- मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के मंदिरों में जींस और और छोटे कपड़े पहनने पर पाबंदी लगाई थी.
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