सुनो प्यारी लड़कियों,
तुमने अहमदाबाद की रहने वाली आयशा के बारे में सुन ही लिया होगा. जिसने मुस्कुराते हुए वीडियो बनाई और खुदकुशी (Ayesha suicide sabarmati) कर ली. इस खबर के बारे में जानकर क्या तुम भी सोच में पड़ गई थी. मैं तो सोचती रह गई थी, दुख और गुस्सा दोनों साथ आ रहा था. दुख यह कि इतनी प्यारी सी आयशा को इतने गम झेलने पड़े कि उसने अपनी जिंदगी खत्म कर ली. गुस्सा इस बात का कि उसने ऐसा क्यों किया? तुम्हें पता है आयशा अपने पति की वजह से परेशान थी. उसने खुदकुशी करने से पहले कहा कि, ऐ प्यारी नदी, मुझे अपने में समा लो, मैं बस बहते रहना चाहती हूं...’ और फिर अहमदाबाद की साबरमती में कूद गई. जब आयशा के पति ने उससे यह कह दिया कि मरना है तो मर जा और वीडियो भेज देना. जो इंसान तुम्हें इतना बुरा कह दे, उससे क्यों प्यार करना? जो दहेज के लिए तुम्हें और तुम्हारे मां-बाप को प्रताड़ित करे उससे कैसा लगाव?
क्या तुम भी पति से बहुत प्यार करती हो और उसके बिना जीने की कल्पना नहीं कर सकती. क्या तुम किसी के प्रेम में डूबी हो और उसके साथ पूरी जिंदगी बिताने का सपना देख रही हो. यह भी हो सकता है कि तुम अपने भाई की खुद से ज्यादा परवाह करती हो, लेकिन तुम्हारी अपने बारे में राय क्या है? क्या तुम खुद से प्यार करती हो? या फिर तुम्हारी जिंदगी पिता, भाई, प्रेमी, पति और बेटे तक की सीमित है?
देखो बहादुर ला़डलियों, तुम हमेशा पहले एक 'तुम' हो. इसके बाद किसी की पत्नी या फिर किसी की मां. यह तो तुम्हें भी पता है कि आज भी लड़कियों की जिंदगी पुरुषों के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है. भले समाज में कितनी ही बड़ी-बड़ी बातें हो जाएं, लेकिन एक लड़की की जिंदगी हमेशा पुरुष के ऊपर ही आश्रित रहती है. तुम्हें जिसने भी यह बात बताई होगी कि मायके से 'लड़की की डोली उठती है और ससुराल से अर्थी'...उसने गलत बताया है. इसलिए तुम इस लाइन के हिसाब से अपनी जिंदगी को मत ढालो.
मुस्कुराती आयशा ने दिल में ना जाने कितने गम दफन कर रखे थे
हो सकता है कि तुम अपने पति से इतना डूबकर प्यार करती हो कि खुद को भूल गई हो. तुम्हें पता भी नहीं चला और तुम्हारी हर छोटी-बड़ी खुशी उस पर ही डिपेंड हो गई. एक बात याद रखना कि किसी को प्यार करने का यह मतलब नहीं होता कि तुम खुद से प्यार करना ही छोड़ दो.
यह भी हो सकता है कि जिसके प्यार में तुम गुम रहती हो उसे तुम्हारी परवाह ही ना हो. या फिर जिस पति के लिए तुम हर जतन करती हो, व्रत करती हो उसे तुम्हारे जीने-मरने से फर्क भी न पड़ता हो. फिर भी तुम उसे प्यार करती हो और सोचती हो कि एक दिन सब ठीक हो जाएगा. वह तुम्हें डांटता है, तुम्हारे ऊपर चिल्लाता है और इसके पीछे की वजह वह तुम्हें ही बताता है. वह बोलता है कि गलती तुम्हारी है. तुमने ऐसा कहा कि मुझे गुस्सा आ गया. तुम्हें सब पता है कि सच क्या है लेकिन तुम अपना रिश्ता बचाना चाहती हो, क्योंकि तुम्हें उसकी आदत है. तुम उससे प्यार करती हो और तुम्हें लगता है कि प्यार में तो यह सब चलता ही है.
सुनो, प्यार में छोटी-मोटी नोक-झोंक और नीरसता में अंतर होता है. उसे तुम्हारी परवाह नहीं लेकिन तुम उसकी टेंशन में 10 बार उसे फोन करती हो. वह झल्लाकर जवाब देता है, बस आ रहा हूं, मना किया है ना बार-बार फोन मत किया करो. तुम्हें कई बार गुस्सा भी आता है लेकिन तुम हर तरफ से बंधा हुआ महसूस करती हो कि क्योंकि तुम्हारी दुनिया उसी से शुरू होकर उसी पर खत्म हो जाती है. तुम उसी पर जीती हो और उसी पर मरती हो, भले वह तुम्हें इग्नोर करता है.
अब मैं तुम्हें राजस्थान सीकर की दूसरी घटना बताती हूं. जहां एक माता-पिता ने दो बेटियों के साथ इसलिए फांसी लगाकर जान दे दी, क्योंकि उनके बेटे की मौत हो गई थी. दोनों बहनों की क्या गलती थी. क्या वे दोनों, भाई के बिना नहीं जी सकती थीं. अगर किसी बेटी की मौत हुई होती तो क्या तो पिता यह कदम उठाते? अब तुम इन घटनाओं के बारे में क्या सोचती हो.
बहादुर लड़कियों, हां मां जब कहती है कि बेटी तुम तो बहादुर हो. इतना सुनते ही तुम्हारे अंदर ना जाने कहां से इतनी हिम्मत आ जाती है कि मानो किसी भी परेशानी का तुम सामना कर सकती हो.
सुनो खूबसूरत लड़कियों, हां तुम जैसी भी हो बहुत खूबसूरत हो. इस यकीन के साथ उस शख्स के सामने प्यार के लिए गिड़गिड़ाना छोड़ दो, जिसे तुम्हारी वैल्यू नहीं है. तुम उसे तुम्हारे साथ रहने के लिए फोर्स मत करो. वो तुम्हारी रिस्पेक्ट करे, तुम्हें समझे और तुम्हें प्यार करे, अगर इसके लिए तुम्हें उससे लड़ना पड़ता है तो यकीनन तुम गलत रिश्ते में हो.
वह फोन नहीं उठाता तो दोबारा फोन मत करो. वह मैसेज का जवाब नहीं देता तो उसे मैसेज करना बंद कर दो. वह अगर तुम्हें अकेला छोड़ जाता है तो तुम भी उसे अकेला छोड़ दो. तुम अपना पूरा दिन उसके बारे में सोचते हुए मत बिताओ कि वह कहां होगा, क्या कर रहा होगा. तुम अपना समय अपने साथ बिताओ. तुम अपने लिए जीना शुरू करो, अपनी खुशियों के बारे में सोचो, क्योंकि थोड़ा सेल्फिश होना किसी के लिए रोने से बेहतर है.
चलो एक कहानी बताती हूं. एक राधिका नाम की लड़की की शादी हुई. वह अपने पति के साथ 9 साल तक विदेश में रही. उसकी एक बेटी हुई. पति-पत्नी में कुछ अनबन हुई और दोनों तलाक लेकर अलग हो गए. राधिका अपने शहर आकर सेटल हो गई. बेटी जस्सी भी राधिका के साथ ही रहती है.
राधिका एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती है. वह हमेशा कुछ ना कुछ इनोवेटिव करती रहती है. कभी पेंटिंग, कभी इंग्लिश क्लासेस, कभी स्विमिंग, कभी डांसिंग तो कभी गार्डेनिंग. राधिका को घूमने का भी बहुत शौक है तो वह हमेशा अपनी बेटी को को लेकर घूमने निकल जाती है. मतलब की राधिका तलाक के बाद कोई हाय बेचारी नहीं है.
वह अपने लाइफ में खुश है और फिट इतना कि 45 की उम्र में 30 की लगती है. तो लड़कियों, राधिका की कहानी इसलिए क्योंकि तुम समझ सको कि लाइफ पार्टनर के बिना जिंदगी खत्म नहीं हो जाती. खासकर तब जब तुम्हारा साथी तुम्हें कुछ समझता ना हो.
प्यारी लड़कियों, इतना याद रखो कि जिंदगी दोबारा मौका देती है. जब पति परेशान करने लगे. जब तुम दोनों में प्यार कम और तकरार ज्यादा होने लगे तो अलग हो जाना ही ठीक है. तुम यह बात समझ लो कि तलाक लेकर अलग रहना ज्यादा अच्छा है ना की रोज किसी के लिए घुटकर जीना.
तुम क्यों आज भी अपने पिता, भाई और पति पर निर्भर रहती हो. क्यों तुम्हें जीने के लिए किसी पुरुष के सहारे की जरूरत है. तुम खुद के लिए काफी हो. बस तुम्हें यह महसूस करने की जरूरत है. तुम्हें अपने लिए जीना शुरू करना होगा, क्योंकि अभी भी देर नहीं हुई. बाकी तुम खुद समझदार हो. इसलिए जिंदगी में कितनी भी मुसीबत क्यों ना आ जाए, तुम हिम्मत मत हारना.
मैं यह नहीं कहती कि यह बहुत आसान होगा लेकिन यकीनन जिंदगी जीने में जो मजा है वह हार मानने में नहीं. लड़कियों तुम ही एक-दूसरे की हिम्मत हो, इसलिए दूसरी लड़कियों के लिए उदाहरण बनो, ताकि तुम्हें देखकर वे आगे बढ़ें. बाकी तुम्हें अगर कोई अच्छा साथी मिले तो ठीक है वरना तुम्हें किसी की जरूरत क्या है. बस खुश रहो, मस्त रहो. क्योंकि तुम्हारे होने से ही जिंदगी है, रौनके हैं, ये बहार है…
अपनी हंसी बरकरार रखो
बहुत सारा प्यार...
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