तीन तलाक पर कानून लाकर सरकार भले ही बिल्लियों उछल रही हो और इसका शुमार अपनी बड़ी उपलब्धियों में कर रही हो लेकिन कानून के बावजूद मुस्लिम महिलाओं के लिए स्थिति किस हद तक क्रूर है गर जो इसका अवलोकन करना हो तो हमें उत्तर प्रदेश के मेरठ का रुख करना चाहिए. धर्म और कर्मकाण्डों की आड़ लेकर एक बार फिर मेरठ में मानवता को तार तार किया गया है. मेरठ में एक तलाकशुदा महिला के साथ दो युवकों ने हलाला के नाम पर गैंगरेप किया है. पुलिस ने युवकों को हिरासत में ले लिया है जबकि घटना में शामिल एक मौलाना फरार है जिसकी तलाश जारी है. चूंकि सरकार ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून ला चुकी है यदि मेरठ की महिला ने पति द्वारा तलाक दिए जाने के बाद पुलिस के पास जाना और इस मामले की शिकायत करना उचित समझा होता तो हो सकता है महिला बच जाती.
क्या था पूरा मामला
मामले में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार मेरठ के लिसाड़ी गेट निवासी महिला की किसी बात को लेकर अपने पति से तीखी बहस हुई थी. न तो महिला ही पीछे हट रही थी न ही पति चुप होने का नाम ले रहा था. दोनों के बीच विवाद कुछ इस हद तक बढ़ा कि पति ने पत्नी को गुस्से में तीन बार तलाक, तलाक, तलाक कह दिया.
चूंकि पति को भी कानून का खौफ था और उसे ये बात पता थी कि उसे क्या सजा मिल सकती है, बाद में उसने अपनी गलती मानी और दोबारा निकाह करने की बात कही.
अब क्योंकि मामला इस्लाम धर्म से जुड़ा था इसलिए क्षेत्र के एक मौलाना सरफराज ने उससे कहा थी उसका निकाह अपनी पत्नी से दोबारा तभी हो सकता है जब वो उसका हलाला करवाए. मौलाना ने इस काम के लिए बागपत निवासी रियासत से हलाला करवाने की बात कही.
निकाह पढ़ाना तो बस बहाना था असली मकसद तो महिला को होटल ले जाना...
तीन तलाक पर कानून लाकर सरकार भले ही बिल्लियों उछल रही हो और इसका शुमार अपनी बड़ी उपलब्धियों में कर रही हो लेकिन कानून के बावजूद मुस्लिम महिलाओं के लिए स्थिति किस हद तक क्रूर है गर जो इसका अवलोकन करना हो तो हमें उत्तर प्रदेश के मेरठ का रुख करना चाहिए. धर्म और कर्मकाण्डों की आड़ लेकर एक बार फिर मेरठ में मानवता को तार तार किया गया है. मेरठ में एक तलाकशुदा महिला के साथ दो युवकों ने हलाला के नाम पर गैंगरेप किया है. पुलिस ने युवकों को हिरासत में ले लिया है जबकि घटना में शामिल एक मौलाना फरार है जिसकी तलाश जारी है. चूंकि सरकार ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून ला चुकी है यदि मेरठ की महिला ने पति द्वारा तलाक दिए जाने के बाद पुलिस के पास जाना और इस मामले की शिकायत करना उचित समझा होता तो हो सकता है महिला बच जाती.
क्या था पूरा मामला
मामले में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार मेरठ के लिसाड़ी गेट निवासी महिला की किसी बात को लेकर अपने पति से तीखी बहस हुई थी. न तो महिला ही पीछे हट रही थी न ही पति चुप होने का नाम ले रहा था. दोनों के बीच विवाद कुछ इस हद तक बढ़ा कि पति ने पत्नी को गुस्से में तीन बार तलाक, तलाक, तलाक कह दिया.
चूंकि पति को भी कानून का खौफ था और उसे ये बात पता थी कि उसे क्या सजा मिल सकती है, बाद में उसने अपनी गलती मानी और दोबारा निकाह करने की बात कही.
अब क्योंकि मामला इस्लाम धर्म से जुड़ा था इसलिए क्षेत्र के एक मौलाना सरफराज ने उससे कहा थी उसका निकाह अपनी पत्नी से दोबारा तभी हो सकता है जब वो उसका हलाला करवाए. मौलाना ने इस काम के लिए बागपत निवासी रियासत से हलाला करवाने की बात कही.
निकाह पढ़ाना तो बस बहाना था असली मकसद तो महिला को होटल ले जाना था
बात बीते दिन की है मौलाना ने महिला और रियासत को बुलाया और इन दोनों का निकाह पढ़ने का बहाना बनाकर टीपी नगर क्षेत्र के एक होटल में भेज दिया. यहीं कहानी में ट्विस्ट है. आरोप है कि रियासत ने अपने गांव के उमेद को भी बुला लिया और दोनों ने होटल में महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म जैसे घिनौने कृत्य को अंजाम दिया और एक बेवकूफी के चलते महिला और उसकी इज्जत को कहीं का नहीं छोड़ा.
फ़ौरन पुलिस हरकत में आई दो आरोपी गिरफ्तार मौलाना अब भी है फरार
मौलाना की चालबाजी से होटल में महिला के साथ बड़ी ही चालाकी के साथ इंसानियत और भरोसे को तोड़ने वाली घटना को अंजाम दे दिया गया था. जिसकी सूचना महिला ने अपने एक रिश्तेदार को दी जो रिश्ते में उसका भाई था. बाद में दोनों पुलिस की क्षरण में गए और पुलिस को पूरी बात बताई गयी. यूपी पुलिस ने भी तत्परता दिखाई और मामले का संज्ञान लेते हुए दबिश दी और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. मामले में पुलिस ने मौलाना को घटना का मुख्य साजिशकर्ता माना है जो अभी फरार है और जिसकी तलाश अभी जारी है.यूं तो मामले के मद्देनजर पुलिस अभी खामोश है लेकिन ये जरूर कहा है कि महिला के 164 के तहत बयान कराए जाएंगे जिसके आधार पर आगे एक्शन लिया जाएगा.
अब जबकि महिला के साथ अनहोनी हो चुकी है. और मौलाना और धर्म की बदौलत उसे एक ऐसा जख्म मिल चुका है जो उसे जीवन भर याद रहेगा. हम इतना जरूर कहेंगे कि इस मामले में गलती अगर किसी की है और सबसे ज्यादा है तो वो पीड़िता ही है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जिस क्षण उसे पति ने तीन तलाक दिया था यदि उसी वक़्त वो पुलिस के पास जाती और शिकायत करती तो आज स्थिति कुछ और होती. हो ये भी सकता है कि महिला अन्य महिलाओं के बीच एक नया उदाहरण सेट करने में कामयाब हो जाती.
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