एक लड़की अगर सबके सामने अपने कपड़े उतार दे, तो मामले की गंभीरता का पता तो बाद में चलता है, पहले उसका वीडियो वायरल हो जाता है. खैर मुंबई की एक मॉडल और एकेट्रेस मेघा शर्मा के दो वीडियो भी इसी तरह वायरल हो रहे हैं. एक वीडियो में वो खुद को विक्टिम बता रही हैं, जिसमें वो पुलिसवालों से बहस करती और उनके सामने कपड़े उतारती दिख रही हैं, वहीं दूसरा वीडियो सीसीटीवी फुटेज का है जिसमें मेघा खुद वॉचमैन को मारती-पीटती दिखाई दे रही हैं.
वीडियो सोशल मीडिया पर जाते ही इसे यौन शोषण, मीटू, हैरैस्मेंट से जोड़ा जाने लगा. खुद मॉडल मेघा शर्मा ने ट्विटर और फेसबुक पर ये वीडियो शेयर किया और इस वाकये के बारे में बताया और खुद के लिए इंसाफ की मांग भी की है. लेकिन जब मामले की हकीकत सामने आई तो मेघा पीडि़त नहीं, मामले में दोषी नजर आने लगी.
लेकिन अगर मैं इसे मीटू या शोषण से जोड़ूं तो मुझे इसे समझने के लिए इसे क्रम बद्ध तरीके से समझना होगा और मामले की तह में जाना होगा, कि शुरुआत आखिर कहां से हुई. तभी किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है.
कहानी इंटरवल से पहले #HimToo, इंटरवेल के बाद #MeToo हो गई
बताया जा रहा है कि ये मामला 25 अक्टूबर की रात के तीन बजे का है. मुंबई के ओशीवारा इलाके में रहने वाली मॉडल मेघा शर्मा पीजी में रहती है. उसने बिल्डिंग में अपने फ्लैट फोन करके वॉचमैन से सिगरेट लाने को कहा. जब उसने मना किया तो शराब के नशे में नीचे उतरी. उसने वॉचमैन के साथ हाथापाई की. बिल्डिंग के CCTV फुटेज में इसे साफ देखा जा सकता है कि वॉचमैन मेघा को रोकने की कोशिश कर रहा था और मेघा उस पर लात-घूंसे चला रही थी.
मेघा की बहस वहां मौजूद बाकी स्क्योरिटी गार्ड्स से भी हुई....
एक लड़की अगर सबके सामने अपने कपड़े उतार दे, तो मामले की गंभीरता का पता तो बाद में चलता है, पहले उसका वीडियो वायरल हो जाता है. खैर मुंबई की एक मॉडल और एकेट्रेस मेघा शर्मा के दो वीडियो भी इसी तरह वायरल हो रहे हैं. एक वीडियो में वो खुद को विक्टिम बता रही हैं, जिसमें वो पुलिसवालों से बहस करती और उनके सामने कपड़े उतारती दिख रही हैं, वहीं दूसरा वीडियो सीसीटीवी फुटेज का है जिसमें मेघा खुद वॉचमैन को मारती-पीटती दिखाई दे रही हैं.
वीडियो सोशल मीडिया पर जाते ही इसे यौन शोषण, मीटू, हैरैस्मेंट से जोड़ा जाने लगा. खुद मॉडल मेघा शर्मा ने ट्विटर और फेसबुक पर ये वीडियो शेयर किया और इस वाकये के बारे में बताया और खुद के लिए इंसाफ की मांग भी की है. लेकिन जब मामले की हकीकत सामने आई तो मेघा पीडि़त नहीं, मामले में दोषी नजर आने लगी.
लेकिन अगर मैं इसे मीटू या शोषण से जोड़ूं तो मुझे इसे समझने के लिए इसे क्रम बद्ध तरीके से समझना होगा और मामले की तह में जाना होगा, कि शुरुआत आखिर कहां से हुई. तभी किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है.
कहानी इंटरवल से पहले #HimToo, इंटरवेल के बाद #MeToo हो गई
बताया जा रहा है कि ये मामला 25 अक्टूबर की रात के तीन बजे का है. मुंबई के ओशीवारा इलाके में रहने वाली मॉडल मेघा शर्मा पीजी में रहती है. उसने बिल्डिंग में अपने फ्लैट फोन करके वॉचमैन से सिगरेट लाने को कहा. जब उसने मना किया तो शराब के नशे में नीचे उतरी. उसने वॉचमैन के साथ हाथापाई की. बिल्डिंग के CCTV फुटेज में इसे साफ देखा जा सकता है कि वॉचमैन मेघा को रोकने की कोशिश कर रहा था और मेघा उस पर लात-घूंसे चला रही थी.
मेघा की बहस वहां मौजूद बाकी स्क्योरिटी गार्ड्स से भी हुई. मेघा का कहना है कि उन लोगों ने जब उसे गालियां देनी शुरू कीं तो मेघा ने 100 नंबर पर काल कर पुलिस को बुला लिया.
पुलिस के आने के बाद जब छानबीन की गई तो सीसीटीवी फुटेज भी देखे गए. और मेघा को वॉचमैन के साथ मारपीट करते देखा गया. गार्ड को क्यों मारा इसपर मेघा कहती है कि वॉचमैन ने उसके साथ बद्तमीजी की थी, उसे पुश किया था इसलिए उसने मारा. मेघा इस बात को मानती भी है कि वो नशे में थी. और इसीलिए गुस्से में उससे ये सब हुआ. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि शराब के नशे में मेघा का काबू खुद पर नहीं रहा और वो गार्ड के साथ उल्झे ही जा रही थी. यानी वहां गार्ड के साथ #HimToo हो रहा था.
कहानी फिर नया मोड़ लेती है.
पुलिस मौके पर पहुंचती है. वह सीसीटीवी में देखती है कि मेघा ही हमलावर हो रही है. पुलिस मेघा को पुलिस स्टेशन लेकर जाना चाहती थी लेकिन वह जाना नहीं चाहती. वह बार-बार कह रही है कि कल मेरा वकील आकर बात कर लेगा. लेकिन पुलिस वाले कह रहे हैं कि तुमने गार्ड को क्यों मारा. तो मेघा चीख-चीखकर सिर्फ इतना ही कह रही है कि वह फ्लैट पर जाना चाहती है. लिफ्ट का दरवाजा बंद न हो, इसलिए पहले पुलिसकर्मी और फिर गार्ड रास्ता रोककर खड़े हैं. मेघा बात बिगड़ती देख खुद को अकेला कहकर रोना-धोना मचाती है. कहती है मेरे मम्मी-पापा मेरे साथ नहीं रहते. फिर कोई चारा न देख, वह एक-एक कर कपड़े उतारने लगती है. इस बात का वीडियो देखकर लोग तरह-तरह के विचार बना रहे हैं. क्या पुलिसकर्मियों ने मेघा के साथ ज्यादती की? या मेघा ने नशे में सारी हदों को तोड़ा?
वीडियो वायरल होते ही हंगामा हो गया. इस मामले को किसके शोषण के साथ जोड़ा जाए, किसे सही और किसे गलत कहा जाए, किसे पीड़ित और किसे प्रताड़ित करने वाला कहा जाए, सबके पास इसे देखने और समझने का अपना नजरिया है.
कौन कितना दोषी?
दोनों वीडियो देखकर मामला आसानी से समझा जा सकता है. बात बड़ी साफ दिख रही है कि मेघा ने नशे में वॉचमैन से मार-पीट की, लेकिन मेघा कह रही है कि वॉचमैन ने उससे बदतमीजी की. मेघा कितनी गलत है वीडियो में साफ देखा जा सकता है. नशा चाहे पुरुष करे या महिला, वो गलत ही होता है लेकिन नशे की हालत में किसी गार्ड के साथ हाथापाई करने को सही तो नहीं ठहराया जा सकता.
अब आगे बढ़ते हैं-
वीडियो में दिख रहा है कि पुलिसवाले मामले की शिकायत पर मेघा से लिफ्ट से बाहर आने को कहते दिख रहे हैं. वो मेघा को पुलिस स्टेशन ले जाना चाहते थे. मेघा जाना नहीं चाहती थी. बहस बढ़ती जा रही थी, तो मेघा अपने कपड़े उतार देती है.
मेघा का मीटू ये है
मेघा का कहना था कि पुलिसवाले उसे जबरदस्ती पुलिस स्टेशन लेजाना चाहते थे. चूंकि वो नशे में थी इसलिए रात के 3 बजे उसे पुलिसवालों के साथ जाना सुरक्षित नहीं लग रहा था. क्योंकि वहां कोई महिला पुलिसकर्मी भी नहीं थी. लिहाजा वो सुबह तक रुकना चाहती थी और इसलिए अपने वकील से बात करने की बात कह रही थी. लेकिन पुलिसवाले और गार्ड्स उसकी बात सुनने को भी तैयार नहीं थे. वो उसपर दबाव बना रहे थे. उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे, वो डर गई और इसलिए कपड़े उतारने के सिवा उसके पास कोई चारा नहीं था.
हालांकि साफ देखा जा सकता है कि लोग लिफ्ट रोककर खड़े रहे और वीडियो बनाते रहे, और मेघा को जाने नहीं दे रहे थे. मेघा ने लिफ्ट में जो कुछ भी किया उसका वीडियो रिकॉर्ड किया जा रहा था. हो सकता है पुलिस मेघा की हालत देखते हुए जानबूझकर वीडियो रिकॉर्ड कर रही हो, क्योंकि साक्ष्य के लिए ये जरूरी भी होता है.
यहां मेघा का नशे में होना ही अपने आप में उसे गलत साबित करता है फिर उसके बाद वो जो कुछ भी करे वो सही कैसे हो सकता है, चाहे वो गार्ड के साथ मारपीट हो, गाली गलौज हो या फिर अपने कपड़े उतारना हो. हैरानी होती है कि एक लड़की सबके सामने अपने कपड़े क्या सोचकर उतारेगी.
लेकिन कुछ सवाल और भी खड़े होते हैं-
- मेघा के गुस्से को उसके शब्दों में देखा जा सकता है. वो कपड़े उतार रही थी तो भी गार्ड के चेहरे पर शिकन तक नहीं आई. वो लिफ्ट को रोके रहा. और लड़की का तमाशा बनता रहा. लोग वीडियो बनाते रहे और पुलिस खड़ी देखती रही. चूंकि वो नशे में थी इसलिए पुलिस को उसका वीडियो बनाना जायज लगा, लेकिन बाकी गार्ड्स को वीडियो बनाने से क्यों नहीं रोका गया?
- बिना महिला पुलिस कर्मी की मौजूदगी में कोई भी पुलिसकर्मी रात के तीन बजे एक लड़की को जबरदस्ती पुलिस थाने क्यों लेकर जाना चाहते थे?
- मामला सुबह तक के लिए क्यों टाला नहीं जा सकता था?
- जब मेघा कह रही थी कि उसका वकील बात करेगा, तो अभी बात करने की जिद क्यों की जा रही थी?
- एक लड़की का कपड़े उतारता वीडियो पुलिस की मौजूदगी में शूट हो रहा था और वायरल भी हो गया, इसके लिए पुलिस को भी थोड़ा जिम्मेदार क्यों न माना जाए?
मेघा इसी बात को लेकर अगले दिन से ही सोशल मीडिया पर पुलिसवालों से जवाब मांग रही है.
हालांकि जो भी ये वीडियो देख रहा है वो मेघा को गलत ठहरा रहा है. और सिक्योरिटी गार्ड को सही कह रहा है. मेघा को सही नहीं कहा जा सकता. लेकिन वहां मौजूद लोग भी कम दोषी नहीं थे.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.