नीरज चोपड़ा (neeraj chopra) हर तरफ बस यही नाम छाया हुआ है. जैवलिन थ्रो (भाला फेंक) में गोल्ड मेडल जीतने वाले इस खिलाड़ी की दुनियां दिवानी हो गई है. भारत को गोल्ड दिलाने वाले नीरज चोपड़ा आज 130 करोड़ भारतवासियों के दिलों में छा गए हैं.
नीरज की शानदार जीत के बाद नेटिजन्स ने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर अब उनके इस स्टाइलिश लुक को लेकर खूब चर्चा होने लगी है. इनके गुणों को देखते हुए लोगों ने नीरज को अगल-अलग नाम दिया है. कोई इन्हें गोल्डन ब्वॉय कह रहा है तो कोई देशी छोरा. वहीं खेल के अलावा ये जिन वजहों से चर्चा बने हुए हैं वह है इनका लुक, स्टाइल, अनोखा अंदाज, भोलापन, ईमानदारी, सादगी और लक्ष्य के प्रति समर्पण.
सोशल मीडिया यूजर का मानना है कि नीरज इतने हैंडसम है कि अपनी बायोपिक में खुद का किरदार निभा सकते हैं…लोगों ने इन्हें नेशनल क्रश घोषित कर दिया है. लड़कियों के उपर तो इनके नाम का अलग ही खुमार है. लड़कियां जिस तरह नीरज के लिए सोशल मीडिया पर अपनी भावना उड़ेल रही हैं. क्या-क्या लिखा है वह हम यहां नहीं बता सकते लेकिन जिस तरह वे अपनी दिल की बात कह रही हैं वह हैरान करने वाला है.
अगर यही बातें कोई लड़का किसी लड़की के लिए लिख देता तो बवाल हो जाता. कम से कम सामने वाले का तो ध्यान रखिए. आप किसी को पसंद करती हैं यह एक अलग बात है लेकिन उसे लेकर आपकी क्या-क्या ख्वाहिशें है, आप उसके साथ क्या करना चाहती हैं, क्या ये बातें सोशल मीडिया पर लिखने वाली हैं...आप यह ध्यान रखिए कहीं आप सामने वाले का उत्तपीड़न तो नहीं कर रहीं. अगर किसी पर आपका क्रश है तो भी उसे सेक्सुअलाइज करने का आपको कोई हक नहीं. यही हाल रहा तो स्त्री-पुरुष समानता कैसे आएगी?
किसी के...
नीरज चोपड़ा (neeraj chopra) हर तरफ बस यही नाम छाया हुआ है. जैवलिन थ्रो (भाला फेंक) में गोल्ड मेडल जीतने वाले इस खिलाड़ी की दुनियां दिवानी हो गई है. भारत को गोल्ड दिलाने वाले नीरज चोपड़ा आज 130 करोड़ भारतवासियों के दिलों में छा गए हैं.
नीरज की शानदार जीत के बाद नेटिजन्स ने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर अब उनके इस स्टाइलिश लुक को लेकर खूब चर्चा होने लगी है. इनके गुणों को देखते हुए लोगों ने नीरज को अगल-अलग नाम दिया है. कोई इन्हें गोल्डन ब्वॉय कह रहा है तो कोई देशी छोरा. वहीं खेल के अलावा ये जिन वजहों से चर्चा बने हुए हैं वह है इनका लुक, स्टाइल, अनोखा अंदाज, भोलापन, ईमानदारी, सादगी और लक्ष्य के प्रति समर्पण.
सोशल मीडिया यूजर का मानना है कि नीरज इतने हैंडसम है कि अपनी बायोपिक में खुद का किरदार निभा सकते हैं…लोगों ने इन्हें नेशनल क्रश घोषित कर दिया है. लड़कियों के उपर तो इनके नाम का अलग ही खुमार है. लड़कियां जिस तरह नीरज के लिए सोशल मीडिया पर अपनी भावना उड़ेल रही हैं. क्या-क्या लिखा है वह हम यहां नहीं बता सकते लेकिन जिस तरह वे अपनी दिल की बात कह रही हैं वह हैरान करने वाला है.
अगर यही बातें कोई लड़का किसी लड़की के लिए लिख देता तो बवाल हो जाता. कम से कम सामने वाले का तो ध्यान रखिए. आप किसी को पसंद करती हैं यह एक अलग बात है लेकिन उसे लेकर आपकी क्या-क्या ख्वाहिशें है, आप उसके साथ क्या करना चाहती हैं, क्या ये बातें सोशल मीडिया पर लिखने वाली हैं...आप यह ध्यान रखिए कहीं आप सामने वाले का उत्तपीड़न तो नहीं कर रहीं. अगर किसी पर आपका क्रश है तो भी उसे सेक्सुअलाइज करने का आपको कोई हक नहीं. यही हाल रहा तो स्त्री-पुरुष समानता कैसे आएगी?
किसी के प्रति लड़कियों की दिवानगी यह कोई नई बात नहीं है. पहले भी अभिनेता के लिए महिलाएं छत से कूद जाया करती थीं, ऐसा कहा जाता है कि लड़कियां हीरो के लिए अपने हाथ का नस काट लेती थीं. विराट, धोनी और युवराज के लिए लड़कियों की दिवानगी पहले भी देखी जा चुकी है. किसी को पसंद करने में और उसे परेशान करने का अंतर लड़कियां खुद समझती हैं, कोई उनके साथ ऐसा करे तो...
दरअसल, कुछ ट्वीट्स में महिलाओं ने नीरज चोपड़ा के लिए खुलेआम बातें लिखीं. वे उन चीजों के बारे में थीं जो वे चाहती हैं कि उनके साथ करें. जिनपर विश्वास करना मुश्किल है. असल में यही समस्या है और यही कारण है कि लैंगिक समानता और लिंग भेद को कम करने की यह लड़ाई अभी भी जारी है…
क्या ये महिलाएं यौन रूप से सशक्त नहीं हैं, जो एक पुरुष का उल्लंघन कर रही हैं! इसके उलट यह समाज उन पुरुषों के साथ क्या करेगा जो किसी भी महिला के लिए इस तरह की बकवास लिखता, आप खुद कल्पना कीजिए.
पहले ही लखनऊ गर्ल कैब ड्राइवर को थप्पड़ मारकर समाज को महिलाओं का मजाक बनाने का एक बहाना दे दिया है. महिला होने के मतलब आप उन अधिकारों का फायद मत उठाइए जो आपकी सुरक्षा के लिए मिले हैं. कुछ लड़कियों की वजह से उन मलिाओं का दिल दुखा है जो सही मायने में अधिकारों की बात करती हैं. जो सच में कई सालों से समान अधिकार की लड़ाई लड़ रही हैं.
ऐसे में लोगों को उन्हें जली कटी सुनाने का अच्छा मौका मिल जाता है. याद रखिए कोई आदर्श अपने गुणों से बनता है ना कि अपने लुक से…आज मां-बाप नीरज के लुक को देखकर नहीं बल्कि उनके गुण को देखकर अपने बच्चों का नाम स्पोर्ट्स में दाखिल करा रहे हैं.
इन गलतियों की सजा पूरे महिला समाज को उठानी पड़ती है, जो सालों से संघर्ष कर रही हैं. कम से कम महिला सशक्तिकरण का यह मतलब तो बिल्कुल नहीं है, वहीं वे महिलाएं जो सच में अपने हक की लड़ाई लड़ रही हैं वो कुछ की वजह से झुकने वाली भी नहीं है लेकिन उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
आप उसके लिए लिख रही हैं जो इस देश का गौरव हैं, जिसका लक्ष्य अडिग है. नीरज तो अपना सोशल मीडिया भी खुद हैंडल नहीं करते...उनके दोस्त लड़कियों के मैसेजे का रिप्लाई करते हैं. उनपर क्रश रखिए, उन्हें हैंडसम बोलिए लेकिन अपनी भावना में बहकर कुछ ऐसा मत लिख दीजिए कि पढ़ने वाले दंग हो जाएं...और फिर सारी महिलाओं को ताना मारने लगें...जिस अपराध के खिलाफ आप अपनी आवाज उठातीं हैं वही काम आप किसी और के साथ मत कीजिए…
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.