'सखी सैयां तो खूबै कमात हैं, महंगाई डायन खाये जात हैं' इस गाने को आपने भी सुना होगा. ताजा हालात में ये गाना आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना ये पहले थे. कमर तोड़ महंगाई तब भी थी और आज भी ये अपनी जगह बरकरार है. बढ़ती महंगाई और चीजों के आसमान छूते दामों से देश का आम आदमी परेशान है. जो प्रायः यही सोचता है कि जब दुनिया में हर चीज बढ़ रही है तो फिर उसकी सैलरी में इजाफा क्यों नहीं हो रहा.
आखिर ऐसी क्या वजह है कि संकट के काले बादल उसकी ही सैलरी पर छाए हैं. देश का ये आम आदमी तब और परेशान हो जाता है जब उसके सामने त्योहार हों, और उसे अपने जानने वालों के लिए कुछ खरीदारी करनी हो और हाथ तंग होने के चलते वो खरीदारी न कर पाए.
बहरहाल, रक्षाबंधन नजदीक है ऐसे में लोगों की यही इच्छा होती है कि वो अपनी-अपनी बहनों को कुछ ऐसा गिफ्ट दें जो उन्हें जीवन भर याद रहे. तो अगर आप भी कुछ ऐसा ही सोच रहे हैं तो फिर आपके लिए अच्छी खबर है. अब आप अपनी बहन को महंगी सब्जियों की टोकरी दे सकते हैं. जी हां, सही सुना आपने. अब तक आपने लोगों को कई अजीबो गरीब गिफ्ट देते और लेते सुना होगा. अब भविष्य में आप ये भी सुन सकते हैं कि रक्षाबंधन के अवसर पर किसी भाई ने अपनी बहन को मन्त्र मुग्ध कर देने वाली पैकिंग में अमेरिका के कैलिफोर्निया से टमाटर और टिंडे भेजे या फिर आप ये भी सुन सकते हैं कि किसी बहन को उसके भाई ने कुछ इस तरह पैक करके प्याज दी की उसे उसने अपने ड्राइंग रूम में सजा लिया है.
बताया जा रहा है कि इस रक्षाबंधन, उत्तर प्रदेश स्थित कानपुर का एक व्यापारी कुछ इस तरह का आईडिया लेकर आया है जो अपने आप में विशेष है और जिसने कई लोगों को हैरत में डाल दिया है. रक्षाबंधन के अवसर पर वो ऐसे गिफ्ट्स...
'सखी सैयां तो खूबै कमात हैं, महंगाई डायन खाये जात हैं' इस गाने को आपने भी सुना होगा. ताजा हालात में ये गाना आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना ये पहले थे. कमर तोड़ महंगाई तब भी थी और आज भी ये अपनी जगह बरकरार है. बढ़ती महंगाई और चीजों के आसमान छूते दामों से देश का आम आदमी परेशान है. जो प्रायः यही सोचता है कि जब दुनिया में हर चीज बढ़ रही है तो फिर उसकी सैलरी में इजाफा क्यों नहीं हो रहा.
आखिर ऐसी क्या वजह है कि संकट के काले बादल उसकी ही सैलरी पर छाए हैं. देश का ये आम आदमी तब और परेशान हो जाता है जब उसके सामने त्योहार हों, और उसे अपने जानने वालों के लिए कुछ खरीदारी करनी हो और हाथ तंग होने के चलते वो खरीदारी न कर पाए.
बहरहाल, रक्षाबंधन नजदीक है ऐसे में लोगों की यही इच्छा होती है कि वो अपनी-अपनी बहनों को कुछ ऐसा गिफ्ट दें जो उन्हें जीवन भर याद रहे. तो अगर आप भी कुछ ऐसा ही सोच रहे हैं तो फिर आपके लिए अच्छी खबर है. अब आप अपनी बहन को महंगी सब्जियों की टोकरी दे सकते हैं. जी हां, सही सुना आपने. अब तक आपने लोगों को कई अजीबो गरीब गिफ्ट देते और लेते सुना होगा. अब भविष्य में आप ये भी सुन सकते हैं कि रक्षाबंधन के अवसर पर किसी भाई ने अपनी बहन को मन्त्र मुग्ध कर देने वाली पैकिंग में अमेरिका के कैलिफोर्निया से टमाटर और टिंडे भेजे या फिर आप ये भी सुन सकते हैं कि किसी बहन को उसके भाई ने कुछ इस तरह पैक करके प्याज दी की उसे उसने अपने ड्राइंग रूम में सजा लिया है.
बताया जा रहा है कि इस रक्षाबंधन, उत्तर प्रदेश स्थित कानपुर का एक व्यापारी कुछ इस तरह का आईडिया लेकर आया है जो अपने आप में विशेष है और जिसने कई लोगों को हैरत में डाल दिया है. रक्षाबंधन के अवसर पर वो ऐसे गिफ्ट्स बेच रहा है जिसमें अच्छे गिफ्ट पेपर में रैप सब्जियां हैं.
गौरतलब है कि, महंगाई के ग्राफ में लगातार हो रहे इजाफे के चलते, वर्तमान में सब्जियां आम आदमी की पहुंच से कोसों दूर हैं. कहा जा सकता है कि आज अच्छी सब्जियां खाना किसी व्यक्ति के लिए किसी सपने से कम नहीं है. इन्हीं कारणों के चलते सरकार को न सिर्फ विपक्ष की आलोचना सहनी पड़ रही है बल्कि इन बढ़े हुए दामों के चलते आम खरीदार भी, सरकार के प्रति अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं.
ज्ञात हो कि कम बारिश के चलते फसलों को उतना पानी नहीं मिल पाया है जितना उन्हें मिलना चाहिए था और इस कारण पूर्व की अपेक्षा फसलों की पैदावार काफी कम हुई है जिस कारण रोजाना की खाद्य वस्तुओं की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला है.
कानपुर के इस व्यापारी का आईडिया इस बात की ओर साफ इशारा कर रहा है कि ये तंत्र के प्रति उसका एक खास अंदाज में विरोध है. ध्यान रहे कि बढ़ी हुई महंगाई से न सिर्फ आम आदमी का जीवन अस्त व्यस्त हुआ है बल्कि इन आसमान छूते दामों के चलते कारोबारियों तक का व्यापर खासा प्रभावित हुआ है.
खैर, वर्तमान में हमारे सामने गिफ्ट के लेन देन के कई ऐसे मामले आए हैं जिन्होंने हमें हैरत में डाला है तो अंत में हम यही कहेंगे कि इस आदमी से प्रेरणा लेकर अगर हम अपने आस पास में किसी को ऐसे गिफ्ट बेचते या फिर किसी को खरीदते देखें तो हमें आश्चर्य में पड़ने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है.
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