न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा आर्डर्न ने अभी एक बच्ची को जन्म दिया है. उन्हें दो बातें खास बनाती हैं- पहली ये कि वो दुनिया की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री हैं, उम्र 37 साल और दूसरी ये कि वो दूसरी ऐसी प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान बच्चे को जन्म दिया, पहली पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो थीं.
जब हम किसी प्रधानमंत्री के बारे में सुनते हैं तो जाहिर है ये बात कभी नहीं सुनी होगी कि वो प्रेगनेंट हैं. क्योंकि ज्यादातर देशों के प्रधानमंत्री महिलाएं नहीं पुरुष हैं और जो महिलाएं हैं भी वो इतनी कम उम्र की नहीं हैं. लिहाजा जिस दिन से जैसिंडा ने अपनी प्रेगनेंसी के बारे में बताया, वो इस बीच पूरी दुनिया में चर्चित रही हैं. कारण ये नहीं कि वो प्रेगनेंट हैं, कारण ये कि वो प्रधानमंत्री होकर भी प्रेगनेंट हैं.
प्रेगनेंसी की खबर से जैसिंडा खुश लेकिन यूं परेशान हुई दुनिया
जब एक महिला गर्भवती होती है तो एक बहुत सामान्य सा सवाल हर किसी के जेहन में आता है. कि 'अब ये काम कैसे करेगी'. क्योंकि गर्भवती स्त्री की अवस्था को असमर्थता से जोड़कर ही देखा जाता है. कि वो गर्भावस्था के दौरान उतना काम कर पाएगी कि नहीं, वो काम पर उतना ध्यान लगा पाएगी कि नहीं, उसे पहले अपने स्वास्थ्य की फिक्र होगी फिर काम की...वगैरह वगैरह. और इसीलिए कामकाजी महिलाओं का गर्भवती होना हमेशा दूसरों को अखरता है. तो जाहिर है जैसे ही जैसिंडा ने अपनी गर्भावस्था के बारे में लोगों को जानकारी दी, ये सवाल राष्ट्रीय सवाल न रहकर अंतर्राष्ट्रीय सवाल बन गया था- कि क्या जैसिंडा गर्भावस्था में अपने पद के साथ न्याय कर पाएंगी?
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा आर्डर्न ने अभी एक बच्ची को जन्म दिया है. उन्हें दो बातें खास बनाती हैं- पहली ये कि वो दुनिया की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री हैं, उम्र 37 साल और दूसरी ये कि वो दूसरी ऐसी प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान बच्चे को जन्म दिया, पहली पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो थीं.
जब हम किसी प्रधानमंत्री के बारे में सुनते हैं तो जाहिर है ये बात कभी नहीं सुनी होगी कि वो प्रेगनेंट हैं. क्योंकि ज्यादातर देशों के प्रधानमंत्री महिलाएं नहीं पुरुष हैं और जो महिलाएं हैं भी वो इतनी कम उम्र की नहीं हैं. लिहाजा जिस दिन से जैसिंडा ने अपनी प्रेगनेंसी के बारे में बताया, वो इस बीच पूरी दुनिया में चर्चित रही हैं. कारण ये नहीं कि वो प्रेगनेंट हैं, कारण ये कि वो प्रधानमंत्री होकर भी प्रेगनेंट हैं.
प्रेगनेंसी की खबर से जैसिंडा खुश लेकिन यूं परेशान हुई दुनिया
जब एक महिला गर्भवती होती है तो एक बहुत सामान्य सा सवाल हर किसी के जेहन में आता है. कि 'अब ये काम कैसे करेगी'. क्योंकि गर्भवती स्त्री की अवस्था को असमर्थता से जोड़कर ही देखा जाता है. कि वो गर्भावस्था के दौरान उतना काम कर पाएगी कि नहीं, वो काम पर उतना ध्यान लगा पाएगी कि नहीं, उसे पहले अपने स्वास्थ्य की फिक्र होगी फिर काम की...वगैरह वगैरह. और इसीलिए कामकाजी महिलाओं का गर्भवती होना हमेशा दूसरों को अखरता है. तो जाहिर है जैसे ही जैसिंडा ने अपनी गर्भावस्था के बारे में लोगों को जानकारी दी, ये सवाल राष्ट्रीय सवाल न रहकर अंतर्राष्ट्रीय सवाल बन गया था- कि क्या जैसिंडा गर्भावस्था में अपने पद के साथ न्याय कर पाएंगी?
इसपर जैसिंडा का कहा था कि वो सुपरवूमन नहीं हैं, लेकिन उन्होंने कसम खाई है कि वो प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए तब तक काम करती रहेंगी जब तक वो डिलिवरी के लिए अस्पताल नहीं पहुंच जातीं. वो 'बेताब' हैं कि वो अपने देश को नीचा नहीं दिखाएंगी और प्रधानमंत्री के तौर पर अपना रोल निभाने में वो पूरी ईमानदारी निभाएंगी.
देखिए अपनी प्रेगनेंसी की घोषणा के वक्त उन्होंने क्या कहा-
जैसिंडा ने इस दौरान जो कुछ कहा वो अपने आप में एक महिला के सशक्त होने की पूरी कहानी कहता है. ये बातें महिलाओं के लिए किसी संदेश से कम नहीं है, जिसे अगर वो समझ लें तो वो अपने जीवन की दिशा और दशा दोनों बदल सकती हैं.
जैसिंडा की कुछ खास बातें-
* एक इंटरव्यू में जब जैसिंडा से पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री रहते हुए उनका मेटरनिटी लीव लेना सही है? इसपर जैसिंडा का कहना था कि वो अकेली नहीं हैं जो ये सब सुन रही हैं, हर कामकाजी महिला को ये सब झेलना ही होता है, लेकिन अगर मैं इस मामले पर बात कर रही हूं तो ये मेरा अपना निर्णय है क्योंकि मुझे इसपर बोलने में कोई परेशानी नहीं है, 'लेकिन' बाकी महिलाओं से उनके कार्य स्थल पर ये बात पूछा जाना 'पूरी तरह से अस्वीकार्य है'(totally unacceptable).
* बच्चा कब पैदा करना है ये हमेशा एक महिला का ही निर्णय होना चाहिए. इस बारे में सवाल करने वाला दूसरे कोई नहीं होते.
* जब हम नौकरी देते वक्त किसी पुरुष से ये नहीं पूछते कि वो भविष्य में बच्चे पैदा करेंगे या नहीं तो फिर हमें महिलाओं से पूछने का भी कोई अधिकार नहीं है.
जैसिंडा से बार-बार इसी तरह के सवाल किए गए. उन्हें ये जताया गया कि इतने अहम औहदे पर रहते हुए उनका बच्चा पैदा करना ठीक नहीं है. वो बच्चों के साथ घर परिवार और देश कैसे संभाल पाएंगी. एक इंटरव्यू में तो उनसे ये तक पूछ लिया गया था कि उन्होंने बच्चा कब कंसीव किया था, जिसको लेकर पत्रकार को आलोचनाओं का शिकार भी होना पड़ा था.
पत्रकार ने उनसे पूछा कि आपकी ड्यू डेट क्या है- जैसिंडा का जवाब था 17 जून, फिर पत्रकार का कहना था कि 'लोगों को जब ये पता लगेगा तो वो कंसीव करने के समय के बारे में सोचेंगे और पीछे जाएंगे..आखिर इलेक्शन कैंपेन के समय कोई कंसीव क्यों नहीं कर सकता.' इस बात पर जैसिंडा चौंक तो गईं लेकिन उन्होंने बड़े सधे हुए शब्दों में कहा कि 'इलेक्शन हो चुका था. और हमें इस बात के डीटेल में नहीं जाना चाहिए.' तब भी जैसिंडा के चेहरे पर मुस्कान थी और उन्होंने हर असहज कर देने वाले सवाल का जवाब पूरी सहजता से देकर सबको अपना बना लिया था.
* एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि जब आप काम पर लौटेंगी तो फिर बच्चों को कौन संभालेगा- इसपर जैसिंडा एकदम स्पष्ट थीं कि बच्चों को उनके पार्टनर क्लार्क गेफॉर्ड संभालेंगे, वो 'स्टे एट होम डैड' होंगे और बच्चों का ध्यान रखेंगे. इस बात के लिए हम पहले ही एकमत हैं. और हम कोई फुल टाइम नैनी भी नहीं रखने वाले.
* खास बात ये भी है कि जैसिंडा ने शादी नहीं की है. वो 4 सालों से अपने पार्टनर क्लार्क के साथ रह रही हैं. इसपर जैसिंडा का कहना था कि शादी न करने का फैसला हम दोनों का ही था. हम लोग एक दूसरे के प्रति कमिटिड हैं फिर इससे किसी को भी परेशानी क्यों होनी चाहिए.
जैसिंडा आजाद ख्याल महिला हैं, स्मार्ट हैं, बुद्धिमान हैं, वो कामकाजी हैं, वो अपने साथ लाखों महिलाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं जो काम काजी हैं. लेकिन उनकी जिम्मेदारी बाकी महिलाओं से काफी ज्यादा भी है क्योंकि उनके ऊपर सिर्फ घर-परिवार और दफ्तर की ही नहीं पूरे देश की जिम्मेदारी है. वो देश की प्रधानमंत्री हैं. अपनी काबिलियत के बूते वो इस मुकाम पर पहुंची हैं, लेकिन समाज किसी भी देश का हो एक जैसा सोचता है इसलिए अपनी प्रेगनेंसी को लेकर उन्हें खुद को कई बार साबित करना पड़ा और शायद आगे भी करना पड़ेगा.
लेकिन गर्भावस्था से लेकर मां बनने के इस पूरे सफर में वो एक रोल मॉडल के रूप में सबके सामने खड़ी रहीं. जैसिंडा आर्डर्न जैसी महिलाएं बहुत कम हैं, लेकिन पूरी दुनिया को ऐसी ही महिलाओं की जरूरत है. क्योंकि समानता और समान अधिकार की बात करने वालों को समानता के असल मायने जैसिंडा जैसी सशक्त महिलाएं ही समझा सकती हैं.
जसिंडा ने एक प्यारी सी बच्ची को जन्म दिया है. और अब वो 6 हफ्ते (भारत में 26 हफ्ते) की मटरनिटी लीव पर हैं. देश कुछ दिनों के लिए उप प्रधानमंत्री विंसटन पीटर्स संभांलेंगे और जसिंडा अपने परिवार के साथ बेहद अनमोल समय बिताएंगी.
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