रहने के लिहाज से भारत के सबसे सेफ शहरों और 2021 में आए सेफ सिटी इंडेक्स में देश में दूसरे नंबर पर रहने वाली मायानगरी मुंबई सुर्खियों में है. वजह? मुंबई के साकी नाका इलाके में हुई एक दिल दहला देने वाली वारदात. शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में से शुमार साकीनाका में एक 32 साल की महिला के साथ पहले बलात्कार हुआ और जब बलात्कार से भी दिल नहीं भरा तो आरोपी द्वारा महिला के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डाली गई. महिला को गंभीर हालत में अस्पताल में पहुंचाया गया जहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई है. घटना के बाद मुंबई पुलिस भी नींद से जागी और वारदात से जुड़ी CCTV फुटेज को आधार बनाकर उसने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
बताया जा रहा है कि जिस वक्त महिला को राजावाड़ी अस्पताल लाया गया उसकी हालत देखने लायक नहीं थी. महिला वेंटिलेटर पर थी और इस रूह कंपा देने वाली घटना के 30 घंटे बाद उसने दम तोड़ दिया. मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के कुछ देर बाद ही आरोपी को अदालत में पेश किया गया जहां अदालत ने आरोपी को 10 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है.
चूंकि मामले ने मुंबई के लॉ एंड आर्डर को कटघरे में खड़ा किया है इसलिए राज्य सरकार ने भी मामले का संज्ञान लिया है. मामले के मद्देनजर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि हम इस मामले को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाएंगे ताकि सुनवाई जल्दी हो और आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिले. जैसा कि हम बता चुके हैं आरोपी की पहचान CCTV फुटेज के आधार पर हुई है.
इसलिए यदि हम घटना के CCTV फुटेज पर नजर डालें तो मिलता है कि आरोपी ने पहले तो महिला के साथ बलात्कार किया फिर उसके साथ बुरी तरह से मारपीट की...
रहने के लिहाज से भारत के सबसे सेफ शहरों और 2021 में आए सेफ सिटी इंडेक्स में देश में दूसरे नंबर पर रहने वाली मायानगरी मुंबई सुर्खियों में है. वजह? मुंबई के साकी नाका इलाके में हुई एक दिल दहला देने वाली वारदात. शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में से शुमार साकीनाका में एक 32 साल की महिला के साथ पहले बलात्कार हुआ और जब बलात्कार से भी दिल नहीं भरा तो आरोपी द्वारा महिला के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डाली गई. महिला को गंभीर हालत में अस्पताल में पहुंचाया गया जहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई है. घटना के बाद मुंबई पुलिस भी नींद से जागी और वारदात से जुड़ी CCTV फुटेज को आधार बनाकर उसने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
बताया जा रहा है कि जिस वक्त महिला को राजावाड़ी अस्पताल लाया गया उसकी हालत देखने लायक नहीं थी. महिला वेंटिलेटर पर थी और इस रूह कंपा देने वाली घटना के 30 घंटे बाद उसने दम तोड़ दिया. मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के कुछ देर बाद ही आरोपी को अदालत में पेश किया गया जहां अदालत ने आरोपी को 10 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है.
चूंकि मामले ने मुंबई के लॉ एंड आर्डर को कटघरे में खड़ा किया है इसलिए राज्य सरकार ने भी मामले का संज्ञान लिया है. मामले के मद्देनजर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि हम इस मामले को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाएंगे ताकि सुनवाई जल्दी हो और आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिले. जैसा कि हम बता चुके हैं आरोपी की पहचान CCTV फुटेज के आधार पर हुई है.
इसलिए यदि हम घटना के CCTV फुटेज पर नजर डालें तो मिलता है कि आरोपी ने पहले तो महिला के साथ बलात्कार किया फिर उसके साथ बुरी तरह से मारपीट की और लोहे की रॉड से भी महिला के ऊपर हमला किया. बाद में आरोपी ने महिला के प्राइवेट पार्ट में कई बार उस रॉड को डाला. घटना के बाद आरोपी ने महिला को टेम्पो में डाला और फरार हो गया.
बाद में किसी राहगीर ने महिला को बेहोशी की हालत में देखा और इसकी सूचना मुंबई पुलिस को दी. महिला की मौत के बाद मामला सोशल मीडिया पर ट्रेंड में है. वरदात ने 2012 के दिसंबर में हुए निर्भया गैंगरेप की यादें ताजा कर दी हैं. महिला सुरक्षा के मद्देनजर एक बार फिर खौफ हमारी आंखों के सामने हैं.
चूंकि निर्भया मामले के बाद देश का ट्रेंड बन गया है हर बलात्कार पीड़िता को निर्भया कहना इसलिए इस मामले में भी महिला को मुंबई की निर्भया बताकर सोशल मीडिया पर ट्रेंड चलाए जा रहे हैं. उद्धव ठाकरे शासित मुंबई के लॉ एंड आर्डर को घेरा जा रहा है. आरोपी को सजा देने की मांग की जा रही है. लेकिन क्या वो महिला जो मुंबई में हुए बलात्कार कांड के बाद अपनी ज़िंदगी गंवा चुकी है. क्या हमें हक़ है उसे निर्भया कहने या निर्भया की संज्ञा देने का हक़ है?
जवाब है नहीं. हो सकता है ये बात आपको विचलित कर दे लेकिन ये एक ऐसा सच है जिसे किसी भी सूरत में नकारा नहीं जा सकता. बात सीधी और साफ है निर्भया मामले में भले ही दोषियों को कोर्ट से तारीख पर तारीख मिलती रही लेकिन अंत में इंसाफ हुआ और उन्हें फांसी हुई. इसलिए जब तक इस मामले में आरोपी को मृत्युदंड नहीं मिलता हमें किसी भी हाल में मुंबई रेप पीड़िता को निर्भया की संज्ञा नहीं देनी चाहिए।
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