देश और सरकार दोनों चिंतित हैं. वजह? कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन. वो वेरिएंट जिसके विषय में एक्सपर्ट्स की यही राय है कि ये दो ही म्यूटेशन के लिए मशहूर डेल्टा वेरिएंट से कहीं ज्यादा खतरनाक और जानलेवा है. वायरस किस हद तक जानलेवा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अमेरिका द्वारा ओमिक्रॉन के 30 से अधिक म्यूटेशन दर्ज किए गए हैं. Omicron को बड़ा खतरा मानते हुए पूरे विश्व की तरह भारत भी कुछ सख्त कदम उठाने को मजबूर है और इसी क्रम में डीजीसीए ने 15 दिसंबर से शुरू होने वाली अंतर्राष्ट्रीय उड़ान सेवाओं को स्थगित कर दिया है. बताते चलें कि बीते 26 नवंबर 2021 को सरकार ने कहा था कि 15 दिसंबर से भारत आने जाने वाली सभी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें सामान्य रूप से संचालित होंगी. एविएशन रेगुलेटर DGCA ने कहा है कि शेड्यूल कॉमर्शियल इंटरनेशनल पैसेंजर सर्विस को फिर से खोलने की अगली तारीख के बारे में घोषणा बहुत जल्द की जाएगी.
सरकार के इस फैसले को जहां कुछ लोग सही करार दे रहे हैं और इसका समर्थन कर रहे हैं तो वहीं एक बड़ी आबादी ऐसी भी है जो सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले की मुखर होकर आलोचना कर रही है. आलोचक कुछ कहें लेकिन मामले पर सरकार की गंभीरता देखकर हम इतना जरूर कहेंगे कि आने वाले वक्त में देश न थमे, इसलिए एयरपोर्ट पर जितनी सख्ती अभी हो जाए, जायज है.
ध्यान रहे भारत आने और जाने वाली सभी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें कोविड-19 महामारी के कारण 23 मार्च 2020 से ही बंद हैं. हालांकि गुजरे साल ही जुलाई महीने में करीब 28 देशों के साथ हुए एयर बबल समझौते के तहत स्पेशल इंटरनेशनल पैसेंजर फ्लाइट्स ऑपरेट हो रही थीं.
जैसा कि हम ऊपर ही बता चुके हैं ओमिक्रॉन वेरिएंट ने पूरी...
देश और सरकार दोनों चिंतित हैं. वजह? कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन. वो वेरिएंट जिसके विषय में एक्सपर्ट्स की यही राय है कि ये दो ही म्यूटेशन के लिए मशहूर डेल्टा वेरिएंट से कहीं ज्यादा खतरनाक और जानलेवा है. वायरस किस हद तक जानलेवा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अमेरिका द्वारा ओमिक्रॉन के 30 से अधिक म्यूटेशन दर्ज किए गए हैं. Omicron को बड़ा खतरा मानते हुए पूरे विश्व की तरह भारत भी कुछ सख्त कदम उठाने को मजबूर है और इसी क्रम में डीजीसीए ने 15 दिसंबर से शुरू होने वाली अंतर्राष्ट्रीय उड़ान सेवाओं को स्थगित कर दिया है. बताते चलें कि बीते 26 नवंबर 2021 को सरकार ने कहा था कि 15 दिसंबर से भारत आने जाने वाली सभी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें सामान्य रूप से संचालित होंगी. एविएशन रेगुलेटर DGCA ने कहा है कि शेड्यूल कॉमर्शियल इंटरनेशनल पैसेंजर सर्विस को फिर से खोलने की अगली तारीख के बारे में घोषणा बहुत जल्द की जाएगी.
सरकार के इस फैसले को जहां कुछ लोग सही करार दे रहे हैं और इसका समर्थन कर रहे हैं तो वहीं एक बड़ी आबादी ऐसी भी है जो सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले की मुखर होकर आलोचना कर रही है. आलोचक कुछ कहें लेकिन मामले पर सरकार की गंभीरता देखकर हम इतना जरूर कहेंगे कि आने वाले वक्त में देश न थमे, इसलिए एयरपोर्ट पर जितनी सख्ती अभी हो जाए, जायज है.
ध्यान रहे भारत आने और जाने वाली सभी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें कोविड-19 महामारी के कारण 23 मार्च 2020 से ही बंद हैं. हालांकि गुजरे साल ही जुलाई महीने में करीब 28 देशों के साथ हुए एयर बबल समझौते के तहत स्पेशल इंटरनेशनल पैसेंजर फ्लाइट्स ऑपरेट हो रही थीं.
जैसा कि हम ऊपर ही बता चुके हैं ओमिक्रॉन वेरिएंट ने पूरी दुनिया की नींद उड़ा दी है और अब जबकि WHO भी इस वेरिएंट को वेरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित कर चुका है सभी देशों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है. एयर बबल के मद्देनजर जारी उड़ानों को भी नई गाइड लाइंस जारी कर दी गयी हैं. वहीं जो देश रिस्क वाली कैटेगरी में आते हैं, वहां से आने वाले यात्रियों के प्रति अधिक सतर्कता बरतने का भी ऐलान कर दिया गया है.
एक बड़ी आबादी होने के कारण भारत के सामने चुनौती गहरी है. इसलिए अभी बीते दिन ही पीएम मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर कर Omicron वेरिएंट पर एक समीक्षा बैठक की है. बैठक में पीएम मोदी द्वारा अधिकारियों से इंटरनेशनल फ्लाइट्स को फिर से खोलने की योजनाओं पर पुनर्विचार करने को कहा गया है.
बाद में DGCA की तरफ से एक सर्कुलर भी जारी किया गया जिसमें इस बात का जिक्र है कि नए वेरिएंट्स ऑफ कंसर्न के उभरने के साथ विकसित हो रहे वैश्विक परिदृश्य को ध्यान में रखकर सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार विमर्श कर स्थिति पर नजदीक से नजर रखी जा रही है.
भले ही पहली के बाद कोरोना की दूसरी लहर के समय सरकार ने पक्ष विपक्ष से भांति भांति की आलोचनाओं का सामना किया हो लेकिन जिस तरह Omicron को लेकर सरकार गंभीर है. साफ है कि सरकारी तैयारी पूरी है. वक़्त निर्णायक है. फिर से जनता को सावधान रहने और जरूरी ऐतिहात बरतने की जरूरत है. कोरोना सिर्फ सरकार के प्रयास से नहीं भागेगा इसके लिए लोगों को भी जागरूक होना और देश की सरकार के साथ मिलकर काम करना होगा.
तमाम लोग हैं जिनका कोई अपना विदेश में है. या जो विदेश जाना चाहते हैं लेकिन कोरोना के चलते जा नहीं पा रहे थे और उन्हें 15 दिसंबर का इंतजार था लेकिन अब जबकि सरकार ने फिर तारीखों में फेर बदल किया है लोग खासे नाराज हैं. ऐसे में हम फिर इस बात को दोहराना चाहेंगे कि कोरोना के इस नए वेरिएंट से आने वाले वक्त में देश की बुरी हालत हो सकती है, इसलिए यदि आज एयरपोर्ट पर सख्ती की जा रही है तो इससे देश से ज्यादा फायदा खुद जनता का है.
ये भी पढ़ें -
Omicron variant से बचाव में भारत गलती तो नहीं कर रहा है?
Omicron variant: कोरोना का नया वेरिएंट क्यों बन गया सबसे बड़ी चुनौती...
'मजहबी मान्यता' की आड़ में कोविड वैक्सीन न लगवाने वाले शिक्षक सुपर-स्प्रेडर न बन जाएं!
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.