मिस्र के पिरामिड हमेशा से ही जिज्ञासा का विषय रहे हैं, और उन पिरामिड में दबी ममी रहस्य और डर का. हमने हॉलीवुड फिल्मों के जरिए उन डरावने ताबूतों के बारे में जाना है, जिन्हें खोलने से तबाही आती थी, फिल्मों में हमेशा दिखाया गया कि ताबूत की ममी इंसानों के लिए हमेशा बैडलक लेकर आती थीं. और इसीलिए ताबूत और उनमें बंद ममी हमें हमेशा डराती आई हैं.
कुछ दिनों पहले, इजिप्ट के पुरातत्व विभाग को एलेक्जेंड्रिया शहर की खुदाई में एक ताबूत मिला, जिसे अब तक का सबसे बड़ा ताबूत कहा जा रहा है. ये काले मार्बल से बना है जिसे करीब 2000 साल पहले बंद किया गया था. ये ताबूत 305 ईसा पूर्व और 30 ईसा पूर्व के बीच टॉलेमिक अवधि के दौरान का है, जिसे 16 फीट जमीन के अंदर रखा गया था. इसका वजन 30 टन है.
लेकिन इतने सालों के बाद भी ये बहुत ही मजबूती से बंद था. जबकि इसकी तुलना में मिस्र की प्राचीन कब्रें अब तक काफी जर्जर हो चुकी हैं. इसके साथ ही ताबूत के पास सिर के आकार की एक आकृति भी मिली, जो एक तरह के पत्थर से बनी है.
जब से ये ताबूत मिला ये कौतुहल का विषय बना हुआ है. हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिर ये ताबूत किसका है. ताबूत के आकार को देखते हुए कहा जा रहा है कि ये किसी बड़े ओहदे वाले व्यक्ति का ताबूत हो सकता है. माना जा रहा है कि ये ताबूत एलेक्जेंडर द ग्रेट का हो सकता है.
जब पुरातत्व विभाग ने कहा कि इसे खोलकर देखा जाएगा तो लोगों को मानो फिल्म 'द ममी' और 'ममी रिटर्न्स' की याद आ गई. और लोग इस ताबूत को लेकर डरने लगे कि कहीं इस ताबूत के खुलने पर कोई अनहोनी न घट जाए. सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे न खोलने की चेतावनी दी. तर्क ये दिया गया कि ये अभिशाप साबित होगा जो मानवता के लिए अच्छा नहीं होगा. लोगों ने ये भी कहा कि हर ममी...
मिस्र के पिरामिड हमेशा से ही जिज्ञासा का विषय रहे हैं, और उन पिरामिड में दबी ममी रहस्य और डर का. हमने हॉलीवुड फिल्मों के जरिए उन डरावने ताबूतों के बारे में जाना है, जिन्हें खोलने से तबाही आती थी, फिल्मों में हमेशा दिखाया गया कि ताबूत की ममी इंसानों के लिए हमेशा बैडलक लेकर आती थीं. और इसीलिए ताबूत और उनमें बंद ममी हमें हमेशा डराती आई हैं.
कुछ दिनों पहले, इजिप्ट के पुरातत्व विभाग को एलेक्जेंड्रिया शहर की खुदाई में एक ताबूत मिला, जिसे अब तक का सबसे बड़ा ताबूत कहा जा रहा है. ये काले मार्बल से बना है जिसे करीब 2000 साल पहले बंद किया गया था. ये ताबूत 305 ईसा पूर्व और 30 ईसा पूर्व के बीच टॉलेमिक अवधि के दौरान का है, जिसे 16 फीट जमीन के अंदर रखा गया था. इसका वजन 30 टन है.
लेकिन इतने सालों के बाद भी ये बहुत ही मजबूती से बंद था. जबकि इसकी तुलना में मिस्र की प्राचीन कब्रें अब तक काफी जर्जर हो चुकी हैं. इसके साथ ही ताबूत के पास सिर के आकार की एक आकृति भी मिली, जो एक तरह के पत्थर से बनी है.
जब से ये ताबूत मिला ये कौतुहल का विषय बना हुआ है. हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिर ये ताबूत किसका है. ताबूत के आकार को देखते हुए कहा जा रहा है कि ये किसी बड़े ओहदे वाले व्यक्ति का ताबूत हो सकता है. माना जा रहा है कि ये ताबूत एलेक्जेंडर द ग्रेट का हो सकता है.
जब पुरातत्व विभाग ने कहा कि इसे खोलकर देखा जाएगा तो लोगों को मानो फिल्म 'द ममी' और 'ममी रिटर्न्स' की याद आ गई. और लोग इस ताबूत को लेकर डरने लगे कि कहीं इस ताबूत के खुलने पर कोई अनहोनी न घट जाए. सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे न खोलने की चेतावनी दी. तर्क ये दिया गया कि ये अभिशाप साबित होगा जो मानवता के लिए अच्छा नहीं होगा. लोगों ने ये भी कहा कि हर ममी फिल्म हमें ताबूतों को अकेले छोड़ने के लिए कहती है. हालांकि लोगों की इन शंकाओं का बहुतों ने मजाक भी बनाया लेकिन उस डर का क्या जो ममी के नाम पर लोगों के दिमागों में बसा हुआ है.
एक व्यक्ति का कहना था कि "इस तरह वजनी और भारी ढक्कन का उसपर होना सिर्फ इसलिए है कि उसमें जो भी आत्मा है वो हमेशा के लिए वहीं रहे, बाहर न आए.'
लोगों का डर इसलिए भी है क्योंकि 1922 में जब प्राचीन मिस्र के फराओ तूतनखामेन के मकबरे की खुदाई की गई थी तो इतिहारकारों की पूरी टीम मौतों की शिकार हो गई थी. दुनिया भर के मीडिया में उसी वक्त से तूतनखामेन के श्राप की चर्चा होने लगी थी.
तो क्या नहीं खोला जाएगा ये ताबूत?
लोग भले ही डरें या इस तरह की बातें करें, लेकिन इतिहासकार लोगों की इन बातों से एकदम जुदा सोचते हैं, उनके लिए ये ताबूत खोलना मुश्किल तो होगा लेकिन नामुमकिन नहीं. मोर्टार की मोटी परत देखकर ही लग रहा था कि इसे पहले कभी भी खोला नहीं गया. जाहिर तौर पर ताबूत में जो ममी होगी वो बेहद प्रभावशाली होगी. इसे जमीन से निकालने में जितनी अहतियात बरती गई, उसे खोलने में भी उतनी ही बरती जाएगी. हर कदम बहुत फूंक-फूक कर उठाया जाएगा. लोगों के डर और चेतावनी से परे आने वाले दो दिनों में ये ताबूत खोल दिया जाएगा. इजिप्ट के पुरातत्व विभाग का कहना है कि इसे खोलते वक्त पूरे मीडिया को बुलाया जाएगा और लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाई जाएगी.
इसे लेकर लोगों में डर बना हुआ है वहीं ज्यादातर लोगों का कहना है कि इसे खोला जाना चाहिए. ताबूत खुलने पर और फिर कोई श्राप लोगों को अपना शिकार न बना ले, ये डर तो फिल्म देखने वालों के मन में होगा ही लेकिन जाहिक है इतिहासकार इसे खोलने के लिए काफी उत्साहित होंगे. जीत डर की होती है या फिर विज्ञान की, ये तो आने वाला वक्त बताएगा. लेकिन ये बात तो तय है कि मिस्र, उसके पिरामिड, ताबूत और ममी के रहस्य हमेशा ही लोगों को डराते रहेंगे.
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