मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का, उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले...तस्वीर में दिख रहे इस प्रेमी जोड़े की कहानी जानकर ये शायरी जेहन में आ गई. जो प्रेम में डूबे ऐसे प्रेमियों के लिए ही बनाई गई है.
बिहार के सीतामढ़ी जिले की सबीना खातून और उनके प्रेमी रविशंकर जी को मोहब्बत हो गई. दोनों ने एक-दूसरे से कुछ छिपाया नहीं था, वे जानते थे कि उनका धर्म अलग है.
प्यार ऐसी चीज है जो लाख छिपाए भी नहीं छिपती. दुनिया को इनके प्यार के बारे में भनक लग गई और फिर हिन्दू-मुस्लिम शुरु हो गया. ये दोनों तो शादी करना चाहते थे लेकिन घरवालों की रजामंदी मिलती दिख नहीं रही थी. अब ये प्रेमी जोड़े आखिर क्या करते? वे अपने प्यार के खातिर ट्रेन से दिल्ली के लिए भाग निकले.
वैसे भी अब प्रेम में भागने वाले लोग कम हैं और एक-दूसरे को बर्बाद करने वाले ज्यादा हैं. ऐसा लगता है प्यार निभाने की क्षमता अब कम ही हो गई है. तभी तो एक साथ भागने से अधिक प्रेमी जोड़े एक-दूसरे से भागने लगते हैं. शादी करने का वादा तो कर देते हैं लेकिन जब समय आता है तो परिवार के नाम पर 10 बहाने बनाने लगते हैं.
प्यार में भागना शायद प्रेमियों की मजबूरी और आखिरी उपाय होता है. कभी-कभी तो घरवालों से भागने का गम प्यार पर भारी पड़ जाता है. तभी तो वे अपने साथी को बीच सफर में छोड़कर अपनों के पास लौट आते हैं, लेकिन फिर कई प्रेमी जोड़ों का क्या हश्र होता है यह तो आपको भी पता है. कई बार तो भागने के हर्जाने के रूप में उन्हें अपनी जान भी गवानी पड़ती है. लड़की को धमका-बुझाकर जबरन कहीं और शादी करा दी जाती है. वहीं लड़के के ऊपर बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का...
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का, उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले...तस्वीर में दिख रहे इस प्रेमी जोड़े की कहानी जानकर ये शायरी जेहन में आ गई. जो प्रेम में डूबे ऐसे प्रेमियों के लिए ही बनाई गई है.
बिहार के सीतामढ़ी जिले की सबीना खातून और उनके प्रेमी रविशंकर जी को मोहब्बत हो गई. दोनों ने एक-दूसरे से कुछ छिपाया नहीं था, वे जानते थे कि उनका धर्म अलग है.
प्यार ऐसी चीज है जो लाख छिपाए भी नहीं छिपती. दुनिया को इनके प्यार के बारे में भनक लग गई और फिर हिन्दू-मुस्लिम शुरु हो गया. ये दोनों तो शादी करना चाहते थे लेकिन घरवालों की रजामंदी मिलती दिख नहीं रही थी. अब ये प्रेमी जोड़े आखिर क्या करते? वे अपने प्यार के खातिर ट्रेन से दिल्ली के लिए भाग निकले.
वैसे भी अब प्रेम में भागने वाले लोग कम हैं और एक-दूसरे को बर्बाद करने वाले ज्यादा हैं. ऐसा लगता है प्यार निभाने की क्षमता अब कम ही हो गई है. तभी तो एक साथ भागने से अधिक प्रेमी जोड़े एक-दूसरे से भागने लगते हैं. शादी करने का वादा तो कर देते हैं लेकिन जब समय आता है तो परिवार के नाम पर 10 बहाने बनाने लगते हैं.
प्यार में भागना शायद प्रेमियों की मजबूरी और आखिरी उपाय होता है. कभी-कभी तो घरवालों से भागने का गम प्यार पर भारी पड़ जाता है. तभी तो वे अपने साथी को बीच सफर में छोड़कर अपनों के पास लौट आते हैं, लेकिन फिर कई प्रेमी जोड़ों का क्या हश्र होता है यह तो आपको भी पता है. कई बार तो भागने के हर्जाने के रूप में उन्हें अपनी जान भी गवानी पड़ती है. लड़की को धमका-बुझाकर जबरन कहीं और शादी करा दी जाती है. वहीं लड़के के ऊपर बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का और रेप करने का मुकदमा कर दिया जाता है.
खैर, प्रेम में भागे इस प्रेमी जोड़े का जब एक रात का सफर पूरा हुआ तो सबीना को अपने घर की याद आने लगी. शायद उसे अपने मां के हाथ के खाने और बाई-बहन की कमी खल रही होगी. शायद उसे बाजार से सब्जी लेकर लौटे पिता की याद आ रही होगी. उसे पड़ोस वाली मिक्की को डांस भी तो सिखाना था और उसकी सहेलियां, वो गली, वो मोहल्ला उसका क्या? पड़ोस वाली अम्मा तो बिना उसे देखे उदास हो रही होंगी.
दरअसल, शादी के बाद भी लड़कियों को अपने घर से अलग होने में उनका पूरा जन्म खत्म हो जाता है. सबीना को तो घर छोड़े सिर्फ एक दिन ही दिन हुए थे. उसने संकोच करते हुए रवि ने कहा कि मुझे घर की याद आ रही है. रवि ने कहा होगा कि अब क्या हो सकता है? घर गए तो मारे जाएंगे.
सबीना ने कहा कि इस तरह घर से भागना पाप है और वह दाउदपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से कूद गई. इसके बाद रविशंकर को कुछ समझ नहीं आया वह उसके पीछे कूद गया. जब उसकी साथी ही बीच राह में उसे छोड़कर जा रही हो तो वह किसके लिए घर से भागता और किसके लिए दिल्ली जाता. सबीना अपने घर लौटना चाहती थी और रवि उसे अपने साथ दिल्ली ले जाना चाहता था.
स्टेशन के रेलवे ट्रेक पर सबीना आगे-आगे भाग रही थी और रवि उसके पीछे दिवानों की तरह भाग रहा था. पुलिस ने जब दोनों को इस हालात में देखा तो उन्हें पकड़ लिया. पुलिस दोनों थाने ले आई. दोनों के परिजनों को उनके बारे में जानकारी दे दी गई है. शायद, आपको सबीना पर गुस्सा आए कि उसने क्यों बीच राह में रवि का साथ छोड़ दिया, लेकिन एक बात याद रखी जानी चाहिए कि कभी भी किसी को आधे-अधूरे मन के साथ नहीं अपनाना चाहिए.
जब प्यार में जोड़ों में दिल न मिले तो जबरदस्ती साथ रहन से अच्छा प्यार से बाहर निकल जाने का रास्ता भी आसान होना चाहिए. प्यार को जितना हो सके सरल ही होना चाहिए. प्यार में दिल दुखाने वाला, रूलाने वाला आपके लिए बना ही नहीं है. सबीना एक तरफ तो रवि से प्यार में है, लेकिन उसे अपने घरवालों से भी दूर नहीं जाना है. एक लड़की अगर ये दोनों अधिकार चाहती है तो इसमें क्या गलत है?
फिलहाल बिहार पुलिस ने कहा है कि प्यार में अब साथ भागो मत साथ रहो...लेकिन अब दोनों का साथ रहना मुमकिन है या नहीं यह तो किस्मत और समाज के ऊपर है. सबीना तो अपने परिवार के लिए बीच मझधार में अपने माझी को छोड़कर आ गई, अब देखना है कि उसके परिवार वाले उसके प्रेम को कितना समझते हैं? प्यार में डूबे ये दोनों कितने प्यारे लग रहे हैं...वे किस तरह के लोग हैं जो इन्हें अलग करना चाहते हैं?
फिलहाल हम तो यही कहेंगे- ये इश्क़ नहीं आसां इतना ही समझ लीजे, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है...
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.