साल 2014 में एक फिल्म रिलीज़ हुयी थी जिसका नाम था 'एंटरटेनमेंट'. साजिद खान औऱ फरहाद द्धारा निर्देशित इस फिल्म में अक्षय कुमार और तमन्ना भाटिया ने अहम किरदार निभाया था. फिल्म की कहानी में दिखाया गया था कि अखिल नाम का एक परेशान और असफल आदमी था. उसे मालूम चलता है कि उसका असली पिता तो बहुत अमीर है औऱ बैंकाक का एक बड़ा हीरा व्यापारी था लेकिन अब उसकी मौत हो चुकी है. अखिल अपने बाप की संपत्ति पर हक़ जताने के लिए बैंकाक पहुंच जाता है. वहां उसे मालूम पड़ता है कि उसके पिता ने अपनी सारी संपत्ति तो 'एंटरटेनमेंट' नाम के अपने कुत्ते के नाम कर दी है. यह तो फिल्मी कहानी है जिसको मनोरंजन के नज़रिए से देखा जा सकता है औऱ हज़म भी किया जा सकता है लेकिन अगर यही घटना सच में हो जाए और भारत जैसे देश में हो जाए तो हैरानी होती है. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक ऐसी ही घटना घटी है जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है. छिंदवाड़ा जिले के बारी बड़ा गांव में भी एक किसान ने फिल्म की तरह अपनी संपत्ति को अपने कुत्ते 'जैकी' के नाम कर दिया है.
किसान अपने बेटे के व्यवहार से दुखी था और इस कद्र दुखी था कि अपनी वसीयत लिख दी और वसीयत में लिखा कि उनका कुत्ता जैकी ही उनकी हर समय देखभाल करता है इसलिए वह अपनी संपत्ति का आधा हिस्सा अपने कुत्ते के नाम ही कर रहे हैं औऱ आधा हिस्सा अपनी पत्नि के नाम.
अब इस कहानी का दूसरा पहलू सुनिए. इस किसान का नाम है ओम वर्मा और इनकी उम्र 50 साल है. इन्होंने दो शादी कर रखी है. पहली पत्नि से इनको तीन बेटी और एक बेटा है जबकी दूसरी पत्नि से इनकी दो बेटी हैं. ओम वर्मा अपने परिवार से इस कद्र नाराज़ थे कि न तो बेटीयों के नाम कोई संपत्ति लिखी और न...
साल 2014 में एक फिल्म रिलीज़ हुयी थी जिसका नाम था 'एंटरटेनमेंट'. साजिद खान औऱ फरहाद द्धारा निर्देशित इस फिल्म में अक्षय कुमार और तमन्ना भाटिया ने अहम किरदार निभाया था. फिल्म की कहानी में दिखाया गया था कि अखिल नाम का एक परेशान और असफल आदमी था. उसे मालूम चलता है कि उसका असली पिता तो बहुत अमीर है औऱ बैंकाक का एक बड़ा हीरा व्यापारी था लेकिन अब उसकी मौत हो चुकी है. अखिल अपने बाप की संपत्ति पर हक़ जताने के लिए बैंकाक पहुंच जाता है. वहां उसे मालूम पड़ता है कि उसके पिता ने अपनी सारी संपत्ति तो 'एंटरटेनमेंट' नाम के अपने कुत्ते के नाम कर दी है. यह तो फिल्मी कहानी है जिसको मनोरंजन के नज़रिए से देखा जा सकता है औऱ हज़म भी किया जा सकता है लेकिन अगर यही घटना सच में हो जाए और भारत जैसे देश में हो जाए तो हैरानी होती है. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक ऐसी ही घटना घटी है जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है. छिंदवाड़ा जिले के बारी बड़ा गांव में भी एक किसान ने फिल्म की तरह अपनी संपत्ति को अपने कुत्ते 'जैकी' के नाम कर दिया है.
किसान अपने बेटे के व्यवहार से दुखी था और इस कद्र दुखी था कि अपनी वसीयत लिख दी और वसीयत में लिखा कि उनका कुत्ता जैकी ही उनकी हर समय देखभाल करता है इसलिए वह अपनी संपत्ति का आधा हिस्सा अपने कुत्ते के नाम ही कर रहे हैं औऱ आधा हिस्सा अपनी पत्नि के नाम.
अब इस कहानी का दूसरा पहलू सुनिए. इस किसान का नाम है ओम वर्मा और इनकी उम्र 50 साल है. इन्होंने दो शादी कर रखी है. पहली पत्नि से इनको तीन बेटी और एक बेटा है जबकी दूसरी पत्नि से इनकी दो बेटी हैं. ओम वर्मा अपने परिवार से इस कद्र नाराज़ थे कि न तो बेटीयों के नाम कोई संपत्ति लिखी और न ही बेटे के नाम. अपनी जायदाद के दो हिस्से किए औऱ आधा नाम किया अपने दूसरे पत्नी के और आधा अपने वफादार कुत्ते के.
उनका कहना है कि उनका ख्याल बस यही दोनों लोग रखते हैं बाकी कोई भी मुझसे कोई खास लगाव नहीं रखता है. ओम वर्मा कहते हैं मेरे बाद जो भी मेरे कुत्ते का पालन पोषण करेगा वही कुत्ते की संपत्ति का मालिक भी होगा. फिल्म की कहानी को हकीकत में उतार कर ओम वर्मा ने कई संदेश भी दे डाले हैं. उन छिपे संदेशों का अगर ज़िक्र किया जाए तो वह कुछ इस तरह होगा-
फिल्मी कहानी को वास्तविक जीवन में भी उतारा जा सकता है.
अगर आपकी औलाद इस काबिल न हों कि वह आपकी सेवा कर सकें तो उनका आपकी संपत्ति पर भी कोई हक नहीं होता है आप अपनी जायदाद के खुद मालिक हैं अपनी जायदाद से नालायक औलादों को दूर रखा जा सकता है.
अपने पालतू जानवर की चिंता अपने जीवन के बाद भी करने का सबसे बेहतरीन संदेश दिया है. अब जो उस पालतू जानवर की रखवाली करेगा वही आधी संपत्ति का मालिक भी होगा.
आपने जो भी जायदाद कमाया है उसके मालिक आप खुद हैं आप जैसे भी चाहें उसका बंटवारा कर सकते हैं.
हम जिससे प्यार करते हैं या जो हमारा ख्याल रखता है हम उसको अपनी ज़िंदगी में ही उसका बदला इस रूप में दे सकते हैं.
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