निर्भया (Nirbhaya) की मौत को करीब 7 साल हो गए हैं. उसके दोषी (Nirbhaya Rape accused) भी सलाखों के पीछे हैं. 6 में से एक ने आत्महत्या कर ली, दूसरा जुवेनाइल था, जिसने जुवेनाइल कोर्ट से अपनी सजा पूरी कर ली है. बाकी बचे चार. इस चारों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है, लेकिन सवाल ये है कि आखिर ये फांसी होगी कब. एक ओर निर्भया की मां इन दरिंदों को फांसी के तख्ते पर लटकता हुआ देखना चाहती हैं, वहीं दूसरी ओर पूरा देश भी यही चाहता है कि जल्द से जल्द इन चारों को फांसी दी जाए (Nirbhaya accused fansi date). खैर, फांसी तो अब जल्दी ही दी ही जाएगी, क्योंकि हैदराबाद एनकाउंटर (Hyderabad Police Encounter) के बाद निर्भया को इंसाफ दिलाने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. पुलिस प्रशासन भी जल्लाद की तलाश में जुट गया है. लेकिन जरा सोचिए, अगर ये जल्लाद (Jallad) कोई आदमी ना होकर महिला हो तो कैसा होगा? एक महिला से दरिंदगी करने वालों को एक महिला ही फांसी (Execution) के फंदे पर लटकाएगी... सुनकर बेशक दिल को एक सुकून सा मिल सकता है, लेकिन देखना दिलचस्प रहेगा कि ये कितना मुमकिन है और ऐसा करने की इजाजत मिलेगी भी या नहीं. बता दें कि शूटर वर्तिका सिंह (International shooter Vartika Singh) निर्भया के दरिंदों को फांसी पर लटकाने के लिए खुद को जल्लाद बनाए जाने के मांग कर रही हैं.
जल्लाद बनना चाहती हैं वर्तिका सिंह
वर्तिका सिंह इंटरनेशनल लेवल की शूटर हैं. वह चाहती हैं कि सरकार और सुप्रीम कोर्ट उन्हें जल्लाद बनने की इजाजत दे. इस बावत उन्होंने अपने खून से गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा है. उन्होंने सभी महिला सांसदों, अभिनेत्रियों से उनका साथ...
निर्भया (Nirbhaya) की मौत को करीब 7 साल हो गए हैं. उसके दोषी (Nirbhaya Rape accused) भी सलाखों के पीछे हैं. 6 में से एक ने आत्महत्या कर ली, दूसरा जुवेनाइल था, जिसने जुवेनाइल कोर्ट से अपनी सजा पूरी कर ली है. बाकी बचे चार. इस चारों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है, लेकिन सवाल ये है कि आखिर ये फांसी होगी कब. एक ओर निर्भया की मां इन दरिंदों को फांसी के तख्ते पर लटकता हुआ देखना चाहती हैं, वहीं दूसरी ओर पूरा देश भी यही चाहता है कि जल्द से जल्द इन चारों को फांसी दी जाए (Nirbhaya accused fansi date). खैर, फांसी तो अब जल्दी ही दी ही जाएगी, क्योंकि हैदराबाद एनकाउंटर (Hyderabad Police Encounter) के बाद निर्भया को इंसाफ दिलाने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. पुलिस प्रशासन भी जल्लाद की तलाश में जुट गया है. लेकिन जरा सोचिए, अगर ये जल्लाद (Jallad) कोई आदमी ना होकर महिला हो तो कैसा होगा? एक महिला से दरिंदगी करने वालों को एक महिला ही फांसी (Execution) के फंदे पर लटकाएगी... सुनकर बेशक दिल को एक सुकून सा मिल सकता है, लेकिन देखना दिलचस्प रहेगा कि ये कितना मुमकिन है और ऐसा करने की इजाजत मिलेगी भी या नहीं. बता दें कि शूटर वर्तिका सिंह (International shooter Vartika Singh) निर्भया के दरिंदों को फांसी पर लटकाने के लिए खुद को जल्लाद बनाए जाने के मांग कर रही हैं.
जल्लाद बनना चाहती हैं वर्तिका सिंह
वर्तिका सिंह इंटरनेशनल लेवल की शूटर हैं. वह चाहती हैं कि सरकार और सुप्रीम कोर्ट उन्हें जल्लाद बनने की इजाजत दे. इस बावत उन्होंने अपने खून से गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा है. उन्होंने सभी महिला सांसदों, अभिनेत्रियों से उनका साथ देने की अपील भी की है. दरअसल, वह इस मामले पर पूरे देश की महिलाओं का समर्थन चाहती हैं. अगर भावनात्मक तौर पर देखा जाए तो बेशक हर कोई इसके लिए तैयार हो जाएगा और कहेगा कि ऐसा ही होना चाहिए. एक महिला से ज्यादती करने वाले दरिंदों को उनके किए की सजा एक महिला की हाथों से ही मिलती चाहिए, लेकिन ये देखना पड़ेगा कि यह हकीकत से कितना करीब है.
अभी किसे बनाया जा रहा है जल्लाद?
पिछले कुछ दिनों से जल्लाद की खोज की जा रही थी, जो अब पूरी हो चुकी है. ये तय हो गया है कि जल्लाद पवन कुमार निर्भया के आरोपियों को फांसी देंगे, जिनका पूरा परिवार ही जल्लाद का काम करता आ रहा है. यूपी के पवन कुमार फिलहाल मेरठ जेल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
फांसी कब होनी है निर्भया के दोषियों की?
वैसे कयास तो इस बात को लगाए जा रहे थे 16 दिसंबर को निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा, उसी दिन जिस दिन निर्भया के साथ इन दरिंदों ने हैवानियत की थी. लेकिन एक बात समझ लीजिए कि 16 नवंबर को किसी भी सूरत में फांसी नहीं हो सकती, क्योंकि 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में एक अहम सुनवाई है. इसी की वजह से कुछ दिन पहले ही पटियाला हाउस कोर्ट ने भी डेथ वारंट जारी करने की याचिका को टाल दिया था और कहा था कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले का फैसला नहीं हो जाता, इस केस में कुछ नहीं किया जा सकता है. अब सवाल ये उठता है कि 16 दिसंबर नहीं तो फिर फांसी कब? अब कयास इस बात के लगाए जा रहे हैं कि ये फांसी 29 दिसंबर को हो सकती है, जिस दिन निर्भया की सांसों की डोर टूटी थी. वैसे भी इस मामले पर इतने अधिक प्रदर्शन हो रहे हैं कि अब सरकार जल्द से जल्द इसका निपटारा करना चाहेगी और फांसी दे देगी. अगर 18 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया तो ठीक, वर्ना फिर 18 दिनों के लिए सुप्रीम कोर्ट छुट्टियों के चलते बंद रहेगा और दोबारा 6 जनवरी को खुलेगा. यानी मामला 2020 तक लटक जाएगा. हालांकि, निर्भया केस इतना बड़ा है कि छुट्टी में भी सुप्रीम कोर्ट इस पर अहम फैसला सुनाने से पीछे नहीं हटेगा.
निर्भया मामले में हैदराबाद एनकाउंटर के बाद से अचानक तेजी से इंसाफ की मांग उठने लगी थी. लोगों का तर्क था कि हैदराबाद में पुलिस ने दोषियों को उनके किए की सजा दे दी, लेकिन निर्भया के दोषी अभी भी जेल में बैठे मुफ्त की रोटियां तोड़ रहे हैं. अब जल्द ही उन्हें फांसी के तख्ते तक पहुंचाया जाएगा, जिसके लिए जल्लाद की खोज भी पूरी हो चुकी है. वैसे इतिहास में अब तक ऐसा नहीं हुआ है कि किसी महिला को जल्लाद बनाया गया हो, तो ये मुमकिन भी नहीं लगता कि वर्तिका सिंह की गुहार पूरी होगी, लेकिन उनके जज्जे की दाद जरूर देनी पड़ेगी.
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