कुछ साल पहले की बात है. पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में एक 15 साल के लड़के ने गलती से धर्मसभा में पूछे गए ‘उल्टे सवाल’ का जवाब हाथ उठाकर हां में दिया. बात मुल्ला को नागवार गुजरी और उसने लड़के को ईशनिंदा का जिम्मेदार माना और उसे जमकर बेइज्जत किया. मारे शर्मिंदगी के लड़के ने अपने हाथ की बलि दे दी और लाकर उसे मुल्ला की गोद में रख दिया. मुल्ला को लड़के का अंदाज पसंद आया और उसने उसकी जमकर तारीफ की और फिर लड़का इलाके में किसी स्टार की तरह हाथों हाथ लिया जाने लगा.
दरअसल हुआ ये था कि जनसभा में मुल्ला ने पूछा कि ‘आपमें से कौन अपने पैगंबर को प्यार करता है’. लड़के समेत वहां मौजूद सभी लोगों ने अपना हाथ खड़ा कर दिया. इसके बाद मुल्ला ने अगला सवाल किया, ‘वो लोग हाथ खड़ा करें जिन्हें पैगंबर की बातों पर विश्वास नहीं है.’ क्योंकि लड़का जज्बात के समंदर में बह चुका था इसलिए इस सवाल पर भी उस लड़के ने अपना दाहिना हाथ बड़े ही गर्व के साथ खड़ा कर दिया. बाद में लड़के को अपनी गलती का एहसास हुआ लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. भरी सभा में उस लड़के को ईशनिंदा का गुनहगार ठहराकर अपमानित किया गया.
शर्म से पानी-पानी हुआ वह लड़का घर गया और फिर उसने अपना वो दाहिना हाथ काट दिया. कटा हुआ हाथ लेकर लड़का मुल्ला के पास आया जिसने लड़के की हरकत देखकर उसे आशिक करार दिया और उसे पैगंबर को सच्चे दिल से चाहने वाला बताया. लड़के के प्रायश्चित का ये तरीका आसपास के सभी गांवों में विख्यात हो गया. उसके घर पर पड़ोसियों का तांता लगा गया. लोग आते हटा हुआ हाथ चूमते और लड़के की जेब में पैसे डालकर चले जाते. सभी एक एक कर उसके कटे हुए हाथ को चूम रहे हैं और उसकी...
कुछ साल पहले की बात है. पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में एक 15 साल के लड़के ने गलती से धर्मसभा में पूछे गए ‘उल्टे सवाल’ का जवाब हाथ उठाकर हां में दिया. बात मुल्ला को नागवार गुजरी और उसने लड़के को ईशनिंदा का जिम्मेदार माना और उसे जमकर बेइज्जत किया. मारे शर्मिंदगी के लड़के ने अपने हाथ की बलि दे दी और लाकर उसे मुल्ला की गोद में रख दिया. मुल्ला को लड़के का अंदाज पसंद आया और उसने उसकी जमकर तारीफ की और फिर लड़का इलाके में किसी स्टार की तरह हाथों हाथ लिया जाने लगा.
दरअसल हुआ ये था कि जनसभा में मुल्ला ने पूछा कि ‘आपमें से कौन अपने पैगंबर को प्यार करता है’. लड़के समेत वहां मौजूद सभी लोगों ने अपना हाथ खड़ा कर दिया. इसके बाद मुल्ला ने अगला सवाल किया, ‘वो लोग हाथ खड़ा करें जिन्हें पैगंबर की बातों पर विश्वास नहीं है.’ क्योंकि लड़का जज्बात के समंदर में बह चुका था इसलिए इस सवाल पर भी उस लड़के ने अपना दाहिना हाथ बड़े ही गर्व के साथ खड़ा कर दिया. बाद में लड़के को अपनी गलती का एहसास हुआ लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. भरी सभा में उस लड़के को ईशनिंदा का गुनहगार ठहराकर अपमानित किया गया.
शर्म से पानी-पानी हुआ वह लड़का घर गया और फिर उसने अपना वो दाहिना हाथ काट दिया. कटा हुआ हाथ लेकर लड़का मुल्ला के पास आया जिसने लड़के की हरकत देखकर उसे आशिक करार दिया और उसे पैगंबर को सच्चे दिल से चाहने वाला बताया. लड़के के प्रायश्चित का ये तरीका आसपास के सभी गांवों में विख्यात हो गया. उसके घर पर पड़ोसियों का तांता लगा गया. लोग आते हटा हुआ हाथ चूमते और लड़के की जेब में पैसे डालकर चले जाते. सभी एक एक कर उसके कटे हुए हाथ को चूम रहे हैं और उसकी जेब में कुछ पैसा डाल दे रहे हैं. इस पूरे प्रकरण को देखें तो मिलता है कि पैगंबर से ज्यादा लड़के के लिए जरूरी मुल्ला का गुस्सा होना था. लड़का किसी भी सूरत में अपने मुल्ला को नाराज नहीं करना चाहता था.
सवाल होगा कि ये कहानी क्यों सुनाई जा रही है तो वजह है उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से आ रही एक खबर. आपको बताते चलें कि बुलंदशहर के शिकारपुर में पवन कुमार नाम के एक बसपा समर्थक ने चुनाव के समय ईवीएम में गलत बटन दबा दिया और वोट भाजपा को दे दिया. वोट देने के बाद लड़के को लगा कि उसने भारी भूल कर दी है और इस गलती का प्रायश्चित करने के लिए उसने अपनी वो अंगुली गंडासे से काट ली जिससे उसने भाजपा को वोट किया था. युवक गंभीर रूप से घायल है जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है.
बताया जा रहा है कि बसपा समर्थक पवन कुमार हाई स्कूल पास है. बात अगर परिवार की हो तो पवन के पिता मजदूर हैं जो मजदूरी करके परिवार का पेट पाल रहे हैं. पवन का ये पहला चुनाव था इसलिए कहा ये भी जा रहा है कि इस चुनाव को लेकर पवन बहुत उत्साहित था. बताया ये भी जा रहा है कि वो बड़े ही उत्साह के साथ वोट डालने गया था. निर्धारित प्रक्रिया पूरी करने के बाद जब पवन ईवीएम पर वोट डालने पहुंचा तो उससे गलती से फूल के निशान का बटन दब गया, जबकि वह हाथी के निशान वाला बटन दबाना चाहता था.
वीवीपैट मशीन से पवन ने जब अपना वोट भाजपा के पाले में जाते देखा तो उसे काफी अफ़सोस हुए. इसके बाद वह उदास मन से घर पहुंचा और उसने गंडासे से अपनी उस अंगुली को काट दिया जिससे उसने हाथी के बजाए फूल का बटन दबाया था. इसका पता चलने पर परिजनों में हड़कंप मच गया. परिजन उसे तत्काल अस्पताल ले गए, जहां उसका उपचार चल रहा है.
पवन सही सलामत है. मगर इंडिया और पाकिस्तान दोनों में हुए इन दो मामलों का जब अवलोकन किया जाए तो मिलता है कि, इन दोनों में काफी समानता है. वहां लड़के ने अल्लाह के मुकाबले मुल्ला को खुश करने के लिए अपना हाथ कटा था. जबकि यहां मुल्ला की भूमिका में बसपा सुप्रीमो मायावती थीं. जिनकी पार्टी को वोट न देने से क्षुब्ध लड़के ने अपनी अंगुली ही काट ली और उसे प्रायश्चित का नाम देकर खुद को बेवक़ूफ़ बना दिया.
बहरहाल, दोनों ही मामले देखकर कह सकते हैं कि चाहे राजनीति हो या धर्म, दोनों के अंदर ही वो गुण हैं जो एक आदमी को मजबूर कर सकते हैं कुछ ऐसा करने के लिए जिसकी कल्पना ही शायद किसी ने की हो.
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