दिल्ली के बुराड़ी स्थित जिस घर में 11 लोगों ने आत्महत्या की थी, भले ही अब उस घर में कोई नहीं है, लेकिन वहां हो रही कुछ रहस्यमयी घटनाओं ने लोगों को डराकर रख दिया है. हाल ही में घर की छत पर एक बाल्टी में कुछ कपड़े दिखे हैं, जो पहले नहीं थे. हैरानी की बात ये है कि ये घर 4 दिनों से सील है. बस यही वो बात है, जिसने लोगों को डराकर रख दिया है. अंधविश्वास के जिस चक्कर में पड़कर घर के सभी 11 लोगों ने मौत को गले लगा लिया, अब वो अंधविश्वास आस-पास के लोगों के जेहन में भी घर बना रहा है. रजिस्टर में लिखा था कि हम भगवान से मिलकर लौट आएंगे. बाल्टी में कपड़ों के दिखने को अब लोग इस बात से भी जोड़कर देख रहे हैं कि कहीं रजिस्टर की बात सच तो नहीं हो गई? कल तक जो लोग बैखौफ सोया करते थे, अब उन्हें रातों को नींद नहीं आ रही है. लेकिन इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
पुलिस को भी जिम्मेदार क्यों ना कहें?
जिस दिन घर को सील किया गया, उस दिन छत पर कपड़ों की बाल्टी नहीं दिखी थी, लेकिन अब यह बाल्टी एक रहस्य बन गई है. सवाल ये है कि ये बाल्टी आई कहां से, जबकि घर तो 4 दिन से बंद है. यकीनन पुलिस की लापरवाही का ही नतीजा है ये, क्योंकि घर सील होने के बाद या तो पुलिस घर के अंदर जाती है या फिर जांच कर रही टीम. अब या तो किसी ने जानबूझ कर लोगों को डराने के मकसद से ऐसा किया है, या फिर पुलिस ने ही सामान को हिलाया है, जिससे लोगों में डर फैल रहा है. आखिर किसी बंद घर में ऐसा हुआ कैसे, इसका जवाब पुलिस को ही देना होगा, ताकि लोगों में किसी तरह का अंधविश्वास ना फैले.
पूरी घटना की योजना बनाने वाले ललित भाटिया ने रजिस्टर में लिखा है कि उनके पिता की आत्मा उनसे बातें करती थी. उनके पिता सपने में...
दिल्ली के बुराड़ी स्थित जिस घर में 11 लोगों ने आत्महत्या की थी, भले ही अब उस घर में कोई नहीं है, लेकिन वहां हो रही कुछ रहस्यमयी घटनाओं ने लोगों को डराकर रख दिया है. हाल ही में घर की छत पर एक बाल्टी में कुछ कपड़े दिखे हैं, जो पहले नहीं थे. हैरानी की बात ये है कि ये घर 4 दिनों से सील है. बस यही वो बात है, जिसने लोगों को डराकर रख दिया है. अंधविश्वास के जिस चक्कर में पड़कर घर के सभी 11 लोगों ने मौत को गले लगा लिया, अब वो अंधविश्वास आस-पास के लोगों के जेहन में भी घर बना रहा है. रजिस्टर में लिखा था कि हम भगवान से मिलकर लौट आएंगे. बाल्टी में कपड़ों के दिखने को अब लोग इस बात से भी जोड़कर देख रहे हैं कि कहीं रजिस्टर की बात सच तो नहीं हो गई? कल तक जो लोग बैखौफ सोया करते थे, अब उन्हें रातों को नींद नहीं आ रही है. लेकिन इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
पुलिस को भी जिम्मेदार क्यों ना कहें?
जिस दिन घर को सील किया गया, उस दिन छत पर कपड़ों की बाल्टी नहीं दिखी थी, लेकिन अब यह बाल्टी एक रहस्य बन गई है. सवाल ये है कि ये बाल्टी आई कहां से, जबकि घर तो 4 दिन से बंद है. यकीनन पुलिस की लापरवाही का ही नतीजा है ये, क्योंकि घर सील होने के बाद या तो पुलिस घर के अंदर जाती है या फिर जांच कर रही टीम. अब या तो किसी ने जानबूझ कर लोगों को डराने के मकसद से ऐसा किया है, या फिर पुलिस ने ही सामान को हिलाया है, जिससे लोगों में डर फैल रहा है. आखिर किसी बंद घर में ऐसा हुआ कैसे, इसका जवाब पुलिस को ही देना होगा, ताकि लोगों में किसी तरह का अंधविश्वास ना फैले.
पूरी घटना की योजना बनाने वाले ललित भाटिया ने रजिस्टर में लिखा है कि उनके पिता की आत्मा उनसे बातें करती थी. उनके पिता सपने में आकर जो कुछ करने को कहते थे, ललित वह कर दिया करते थे. भारत जैसे देश में जहां भूत-प्रेत और आत्माओं पर विश्वास करने वालों की कमी नहीं हैं, वहां ललित के रजिस्टर में लिखी आत्मा की बात किसी को भी डराने के लिए काफी है.
लोगों के डरने की वजह क्या है?
ऐसा पहली बार तो नहीं है कि किसी घर में किसी ने आत्महत्या की हो, लेकिन हां, 11 लोगों की सामूहिक हत्या का मामला वाकई बहुत बड़ा है. लेकिन सोचने की बात है कि आखिर लोग क्यों डर रहे हैं. दरअसल, इस डर की वजह है भाटिया परिवार का तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास. जैसे-जैसे ये बातें सामने आ रही हैं कि भाटिया परिवार तंत्र-मंत्र करता था और मोक्ष प्राप्ति के लिए टोटके कर रहा था, तो अब लोग डरने लगे हैं. डर का आलम ये है कि लोग घर तक छोड़कर कहीं और जाने के बारे में सोच रहे हैं. बच्चों का तो और भी बुरा हाल है. रात में अचानक बच्चे उठकर यही पूछने लग जाते हैं कि कहीं दुकान वाले अंकल भूत बनकर तो नहीं आ जाएंगे.
क्या हुआ है बुराड़ी वाले मामले में?
दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली है. मरने वालों में 7 महिलाएं और चार पुरुष हैं. हैरान करने वाली बात ये है कि नौ लोगों के हाथ-पैर और मुंह सफेद कपड़े से बंधे हुए थे और कानों में रूई डाली गई थी. पुलिस को छानबीन से दो रजिस्टर मिले हैं, जिसमें ये सब लिखा गया है कि कब और कैसे आत्महत्या करनी है, ताकि मोक्ष की प्राप्ति हो सके. कौन सा शख्स कहां फांसी लगाएगा और कैसे मरेगा सब कुछ रजिस्टर में लिखा है. आस-पास के लोगों ने भी बताया है कि भाटिया परिवार काफी आध्यात्मिक था. आध्यात्म में लोगों का अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र की तरफ मुड़ जाना कोई नई बात नहीं है, लेकिन बुराड़ी जैसा वीभत्स मामला पहली बार देखने को मिला है.
बुराड़ी केस में अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र की बातें जिस तरह से सामने आई हैं, उसी की वजह से लोगों में एक डर फैल गया है. बंद घर के अंदर किसी सामान का इधर-उधर हो जाना और पुलिस को भी इसकी जानकारी ना होना इस मामले को और अधिक डरावना बना रहा है. पुलिस को इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए यह समझना जरूरी है कि अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र की इस घटना में कोई अंधविश्वास फैलने में देर नहीं लगेगी, इसलिए अधिक सजग रहने की जरूरत है.
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