जिस तरह शरीर के लिए खाना जरूरी है उसी तरह हमारे लिए सोशल मीडिया (Social media) जरूरी हो गया है. सोशल मीडिया को लोग अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा मानने लगे हैं. तभी तो लोग जगने के बाद और सोने से पहले सबसे पहले अपना सोशल मीडिया चेक करते हैं. जिंदगी से जुड़ी कोई भी छोटी-बड़ी बात हो लोग सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं.
वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल एक तरह से हथियार के रूप में करने लगे हैं. अक्सर हम सोशल मीडिया को गलत ठहराते हैं, जबकि गलती हमारी है. हमने ही अपने इस्तेमाल के लिए सोशल मीडिया को जहरीला बना दिया है. आइए देखते हैं कैसै?
पोस्ट देखकर जानबूझकर लाइक न करना
कई लोग जानबूझकर आपकी पोस्ट लाइक नहीं करते हैं. वे सिर्फ देख लेते हैं और आगे बढ़ जाते हैं. कहने को तो फेसबुक पर आपके दो हजार दोस्त हैं मगर मुश्किल से ऐसे 200 लोग ही होंगे जो आपकी पोस्ट को लाइक करते होंगे, कमेंट करना तो दूर की बात है. अब जो लोग सोशल मीडिया पर नाममात्र के हैं हम उनकी बात नहीं कर रहे हैं मगर जो जोग दिन रात सोशल मीडिया पर बिताते हैं उनके बारे में आपकी राय क्या है?
स्टोरी व्यू करना क्योंकि जानना है कि आपकी लाइफ में क्या चल रहा है
कई लोग ऐसे होते हैं जो आपकी पोस्ट लाइक नहीं करते मगर आपकी स्टोरी व्यू जरूर करते हैं. वे भले ही उस पर रिएक्ट न करें. अगर कोई गलती से स्टोरी व्यू करे तो अलग बात है मगर लोग असल में जानकारी रखना चाहते हैं कि आपकी लाइफ में चल क्या रहा है? तभी को पोस्ट लाइक 30 होती है औऱ स्टोरी व्यू 300.
स्टोरी लगाकर जानबूझकर डिलीट करना
कई लोग क्या करते हैं कि किसी...
जिस तरह शरीर के लिए खाना जरूरी है उसी तरह हमारे लिए सोशल मीडिया (Social media) जरूरी हो गया है. सोशल मीडिया को लोग अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा मानने लगे हैं. तभी तो लोग जगने के बाद और सोने से पहले सबसे पहले अपना सोशल मीडिया चेक करते हैं. जिंदगी से जुड़ी कोई भी छोटी-बड़ी बात हो लोग सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं.
वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल एक तरह से हथियार के रूप में करने लगे हैं. अक्सर हम सोशल मीडिया को गलत ठहराते हैं, जबकि गलती हमारी है. हमने ही अपने इस्तेमाल के लिए सोशल मीडिया को जहरीला बना दिया है. आइए देखते हैं कैसै?
पोस्ट देखकर जानबूझकर लाइक न करना
कई लोग जानबूझकर आपकी पोस्ट लाइक नहीं करते हैं. वे सिर्फ देख लेते हैं और आगे बढ़ जाते हैं. कहने को तो फेसबुक पर आपके दो हजार दोस्त हैं मगर मुश्किल से ऐसे 200 लोग ही होंगे जो आपकी पोस्ट को लाइक करते होंगे, कमेंट करना तो दूर की बात है. अब जो लोग सोशल मीडिया पर नाममात्र के हैं हम उनकी बात नहीं कर रहे हैं मगर जो जोग दिन रात सोशल मीडिया पर बिताते हैं उनके बारे में आपकी राय क्या है?
स्टोरी व्यू करना क्योंकि जानना है कि आपकी लाइफ में क्या चल रहा है
कई लोग ऐसे होते हैं जो आपकी पोस्ट लाइक नहीं करते मगर आपकी स्टोरी व्यू जरूर करते हैं. वे भले ही उस पर रिएक्ट न करें. अगर कोई गलती से स्टोरी व्यू करे तो अलग बात है मगर लोग असल में जानकारी रखना चाहते हैं कि आपकी लाइफ में चल क्या रहा है? तभी को पोस्ट लाइक 30 होती है औऱ स्टोरी व्यू 300.
स्टोरी लगाकर जानबूझकर डिलीट करना
कई लोग क्या करते हैं कि किसी पर्टिकुलर इंसान के लिए स्टोरी या स्टेटस लगाते हैं. जिसमें खास उसके लिए मैसेज या फोटो लगी होती है. जब समाने वाला देख लेता है फिर उस स्टोरी या स्टेटस को डिलीट कर देते हैं. मतलब जिसके तक बात पहुंचानी थी पहुंच गई.
मैसेज देखकर जानबूझ कर रिप्लाई न करना
कुछ लोग ऐसे हैं कि वो अपका मैसेज देख लेंगे मगर जानबूझकर जवाब नहीं देंगे. कोई बिजी हो तो बात अलग है मगर समझ नहीं आता कि जानबूझकर ऐसा करने से क्या मिल जाता है?
सोशल मीडिया पर शो ऑफ करना
कई लोग असल में लाइफ में भले खुश हो या ना हो मगर खुद को सोशल मीडिया पर हर पल खुश ही दिखाते हैं. वे हर चीज का शो ऑफ करते हैं. वे सोशल मीडिया पर खुद को एकदम परफेक्ट ही दिखाते हैं.
निगेटिव कोट्स डालना
हो सकता है कि आप दुखी हों. हो सकता है कि आपके साथ कुछ गलत हुआ है. इसका मतलब क्या आप निगेटिव कोट्स को सोशल मीडिया पर चिपकाते रहेंगे. सोचना चाहिए कि जो इसे पढ़ेगा उसे कैसा लगेगा?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.