Nirbhaya Gang Rape Case के दोषियों को फांसी की सजा मुकर्रर है. 7 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार निर्भया को 1 फरवरी को इंसाफ मिल जाएगा जब विनय, अक्षय, मुकेश और पवन चारों दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा. पटियाला हाउस कोर्ट से डेथ वारेंट जारी होने के बाद विनय और मुकेश की ओर से डाली गई क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज भी कर दी.
निर्भया कांड होने के बाद से इस मामले पर जो कुछ भी हुआ वो सभी को पता है, लेकिन जेल में कैद निर्भया के गुनहगारों की जिंदगी में क्या कुछ हुआ ये कोई नहीं जानता. इन चारों दोषियों के अलावा एक और आरोपी राम सिंह ने मार्च 2013 में जेल में ही आत्महत्या कर ली थी. हालांकि जेल की चार दीवारी के सीमित दायरों में बाकी बचे चारों दोषियों ने बहुत कुछ किया जिसे शायद लोग जानना चाहें.
जेल के नियम तोड़े
जेल में बंद कैदियों को जेल के नियमों का पालन करना होता है, और पालन नहीं करने वालों को सजा भी दी जाती है. इन चारों आरोपियों ने तो जेल में भी सजा पाई, पिछले 7 सालों में इन सभी ने नियम तोड़े लेकिन सबसे कम नियम अक्षय ने तोड़े. उसे सिर्फ एक बार नियम तोड़ने पर सजा हुई थी. जबकि मुकेश को 3 बार, पवन को 8 बार और विनय ने जेल के नियमों का उल्लंघन करने पर 11 बार सजा मिली है.
जेल में की मेहनत
जेल के कैदी जेल में मेहनत मजदूरी करते हैं जिसका महनताना उन्हें मिलता है. लेकिन इनमें से मुकेश को मेहनत करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी. उसने न काम किया और न कुछ कमाया. वहीं जेल के अंदर काम करके अक्षय ने 69,000, विनय ने 39,000 रुपए और पवन ने 29 हजार रुपए कमाए हैं. कैदियों की कमाई को जिस खाते में रखा जाता है,...
Nirbhaya Gang Rape Case के दोषियों को फांसी की सजा मुकर्रर है. 7 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार निर्भया को 1 फरवरी को इंसाफ मिल जाएगा जब विनय, अक्षय, मुकेश और पवन चारों दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा. पटियाला हाउस कोर्ट से डेथ वारेंट जारी होने के बाद विनय और मुकेश की ओर से डाली गई क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज भी कर दी.
निर्भया कांड होने के बाद से इस मामले पर जो कुछ भी हुआ वो सभी को पता है, लेकिन जेल में कैद निर्भया के गुनहगारों की जिंदगी में क्या कुछ हुआ ये कोई नहीं जानता. इन चारों दोषियों के अलावा एक और आरोपी राम सिंह ने मार्च 2013 में जेल में ही आत्महत्या कर ली थी. हालांकि जेल की चार दीवारी के सीमित दायरों में बाकी बचे चारों दोषियों ने बहुत कुछ किया जिसे शायद लोग जानना चाहें.
जेल के नियम तोड़े
जेल में बंद कैदियों को जेल के नियमों का पालन करना होता है, और पालन नहीं करने वालों को सजा भी दी जाती है. इन चारों आरोपियों ने तो जेल में भी सजा पाई, पिछले 7 सालों में इन सभी ने नियम तोड़े लेकिन सबसे कम नियम अक्षय ने तोड़े. उसे सिर्फ एक बार नियम तोड़ने पर सजा हुई थी. जबकि मुकेश को 3 बार, पवन को 8 बार और विनय ने जेल के नियमों का उल्लंघन करने पर 11 बार सजा मिली है.
जेल में की मेहनत
जेल के कैदी जेल में मेहनत मजदूरी करते हैं जिसका महनताना उन्हें मिलता है. लेकिन इनमें से मुकेश को मेहनत करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी. उसने न काम किया और न कुछ कमाया. वहीं जेल के अंदर काम करके अक्षय ने 69,000, विनय ने 39,000 रुपए और पवन ने 29 हजार रुपए कमाए हैं. कैदियों की कमाई को जिस खाते में रखा जाता है, उसे कैदी कल्याण खाता कहा जाता है.
बहुत से लोगों को यही लगेगा कि 7 साल में उन्होंने सिर्फ यही कमाया. कुछ ही दिनों में फांसी पर लटकने जा रहे आरोपियों की 7 साल की ये कमाई उनके परिवार वालों के लिए बहुत अहमियत रखती होगी. हालांकि इनमें से किसी ने अब तक इस बात की जानकारी नहीं दी है कि उनकी कमाई उनकी मौत के बाद किसे दी जाएगी. लेकिन नहीं बताने की स्थिति में ये मेहनताना उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा.
पढ़ाई में भी रुचि दिखाई थी
2016 में मुकेश, पवन और अक्षय ने जेल के अंदर ही 10 कक्षा में दाखला दिया था. सभी ने एग्जाम भी दिए लेकिन कोई पास नहीं हो सका. विनय ने एक बैचलर डिग्री के कोर्स में एडमीशन लिया था लेकिन वो भी उसे पूरा नहीं कर पाया.
दोषी अब टेंशन में
भारत में ये पहली बार होगा कि 4 कैदियों को एकसाथ फांसी दी जा रही हो. इन सभी को जेल में अलग अलग सेल में रखा गया है और सीसीटीवी के जरिए इनकी मॉनीटरिंग की जा रही है. इनके व्यवहार पर भी करीब से ध्यान दिया जा रहा है. पता चला है कि डेथ वारंट जारी होने के बाद इन चारों दोषी काफी टेंशन में हैं. और इनमें से विनय सबसे ज्यादा परेशान है. उसके चेहरे पर डर देखा जा सकता है. वहीं उसका व्यवहार भी बदल रहा है. अब उसे जरा सी बात पर भी गुस्सा आ जाता है. हालांकि जेल अधिकारी व कर्मचारी बातचीत करके उसे सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं. वो 1 फरवरी तक सामान्य रहे इसके लिए विशेषज्ञों से उसकी काउंसिलिंग भी कराई जा सकती है. 3 साल पहले विनय ने भी राम सिंह की तरह ही जेल में आत्महत्या की कोशिश की थी.
आखिरी वक्त करीब है
अब फांसी की तारीख नजदीक है इसलिए इन आरोपियों को इनके परिवार वालों से मिलने दिया जा रहा है. इन सभी के परिजन आकर उनसे मिल रहे हैं सिवाए एक के. जेल सूत्रों के अनुसार दोषी अक्षय से नवंबर के बाद से अब तक किसी ने मुलाकात नहीं की है. हालांकि वो फोन से ही परिवार के संपर्क में रहता है. परिवार वाले आकर अंतिम समय में इन दोषियों को संबल दे रहे हैं.
हालांकि इन दोषियों ने जेल में जो भी किया लेकिन फांसी से बचने के लिए हर संभव कोशिश की. पता नहीं उन्हें अपने किए पर पछतावा हुआ भी था या नहीं, लेकिन आज निर्भया होती तो वो इन 7 सालों में न जाने कितना कुछ कर सकती थी.
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