विदेशों में नग्नता को लेकर अब तक कई किस्से कहानी सुने, नग्न होकर विरोध प्रदर्शन, किसी अभियान के लिए नग्न रैली निकालना, या फिर न्यूड बीच. लेकिन अब तो नंगेपन की हद ही हो गई. लंदन में हाल ही में एक नेकेड रेस्त्रां खोला गया है. जिसका नाम है बुनियादी. इस रेस्त्रां का आधार है खुलापन और आजादी.
इस रेस्त्रां का आधार है खुलापन और आजादी |
जैसा कि नाम से ही जाहिर है, बुनियादी मतलब, आधार, शुरुआत. यहां की सजावट हो या फिर खाना, सब प्राकृतिक चीजों से ही बनाया गया है. न तो यहां बिजली है और न ही कम्युनिकेशन का कोई साधन. ये रेस्त्रां अपने कस्टमर्स को उस समय का वातावरण देने का वादा करता है जब खाना ताजा और प्राकृतिक रूप में होता था, आधुनिक जीवन के प्रभाव से बिल्कुल जुदा. मतलब वो खाना जो शायद आदम और हौव्वा खाया करते रहे होंगे, वो भी बगैर कपड़ों के. जाहिर है उस दौर में लोग बिना कपड़ों के ही रहते थे. लेकिन तब बगैर कपड़ों के रहना नग्नता नहीं, स्वतंत्रा थी, या कहें कि मजबूरी.
देखिए इस रेस्त्रां की एक झलक-
ये भी पढ़ें- क्या इस तरह भी हो सकता है एक रेस्त्रां में खाने का इंतजार
लेकिन यहां नग्नता मजबूरी नहीं है
जब आप यहां पहुंचेंगे, आपको बार एरिया में टॉवेल गाउन (बाथरोब) और स्लिपर देकर चेंज करने के लिए भेजा जाएगा....
विदेशों में नग्नता को लेकर अब तक कई किस्से कहानी सुने, नग्न होकर विरोध प्रदर्शन, किसी अभियान के लिए नग्न रैली निकालना, या फिर न्यूड बीच. लेकिन अब तो नंगेपन की हद ही हो गई. लंदन में हाल ही में एक नेकेड रेस्त्रां खोला गया है. जिसका नाम है बुनियादी. इस रेस्त्रां का आधार है खुलापन और आजादी.
इस रेस्त्रां का आधार है खुलापन और आजादी |
जैसा कि नाम से ही जाहिर है, बुनियादी मतलब, आधार, शुरुआत. यहां की सजावट हो या फिर खाना, सब प्राकृतिक चीजों से ही बनाया गया है. न तो यहां बिजली है और न ही कम्युनिकेशन का कोई साधन. ये रेस्त्रां अपने कस्टमर्स को उस समय का वातावरण देने का वादा करता है जब खाना ताजा और प्राकृतिक रूप में होता था, आधुनिक जीवन के प्रभाव से बिल्कुल जुदा. मतलब वो खाना जो शायद आदम और हौव्वा खाया करते रहे होंगे, वो भी बगैर कपड़ों के. जाहिर है उस दौर में लोग बिना कपड़ों के ही रहते थे. लेकिन तब बगैर कपड़ों के रहना नग्नता नहीं, स्वतंत्रा थी, या कहें कि मजबूरी.
देखिए इस रेस्त्रां की एक झलक-
ये भी पढ़ें- क्या इस तरह भी हो सकता है एक रेस्त्रां में खाने का इंतजार
लेकिन यहां नग्नता मजबूरी नहीं है
जब आप यहां पहुंचेंगे, आपको बार एरिया में टॉवेल गाउन (बाथरोब) और स्लिपर देकर चेंज करने के लिए भेजा जाएगा. आपके कपड़े और सामान लॉकर में रख दिए जाएंगे, क्योंकि रेस्त्रां में अपने साथ कुछ भी ले जाना मना है. अपना फोन तक आपको बाहर ही छोड़ना पड़ेगा.
बार एरिया में टॉवेल गाउन पहनने के लिए दिए जाते हैं |
फिर वेटर आपको खाने की टेबल तक ले जाएंगे. यहां बांस के चैंबर बनाए गए हैं, और वहीं खाने की मेज लगी हैं. यहां खास बात ये भी है कि वेटर और वेट्रेस भी नग्न ही होते हैं. बस नीचे छोटी सी ब्रीफ पहने और उसपर पत्तियां लगी होती हैं.
बांस के चैंबर |
आपको वहां निर्वस्त्र रहना है या फिर गाउन के साथ, ये आपकी अपनी मर्जी है. यानि नग्नता करनी है, या कितनी करनी है ये आपके अपने हाथ में होता है. बैठने के लिए लकड़ी के तने हैं, और रौशनी के लिए हर टेबल पर मोमबत्ती.
बैठने के लिए पेड़ों के तने हैं, और खाने के बर्तन मिट्टी के बने हैं |
अंदर मोमबत्ती जलती है और एसी नहीं होने से तापमान बढ़ जाता है. ऐसे में लोगों के पास अपने गाउन उतारने के अलावा कोई चारा ही नहीं होता. ऐसा नहीं कि लोग गर्मी से परेशान होकर निर्वस्त्र होते हैं, बल्कि खुशी खुशी अपना गाउन उतारते हैं, आखिर इसी के लिए तो इतना पैसा खर्च किया जाता है. और अब प्राकृतिक कहे जाने वाले इस खाने का आनंद लिया जाता है.
निसंकोच निर्वस्त्र हो जाते हैं लोग |
कितना खास है ये प्राकृतिक खाना
यहां शाकाहारी और मांसाहारी, दोनों तरह का खाना उपलब्ध है. खाने की खास बात ये है कि यहां खाना बिना किसी आर्टीफीशियल रंग और कैमिकल के, प्राकृतिक तराके से पाकाया जाता है. रसोई में भी मेटल और प्लास्टिक के कोई उपकरण नहीं हैं. खाना मिट्टी से बने बर्तनों में ही सर्व किया जाता है. यहां कटलरी भी एडिबल है.
इस खाने से क्या पेट भरता होगा? |
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शुरुआत होती है सलाद से. जिसमें सेब, खीरा, मूली होता है और साथ में ठंडा सूप दिया जाता है. फिर असपर्गस, नमकीन बादाम, लाल प्याज और तरबूज दिया जाता है. मासाहारियों के लिए मछली और सीवीड सलाद दिया जाता है. इसके बाद दो डेजर्ट भी सर्व किए जाते हैं. और इतने सबके लिए एक व्यक्ति को देने होते हैं 69 पाउण्ड या 80 डॉलर.
ये रहा डेजर्ट |
सौदा बुरा नहीं
देखा जाए तो इस खाने को लजीज तो नहीं कहा जा सकता है, हां महंगा जरूर कह सकते हैं. अगर आप खाने का आनंद लेने इस रेस्त्रां में जाना चाहते हैं तो शायद ये आपके लिए मुनासिब जगह नहीं है. इस खुलेपन के अनुभव के लिए आपको रेस्त्रां 1 घंटा 45 मिनट का समय देता है. लेकिन हां, नग्नता या फिर आजादी का अनुभव करने के लिए इतना समय और इतनी कीमत देना लोगों को मुनासिब लग रहा है. तभी तो बुकिंग करा चुके 46,800 लोग अभी भी वेटिंग में हैं.
46,800 लोग अभी भी वेटिंग में हैं |
बहुत से लोग प्रकृति प्रेमी होते हैं, उनके लिए नग्नता का मतलब स्वतंत्रता है. इन लोगों का इस रेस्त्रां में प्राकृतिक अनुभव लेने को सही ठहराया भी जा सकता है, लेकिन सोचकर देखिए कि प्रकृति प्रेमियों की संख्या 46,800 तो नहीं हो सकती. ज्यादातर लोग तो स्वतंत्रता के नाम पर नग्नता का अनुभव ही करना चाहते हैं. और हो भी क्यों न, आखिर ये रेस्त्रां वही तो परोस रहा है. पर सोचकर देखिए तो प्रकृति का अनुभव करने के लिए आप इस जगह पर अपने परिवार को तो साथ ला नहीं सकते. और जिस जगह आप परिवार के साथ नहीं जा सकते उसे समाज भी स्वीकृति नहीं देता. लेकिन ये अपने तरह का पहला रेस्त्रां नहीं है, ऑस्ट्रेलिया में पहले ही इस तरह का नेकेड रेस्त्रां खुला हुआ है. और अब खबर आ रही है कि जापान में भी नेकेड रेस्त्रां जल्द ही खुलने वाला है.
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