दिल्ली (Delhi) शहर को यह हुआ क्या है? यहां हर दिन महिला अपराध की घटनाएं सामने आ रही हैं. समझ नहीं आ रहा है कि अपराध बढ़ गया है या फिर अपराधियों के हौंसले? ऐसे में भला लड़कियां खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेंगी? अभी अंजलि केस की गुत्थी सुलझी नहीं है कि दिल्ली के आदर्श नगर में एक लड़की को चाकू से गोंद दिया गया है. घटना का सीसीटीवी फुजेट वायरल हो रहा है. जिसके अनुसार, लड़की गली में थी तभी लड़का आया. दोनों थोड़ी दूर साथ में चलते हुए देखे जा रहे हैं, इसके थोड़ी देर बाद लड़के ने लड़की पर चाकू से हमला कर दिया. यह बात तो साफ है कि वह इसी इरादे से लड़की से मिलने आया था, तभी तो चाकू साथ लाया था.
रिपोर्ट्स के अनुसार, लड़के का नाम सुखविंदर सिंह है. वह लड़की को 5 सालों से जानता था. वह ब्रेकअप किए जाने से नाराज था. असल में लड़की के घरवालों को यह रिश्ता पसंद नहीं था, इसलिए लड़की ने सुखविंदर सिंह से खुद ही दूरी बनानी शुरु कर दी. सुखविंदर सिंह को यह बात बर्दाश्त नहीं हुई, उसने लड़की को मिलने के लिए बुलाया और फिर हमला कर दिया.
इस तरह के केस में अपराधी किस्म के लड़कों के मन में यही चलता है कि तुम मेरी नहीं हो सकती तो किसी और भी नहीं हो सकती? और वे बैखौफ होकर लड़की पर हमला कर देते हैं, जैसे उन्हें किसी का डर ही नहीं है. उन्हें लगता है कि बेल पर तो छूट ही जाना है, औऱ पुलिस बिगाड़ ही क्या लेगी? असल में यह उनका प्यार नहीं पागलपन होता है क्योंकि प्यार में लोग सामने वाले को कभी नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं. फिलहाल लड़की का अस्पताल में इलाज चल रहा है और लड़के को अरेस्ट कर लिया गया है.
दिल्ली (Delhi) शहर को यह हुआ क्या है? यहां हर दिन महिला अपराध की घटनाएं सामने आ रही हैं. समझ नहीं आ रहा है कि अपराध बढ़ गया है या फिर अपराधियों के हौंसले? ऐसे में भला लड़कियां खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेंगी? अभी अंजलि केस की गुत्थी सुलझी नहीं है कि दिल्ली के आदर्श नगर में एक लड़की को चाकू से गोंद दिया गया है. घटना का सीसीटीवी फुजेट वायरल हो रहा है. जिसके अनुसार, लड़की गली में थी तभी लड़का आया. दोनों थोड़ी दूर साथ में चलते हुए देखे जा रहे हैं, इसके थोड़ी देर बाद लड़के ने लड़की पर चाकू से हमला कर दिया. यह बात तो साफ है कि वह इसी इरादे से लड़की से मिलने आया था, तभी तो चाकू साथ लाया था.
रिपोर्ट्स के अनुसार, लड़के का नाम सुखविंदर सिंह है. वह लड़की को 5 सालों से जानता था. वह ब्रेकअप किए जाने से नाराज था. असल में लड़की के घरवालों को यह रिश्ता पसंद नहीं था, इसलिए लड़की ने सुखविंदर सिंह से खुद ही दूरी बनानी शुरु कर दी. सुखविंदर सिंह को यह बात बर्दाश्त नहीं हुई, उसने लड़की को मिलने के लिए बुलाया और फिर हमला कर दिया.
इस तरह के केस में अपराधी किस्म के लड़कों के मन में यही चलता है कि तुम मेरी नहीं हो सकती तो किसी और भी नहीं हो सकती? और वे बैखौफ होकर लड़की पर हमला कर देते हैं, जैसे उन्हें किसी का डर ही नहीं है. उन्हें लगता है कि बेल पर तो छूट ही जाना है, औऱ पुलिस बिगाड़ ही क्या लेगी? असल में यह उनका प्यार नहीं पागलपन होता है क्योंकि प्यार में लोग सामने वाले को कभी नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं. फिलहाल लड़की का अस्पताल में इलाज चल रहा है और लड़के को अरेस्ट कर लिया गया है.
अभी इस खबर पर हम अफसोस मनाते कि तब तक पांडव नगर की घटना हमारे सामने आ गई. रिपोर्ट्स के अनुसार, एक लड़की को मनचले ने जबरदस्ती कार में खींचने की कोशिश की. जिससे लड़की को चोटें आई हैं. वह लड़की का पड़ोसी है औऱ वे दोनों एक-दूसरे को पहले से जानते हैं. पुलिस में की गई शिकायत के अनुसार, वह लड़की पर शादी करने का दबाव बना रहा है. उसने लड़की को धमकी दी है कि अगर वह उससे शादी नहीं करेगी तो उस पर तेजाब फेंक देगा. लड़की ने मीडिया को बताया है कि वह उसे पहले से परेशान करता है. जिसकी वह पहले ही पुलिस में शिकायत कर चुकी है. एक बार उसने कार का शीशा भी तोड़ दिया था. शिकायत करने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. अब बात इतनी ज्यादा बढ़ गई है.
जिस तरह दिल्ली में महिलाओं के साथ अपराध हो रहा है, उससे डरकर क्या लड़कियां घऱ से बाहर निकलना छोड़ दें? क्या काम करना छोड़ दें? इन घटनाओं से लड़कियों और उनके माता-पिता के मन में कहीं ना कहीं डर तो बैठ ही रहा है. एक तो ऐसे ही लड़कियों को बड़ी मुश्किल से आगे बढ़ने का मौका मिलता है ऊपर से जब ऐसी घटनाएं सामने आती हैं तो लोगों को उन्हें पीछे धकेलने का बहाना मिल जाता है. अगर गलती से भी कहीं किसी बेटी के माता-पिता ने यह सोच लिया कि हम नहीं खाएंगे बेटी की कमाई, मगर उसे बाहर काम पर नहीं भेजेंगे, कहीं कुछ ऊंच-नीच हो गई तो क्या मुंह दिखाएंगे. सोचिए वह लड़की कितनी बड़ी कीमत चुकाएगी?
वैसे भी बात कोई भी क्यों हो बदनामी का दाग तो लड़कियों के ऊपर ही लगता है. कई बार इसी डर के कारण लड़कियां अपने ऊपर हो रहे अपराध के खिलाफ आवाज उठाने से डरती हैं. समाज को छोड़ ही दीजिए, उन्हें इस बात का भी डर रहता है कि पुलिस भी उनका साथ नहीं देगी.
हम सभी को मालूम है कि अगर दिल्ली पुलिस सतर्क होती तो इस हद तक महिला अपराध की घटनाएं सामने नहीं आतीं. अभी तो जो माहौल चल रहा है ऐसा लग रहा है कि लड़कियों को जैसे चाहे नोंच कर खा जाओ, क्या हो जाएगा? ज्यादा से ज्यादा वे न्यूज की सुर्खियां बन जाएंगी. कुछ दिन लोग अफसोस जताएंगा फिर भूल जाएंगे? कोई समाधान नहीं बताएगा कि आखिर ऐसे दरिंदों के बीच बेटियां कैसे सुरक्षित रहेंगी?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.