मोसे छल किए जाए (Mose Chhal Kiye Jaaye) टीवी सीरियल का कल प्रोमो देखा. जिसमें एक लड़की शादी के बाद आइने के सामने बैठकर सिंदूर लगा रही है. उसके बाल लंबे हैं, उसने बिंदी लगा रखी है और उसने फुल बाजू वाली ब्लाउज पहना है. सामने से उसका पति आ रहा है, वह बड़े प्यार से पूछती है कि लग रही हूं ना मिसेज अरमान. वह उसे अपने साथ ले जाता है. उसका अपने हिसाब से मेकओवर करवाता है और थोड़ी देर बाद उसे शीशे के सामने ले जाकर कहता है कि, अब लग रही हो मिसेज अरमान.
हालांकि वह लड़की अपने इस लुक से खुश नहीं है. नए लुक में उसका हेयर कट करके उसके लंबे बालों को कंधे तक काटकर छोटा कर दिया दिया है. फुल स्लीव की जगह पतली स्ट्रिप्स वाली स्लीवलेस ब्लाउंज ने जगह ले रखी है. लड़की का चेहरा उदास है, जैसे वह खुद से पूछ रही हो कि यह आइने में कौन है? दरअसल अरमान, सौम्या को अपनी मनचाही पत्नी बनाने के लिए दबाव बनाता है कि वह मेकओवर करवाए, सौम्या अपने पति को दुखी नहीं करना चाहती और मान जाती है.
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सौम्या का पति उसे पूरी तरह अपने हिसाब से बदलना चाहता है. वह उसका न्यू लुक चाहता है, उसकी बात मानकर सौम्या वह सब करती है जो वहल चाहता है, लेकिन सिर्फ शॉर्ट हेयर कट के लिए मना कर देती है. उस देख अरमान कहता है कि अच्छी लग रही हो लेकिन वैसी नहीं, जैसा मैं चाहता हूं.
असल में सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का शो 'मोसे छल की जाए' में वही दिखाया जा रहा है, जो अधिकतर घरों की महिलाओं के साथ होता है. लड़की शादी करके ससुराल जाती है और फिर वहीं के हिसाब से खुद को पूरा बदल लेती है. उसे ना चाहते हुए भी वह सब करना पड़ता है जो पति और ससुराल के लोग चाहते...
मोसे छल किए जाए (Mose Chhal Kiye Jaaye) टीवी सीरियल का कल प्रोमो देखा. जिसमें एक लड़की शादी के बाद आइने के सामने बैठकर सिंदूर लगा रही है. उसके बाल लंबे हैं, उसने बिंदी लगा रखी है और उसने फुल बाजू वाली ब्लाउज पहना है. सामने से उसका पति आ रहा है, वह बड़े प्यार से पूछती है कि लग रही हूं ना मिसेज अरमान. वह उसे अपने साथ ले जाता है. उसका अपने हिसाब से मेकओवर करवाता है और थोड़ी देर बाद उसे शीशे के सामने ले जाकर कहता है कि, अब लग रही हो मिसेज अरमान.
हालांकि वह लड़की अपने इस लुक से खुश नहीं है. नए लुक में उसका हेयर कट करके उसके लंबे बालों को कंधे तक काटकर छोटा कर दिया दिया है. फुल स्लीव की जगह पतली स्ट्रिप्स वाली स्लीवलेस ब्लाउंज ने जगह ले रखी है. लड़की का चेहरा उदास है, जैसे वह खुद से पूछ रही हो कि यह आइने में कौन है? दरअसल अरमान, सौम्या को अपनी मनचाही पत्नी बनाने के लिए दबाव बनाता है कि वह मेकओवर करवाए, सौम्या अपने पति को दुखी नहीं करना चाहती और मान जाती है.
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सौम्या का पति उसे पूरी तरह अपने हिसाब से बदलना चाहता है. वह उसका न्यू लुक चाहता है, उसकी बात मानकर सौम्या वह सब करती है जो वहल चाहता है, लेकिन सिर्फ शॉर्ट हेयर कट के लिए मना कर देती है. उस देख अरमान कहता है कि अच्छी लग रही हो लेकिन वैसी नहीं, जैसा मैं चाहता हूं.
असल में सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का शो 'मोसे छल की जाए' में वही दिखाया जा रहा है, जो अधिकतर घरों की महिलाओं के साथ होता है. लड़की शादी करके ससुराल जाती है और फिर वहीं के हिसाब से खुद को पूरा बदल लेती है. उसे ना चाहते हुए भी वह सब करना पड़ता है जो पति और ससुराल के लोग चाहते हैं.
लड़की के पहनावे से लेकर उसके सपने तक बदल जाते हैं. इस सीरियल में सौम्या वर्मा एक महत्वाकांक्षी और संघर्षशील टीवी लेखिका है. वहीं अरमान ओबेरॉय आकर्षक एवं सफल टीवी प्रोड्यूसर है, जो धोखे वाली फितरत रखता है. जो शादी के लिए ना कह चुकी सौम्या से ‘छलावे की शादी’ करता है.
इस सीरियल में दिखाया गया है कि एक जिंदादिल सिंपल लड़की लेखक बनने के सपने देख रही है. वह जिंदगी में कुछ करना चाहती है, आगे बढ़ना चाहती है. वह रिश्ते में बराबरी चाहती है. वह शादी में 50-50 पार्टनरशिप पर भरोसा रखती है. वहीं एक लड़का है जो महिलाओं को अपने पैरों को जूती समझता है और उसे पत्नी भी ऐसी चाहिए जो पति के नक्शे कदम पर ही चले.
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शादी के फेरे लेते वक्त अरमान वचन लेता है कि मेरे इरादे जाने बिना मुझसे तुम सारे वादे करोगी. तुम हमेशा मुझसे एक कदम पीछे चलोगी. तुम एक आज्ञाकारी वाइफ बनोगी. तुम अपने सपनों पर नहीं, मेरे इशारों पर चलोगी.
अरमान का यह भी कहना है कि, औरत भले आदमी से आगे रहे, लेकिन आदमी का पड़ला हमेशा औरत से भारी ही रहना चाहिए. सौम्या शादी से पहले अरमान से अपने सपने के बारे में बता देती है, लेकिन वह उससे झूठ बोलता है. सौम्या बिना अरमान के इरादे समझे हुए, उसके छल को सच मानकर उससे शादी कर लेती है.
अब धीरे-धीरे अरमान अपना असली चेहरा दिखा रहा है लेकिन सौम्या इसे अभी प्यार का रूप मान रही है. वह अपने सपने को भूलकर अभी अपने परिवार में रमी हुई है. अब देखना है कि अरमान की सच्चाई कब सौम्या को समझ आती है.
असल में, एक लड़की शादी के बाद ससुराल के तय पैमाने पर खरा उतरने के लिए वह बदलती ही रहती है. वह ससुराल के रंग में इतना रंग जाती है कि खुद को भूल ही जाती है. सास ने कह दिया है कि सब्जी इसी तरीके से बनेगी तो वह अपना स्वाद भूल जाती है. पति ने कह दिया कि तुम्हें यह ड्रेस नहीं पहननी तो वह नहीं पहनती है.
कई बातें तो पत्नियां इसलिए मान जाती हैं कि यह मेरे पति का प्यार है, उन्हें मेरी परवाह है. इस तरह वे खुद की पसंद ना पसंद को भी भूलने लगती हैं. एक समय बाद हालत ऐसी हो जाती है कि जो पति कहें वही सही है, जैसे उन्हें अपने आप पर भरोसा ही नहीं है. इन्होंने कहा है तो सही ही कहा होगा, इन्होंने किया होगा तो ठीक की किया होगा. गलती से अगर कभी पत्नियां किसी बाते के लिए मना कर दें तो तबतक गिल्ट में जीती रहेंगी जब तक पति से 4 बार माफी मांगकर उन्हें मना न लें.
इस सीरियल के एक दृश्य में सौम्या अपने ससुराल वालों को खुश करने के लिए पूछती है कि आज मैं आप सबके पसंद का खाना बनाना चाहती हूं. इसपर उसे चिकन बनाने के लिए कहा जाता है, जबकि उन्हें पता है कि सौम्या नॉनवेज नहीं खाती है. मतलब बदलना बहू को ही पड़ेगा, अगर वह नहीं खाती तो खाना शुरु कर दे.
अब इस घर में शादी करके आई तो यहां को हिसाब से ही रहना पड़ेगा. यह सीरियल दर्शाता है कि, शादी के बाद एक लड़की की जिंदगी कैसे बदल जाती है. उसका अपना कुछ रहता ही नहीं है...अब देखना है कि, आधुनिक विचार रखने वाली सौम्या को अरमान के असली इरादे जानने के बाद, किस तरह आगे बढ़ती है? सौम्या किसतरह रूढ़िवादी को सोच को जवाब देती है?
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