कुछ साल पहले जींस बनाने वाली एक कंपनी के एक कैंपेन 'अनबटन मी' से खूब विवाद मचा था. लपेटे में अक्षय कुमार आए थे जब लैक्मे फैशन वीक के दौरान उन्होंने पत्नी ट्विंकल खन्ना से अपने जींस का बटन खुलवाया. कहने को तो ये एक कैंपेन था. कंपनी के प्रचार का हिस्सा. लेकिन बहुत से लोगों को बात नागवार गुजरी. बहस छिड़ गई कि इस तरह के प्रचार का क्या औचित्य है. फिर याद कीजिए तो निर्भया कांड के बाद एक फोटोशूट भी ऐसे ही विवादों में आया.
मतलब, किसी विज्ञापन पर विवाद कोई नई बात नहीं है. एडवरटाइजिंग के छात्रों को क्लास में जो भी पढ़ाया जाता हो लेकिन ये सच है कि इस क्रिएटिव दुनिया में कई बार जानबूझकर और पूरी रणनीति के साथ ऐसे हथकंडे अपनाए जाते रहे हैं. चर्चा बटोरने के लिए. 'अनबटन मी' कैंपेन का ही एक सच ये है कि विवाद के बाद लिवाइस के कपड़ों की ब्रिकी बढ़ गई थी. अब बात ताजा विवाद की. पिछले हफ्ते देश के एक बड़े अंग्रेजी अखबार में एक रेस्टोरेंट का विज्ञापन छपा. लेकिन अब ये विवादों में है. खासकर सोशल मीडिया में इस विज्ञापन पर खूब प्रतिक्रियाएं देखने को मिली. लोगों ने इसे अश्लील और अपमानजनक बताया.
इसे भी पढ़ें- चप्पल पर तिरंगा! कला के नाम पर यह कैसी स्वतंत्रता
नंदो का विवादित विज्ञापन
नंदो एक दक्षिण अफ्रीकी रेस्टोरेंट है. दुनियाभर के 25 से ज्यादा देशों में इसके 1200 से ज्यादा चेन हैं. लेकिन विवादित विज्ञापनों से इसका नाता पुराना है. पहले आप देखिए अखबार में छपे उस विज्ञापन को जिस पर बवाल मचा है.
कुछ साल पहले जींस बनाने वाली एक कंपनी के एक कैंपेन 'अनबटन मी' से खूब विवाद मचा था. लपेटे में अक्षय कुमार आए थे जब लैक्मे फैशन वीक के दौरान उन्होंने पत्नी ट्विंकल खन्ना से अपने जींस का बटन खुलवाया. कहने को तो ये एक कैंपेन था. कंपनी के प्रचार का हिस्सा. लेकिन बहुत से लोगों को बात नागवार गुजरी. बहस छिड़ गई कि इस तरह के प्रचार का क्या औचित्य है. फिर याद कीजिए तो निर्भया कांड के बाद एक फोटोशूट भी ऐसे ही विवादों में आया. मतलब, किसी विज्ञापन पर विवाद कोई नई बात नहीं है. एडवरटाइजिंग के छात्रों को क्लास में जो भी पढ़ाया जाता हो लेकिन ये सच है कि इस क्रिएटिव दुनिया में कई बार जानबूझकर और पूरी रणनीति के साथ ऐसे हथकंडे अपनाए जाते रहे हैं. चर्चा बटोरने के लिए. 'अनबटन मी' कैंपेन का ही एक सच ये है कि विवाद के बाद लिवाइस के कपड़ों की ब्रिकी बढ़ गई थी. अब बात ताजा विवाद की. पिछले हफ्ते देश के एक बड़े अंग्रेजी अखबार में एक रेस्टोरेंट का विज्ञापन छपा. लेकिन अब ये विवादों में है. खासकर सोशल मीडिया में इस विज्ञापन पर खूब प्रतिक्रियाएं देखने को मिली. लोगों ने इसे अश्लील और अपमानजनक बताया. इसे भी पढ़ें- चप्पल पर तिरंगा! कला के नाम पर यह कैसी स्वतंत्रता नंदो का विवादित विज्ञापन नंदो एक दक्षिण अफ्रीकी रेस्टोरेंट है. दुनियाभर के 25 से ज्यादा देशों में इसके 1200 से ज्यादा चेन हैं. लेकिन विवादित विज्ञापनों से इसका नाता पुराना है. पहले आप देखिए अखबार में छपे उस विज्ञापन को जिस पर बवाल मचा है.
इस विज्ञापन पर नाराजगी इतनी बढ़ी कि एक के बाद एक कई लोगों ने ट्वीट कर आलोचना शुरू कर दी. यहां तक कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी खुद को नहीं रोक सके. हालांकि ट्विटर और फेसबुक पर आ रही प्रतिक्रियाओं को देखने के बाद नंदो ने तुरंत माफी भी मांगी और कहा कि उसकी कोशिश किसी कि भावना को ठेस पहुंचाने की नहीं थी. वैसे, इस कंपनी का विवादित विज्ञापनों से नाता पुराना है. खासकर बाहर के देशों में कुछ टीवी विज्ञापनों के लेकर तो इतना बवाल मचा कि उन्हें प्रतिबंधित ही करना पड़ा. और फिर ये जिसके बारे में कहां गया कि विज्ञापन के जरिए जिम्बॉब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे का मजाक बनाया गया. दूसरी कंपनियां भी लेती रहीं हैं विवादित विज्ञापन का सहारा 1995 में फूटवियर बनाने वाली कंपनी टफ शूज के विज्ञापन के लिए हुआ एक फोटोशूट खूब विवादित रहा था. तब मॉडल मिलिंद सोमन और मधु साप्रे ने उस विज्ञापन के लिए न्यूड पोज दिया था. इस तस्वीर में दोनों केवल जूते पहने हुए हैं और एक अजगर उनके गले में है. अश्लीलता फैलाने के साथ-साथ तब वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत भी दोनों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे. ऐसे ही कार निर्माता कंपनी फोर्ड का एक विज्ञापन भी विवादों के साये में रहा. यह विज्ञापन भारत में तब आया जब देश में यौन अपराधों के खिलाफ कड़े कानून बनाने को लेकर चर्चा चल रही थी. वैसे माना गया कि इस विज्ञापन में इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लूस्कोनी के लाइफस्टाइल पर तंज कसा गया था. जब अक्षय फंसे जींस बनाने वाली कंपनी लिवाइस के 'अनबटन मी' कैंपेन में और आखिर में... एक कहावत है...बदनाम हुए तो क्या हुआ नाम न हुआ. भारत में फास्टफूड के लिए लोकप्रिय केएफसी या मैकडॉनल्ड्स के मुकाबले नंदो कहीं पीछे है. तो क्या पता इस वाक्ये के बाद भारत में नंदो के दिन बदल जाएं. वैसे भी नंदो भारत में अपना व्यापार बढ़ाने की कोशिश में है और उसका लक्ष्य है कि 2017 तक उसके करीब 20 चेन भारत में खुल जाएं. यह भी पढ़ें- ऐसे विज्ञापन होंगे तो बवाल होगा ही इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |