दुनिया भर में बहुत से ब्यूटी कॉम्पटीशन होते हैं, लेकिन बहुत कम ऐसे होते हैं जहां LGBTQ समुदाय के लोगों को भी उतनी ही इज्जत और प्यार से नवाज़ा जाता है जितने अन्य ब्यूटी क्वीन्स को मिलता है. भारत में अपनी तरह का पहला ब्यूटी कॉम्पटीशन हुआ जिसमें ट्रांस क्वीन को चुना जाना था. जी हां, भारत की पहली ट्रांसजेंडर क्वीन. इस ब्यूटी कॉम्पटीशन की मदद से भारत के उस समुदाय को नई पहचान मिलने की शुरुआत हुई है जो लंबे समय से अपनी पहचान के लिए लड़ रहे थे.
भारत की पहली ट्रांस क्वीन बनीं छत्तीसगढ़ की वीना सेंद्रे. वीना ने तमिलनाडु की नमिता अम्मू को हराकर ये खिताब अपने नाम हासिल किया. ये नैशनल लेवल कॉम्पटीशन था जिसमें पूरे देश से कई सुंदरियों ने भाग लिया था.
मिस छत्तीसगढ़ रह चुकीं वीना छत्तीसगढ़ के एक छोटे गांव मंदिर हासौद की रहने वाली हैं. बचपन से ही उन्हें दूसरों से कुछ अलग लगता था. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि स्कूल में कोई उनका दोस्त नहीं बनना चाहता था और सब उनका मज़ाक उड़ाते थे.
मज़ाक के डर से उन्होंने पांचवी कक्षा में ही पढ़ाई छोड़ दी, लेकिन कुछ साल बाद फिर हिम्मत जुटाकर पढ़ाई शुरू की. उन्होंने कुछ अलग करने की ठानी और इसके बारे में सबसे पहले अपनी मां से बात की थी. उन्होंने लखनऊ और बेंगलुरु फैशन वीक में कई बार रैम्प वॉक की है.
दुनिया भर में बहुत से ब्यूटी कॉम्पटीशन होते हैं, लेकिन बहुत कम ऐसे होते हैं जहां LGBTQ समुदाय के लोगों को भी उतनी ही इज्जत और प्यार से नवाज़ा जाता है जितने अन्य ब्यूटी क्वीन्स को मिलता है. भारत में अपनी तरह का पहला ब्यूटी कॉम्पटीशन हुआ जिसमें ट्रांस क्वीन को चुना जाना था. जी हां, भारत की पहली ट्रांसजेंडर क्वीन. इस ब्यूटी कॉम्पटीशन की मदद से भारत के उस समुदाय को नई पहचान मिलने की शुरुआत हुई है जो लंबे समय से अपनी पहचान के लिए लड़ रहे थे.
भारत की पहली ट्रांस क्वीन बनीं छत्तीसगढ़ की वीना सेंद्रे. वीना ने तमिलनाडु की नमिता अम्मू को हराकर ये खिताब अपने नाम हासिल किया. ये नैशनल लेवल कॉम्पटीशन था जिसमें पूरे देश से कई सुंदरियों ने भाग लिया था.
मिस छत्तीसगढ़ रह चुकीं वीना छत्तीसगढ़ के एक छोटे गांव मंदिर हासौद की रहने वाली हैं. बचपन से ही उन्हें दूसरों से कुछ अलग लगता था. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि स्कूल में कोई उनका दोस्त नहीं बनना चाहता था और सब उनका मज़ाक उड़ाते थे.
मज़ाक के डर से उन्होंने पांचवी कक्षा में ही पढ़ाई छोड़ दी, लेकिन कुछ साल बाद फिर हिम्मत जुटाकर पढ़ाई शुरू की. उन्होंने कुछ अलग करने की ठानी और इसके बारे में सबसे पहले अपनी मां से बात की थी. उन्होंने लखनऊ और बेंगलुरु फैशन वीक में कई बार रैम्प वॉक की है.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.