15 साल पहले, अपने ही डेरे की एक साध्वी के साथ यौन शोषण के मामले में दोषी करार बाबा गुरमीत राम रहीम इंसान पर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने बाबा को 10 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट द्वारा दोषी पाए जाने से पहले गुरमीत राम रहीम सेलेब्रिटी स्टेटस रखते थे.आज वो किसी अन्य अपराधी की ही तरफ चेहरे पर बेबसी लिए फैसला आने के बाद भी कोर्ट से रहमदिली की उम्मीद कर रहे हैं. शायद इतना सब होने के बावजूद बाबा ये आशा कर रहे हों कि कोर्ट उनपर कुछ रहम करे.
चूंकि दोषी पाए जाने से पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम सेलेब्रिटी थे तो उनका मेन स्ट्रीम मीडिया से लेकर सोशल मीडिया में चर्चा में बने रहना लाजमी था. जिस वक्त कोर्ट इन्हें दोषी करार कर चुकी थी और जिस वक्त इनके समर्थकों द्वारा कानून का मखौल उड़ा कर पूरे हरियाणा और पंजाब को जलाया जा रहा था ठीक उसी वक्त लाखों की तादाद में लोग इंटरनेट पर भी गुरमीत राम रहीम को ही सर्च कर रहे थे.
गूगल ट्रेंड्स से प्राप्त आंकड़ों पर नजर डालें तो मिलता है कि उस दिन न सिर्फ लोगों ने बाबा राम रहीम, उनके डेरे और उनके सत्संगों को सर्च किया बल्कि लोगों की एक बड़ी संख्या उनकी बीवी समेत परिवार के बारे में भी जानना चाह रही थी. लोग इंटरनेट पर तरह- तरह के की-वर्ड और हैशटैग्स द्वारा ये जानने को बेकरार थे कि आखिर वो औरत कौन है जो अपनी आंखों के सामने अपने ही पति के कुकृत्य देख रही थी और उसने उनपर खामोशी अख्तियार कर रखी थी.
15 साल पहले, अपने ही डेरे की एक साध्वी के साथ यौन शोषण के मामले में दोषी करार बाबा गुरमीत राम रहीम इंसान पर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने बाबा को 10 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट द्वारा दोषी पाए जाने से पहले गुरमीत राम रहीम सेलेब्रिटी स्टेटस रखते थे.आज वो किसी अन्य अपराधी की ही तरफ चेहरे पर बेबसी लिए फैसला आने के बाद भी कोर्ट से रहमदिली की उम्मीद कर रहे हैं. शायद इतना सब होने के बावजूद बाबा ये आशा कर रहे हों कि कोर्ट उनपर कुछ रहम करे.
चूंकि दोषी पाए जाने से पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम सेलेब्रिटी थे तो उनका मेन स्ट्रीम मीडिया से लेकर सोशल मीडिया में चर्चा में बने रहना लाजमी था. जिस वक्त कोर्ट इन्हें दोषी करार कर चुकी थी और जिस वक्त इनके समर्थकों द्वारा कानून का मखौल उड़ा कर पूरे हरियाणा और पंजाब को जलाया जा रहा था ठीक उसी वक्त लाखों की तादाद में लोग इंटरनेट पर भी गुरमीत राम रहीम को ही सर्च कर रहे थे.
गूगल ट्रेंड्स से प्राप्त आंकड़ों पर नजर डालें तो मिलता है कि उस दिन न सिर्फ लोगों ने बाबा राम रहीम, उनके डेरे और उनके सत्संगों को सर्च किया बल्कि लोगों की एक बड़ी संख्या उनकी बीवी समेत परिवार के बारे में भी जानना चाह रही थी. लोग इंटरनेट पर तरह- तरह के की-वर्ड और हैशटैग्स द्वारा ये जानने को बेकरार थे कि आखिर वो औरत कौन है जो अपनी आंखों के सामने अपने ही पति के कुकृत्य देख रही थी और उसने उनपर खामोशी अख्तियार कर रखी थी.
गुरमीत राम रहीम की पत्नी के प्रति लोगों की जिज्ञासा को ध्यान में रखकर हमनें भी इंटरनेट पर इस की-वर्ड को सर्च किया. इंटरनेट पर सर्च करने के बाद गिने चुने परिणामों को देख हमें हैरानी हुई ये जानकार कि जिस आदमी का, जिसके डेरे का साम्राज्य इतना विशाल है उसकी बेहद निजी जानकारी को नेट से लगभग हटा दिया गया है. बाबा राम रहीम की बीवी को लेकर हमको इंटरनेट पर जो जानकारी मिली वो ये कि, 'बाबा गुरमीत राम रहीम की पत्नी का नाम हरजीत है जिनसे बाबा के तीन बच्चे पुत्र जसमीत, बड़ी बेटी चरणप्रीत और छोटी बेटी अमरप्रीत हैं'. इसके अलावा ये भी जानकारी मिली कि, 'बाबा की पत्नी डेरे में ही रहती हैं लेकिन वे सार्वजनिक कार्यों में बहुत कम नजर आती हैं'.
बाबा की बीवी के सम्बन्ध में, जो जानकारी थी वो इतनी ही थी और इतनी जानकारी किसी के भी माथे पर चिंता के बल डाल सकती है. इस जानकारी से एक बात तो साफ है कि चाहे यौन शोषण के मामले में कैदी नंबर 1997 का बिल्ला लगाए गुरमीत राम रहीम हों या फिर जेल की सलाखों के पीछे ऐसे ही मिलते जुलते मामले पर अपने फैसले का इन्तेजार करते आसाराम बापू सभी की स्थिति लगभग बराबर है. कह सकते हैं ये सभी एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं.
बीवी के सम्बन्ध में इतनी छोटी सी जानकारी के बाद ये कहना हमारे लिए अतिश्योक्ति न होगा कि ये बाबा लोग उन्हीं को सामने लाते हैं जो इन्हें आर्थिक, सामाजिक और बाहुबल की दृष्टि से फायदा पहुंचाते हैं. जिन लोगों से इन बाबाओं को बल मिलता है और जो इन्हें लाभ देत हैं वो ऐसे ही सामने रहेंगे और लाइमलाइट पाते रहेंगे और वो लोग जिनसे इन बाबाओं को कोई फायदा नहीं है वो यूं ही पस्ताहाली का जीवन जीते हुए गुमनामी के अंधेरों में मर जाएंगे.
बहरहाल, व्यक्तिगत रूप से ये मेरे लिए बड़ी दिलचस्प बात है कि जिस आदमी के रुतबे से पूरा पंजाब और हरियाणा खौफ़ खाता था आज उस आदमी की बीवी या परिवार के सम्बन्ध में हम कोई जानकारी ही नहीं जुटा पा रहे हैं. कहा ये भी जा सकता है कि ये पूरा प्रकरण उन लोगों के लिए एक सबक है जो इन बाबाओं के लिए मरने मारने और कानून अपने हाथ में लेने को आतुर हैं. इन लोगों को ये बात ध्यान में रखनी चाहिए कि जो आदमी अपने परिवार का न हो सका वो भला अपने भक्तों का क्या होगा.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.