कोरोना वायरस (coronavirus second wave) की दूसरी लहर ने लोगों को तोड़ कर रख दिया. जिस पर मुसीबत आई उसने इतना तो समझ लिया कि जिंदगी खूबसूरत है लेकिन जीना आसान नहीं. दूसरी लहर चरम के समय में अफवाहों का दौर भी हावी रहा. उस वक्त लोग ऑक्सीजन (Oxygen) के लिए इतने घबराए हुए थे कि इलाज के लिए जिसने जो ज्ञान दिया मान लिया.
इसमें एक अफवाह यह भी थी कि कपूर, अजवाइन और लौंग मिलाकर पोटली बनाकर सूंघने से ऑक्सीजन का लेवल मेंटेन रहेगा. कोरोना की दूसरी लहर के पीक टाइम पर अस्पताल में भी जगह नहीं थी. चारों तरफ हंगामा मचा हुआ था. ना डॉक्टर ओपीडी में बैठ रहे थे ना मरीज देख रहे थे. ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए अलग त्राहिमाम मचा था. ऐसे में कई लोगों ने ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए अजवाइन और कपूर की पोटली का इस्तेमाल किया था, लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट ने इसे फेक बताया था. इस बात का कहीं भी प्रमाण नहीं मिला था.
वहीं अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने कुछ ऐसे उपाय बताए हैं जिससे घर में ऑक्सीजन मुफ्त में बना रहेगा. नासा ने उन 10 पौधों (Oxygen plant) के बारे में जानकारी दी है जिन्हें घर में लगाने से ऑक्सीजन का स्तर सही रहता है. जिन्हें आप अपने कमरे में भी रख सकते हैं. वैसे तो इंडोर प्लांट्स घर में रखने से पॉल्यूशन से राहत मिलती है और दिमाग भी शांत रहता है. स्ट्रेस भी कम रहता है. तो चलिए जानते हैं कि नासा ने जिन पौधों के बारे में बताया है वे कौन-कौन से हैं और इस कोरोना काल में किस तरह हमारे लिए फायदेमंद हैं.
1- नासा के अनुसार घर में कंधे के बराबर दो एरिका पाम प्लांट रखना काफी फायदेमंद होता है. आप इसे लिविंग रूम में रख सकते हैं. दरअसल, सभी पौधों में एरिका ऐसा प्लांट है जो कार्बन डाइऑक्साइड को लेता...
कोरोना वायरस (coronavirus second wave) की दूसरी लहर ने लोगों को तोड़ कर रख दिया. जिस पर मुसीबत आई उसने इतना तो समझ लिया कि जिंदगी खूबसूरत है लेकिन जीना आसान नहीं. दूसरी लहर चरम के समय में अफवाहों का दौर भी हावी रहा. उस वक्त लोग ऑक्सीजन (Oxygen) के लिए इतने घबराए हुए थे कि इलाज के लिए जिसने जो ज्ञान दिया मान लिया.
इसमें एक अफवाह यह भी थी कि कपूर, अजवाइन और लौंग मिलाकर पोटली बनाकर सूंघने से ऑक्सीजन का लेवल मेंटेन रहेगा. कोरोना की दूसरी लहर के पीक टाइम पर अस्पताल में भी जगह नहीं थी. चारों तरफ हंगामा मचा हुआ था. ना डॉक्टर ओपीडी में बैठ रहे थे ना मरीज देख रहे थे. ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए अलग त्राहिमाम मचा था. ऐसे में कई लोगों ने ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए अजवाइन और कपूर की पोटली का इस्तेमाल किया था, लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट ने इसे फेक बताया था. इस बात का कहीं भी प्रमाण नहीं मिला था.
वहीं अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने कुछ ऐसे उपाय बताए हैं जिससे घर में ऑक्सीजन मुफ्त में बना रहेगा. नासा ने उन 10 पौधों (Oxygen plant) के बारे में जानकारी दी है जिन्हें घर में लगाने से ऑक्सीजन का स्तर सही रहता है. जिन्हें आप अपने कमरे में भी रख सकते हैं. वैसे तो इंडोर प्लांट्स घर में रखने से पॉल्यूशन से राहत मिलती है और दिमाग भी शांत रहता है. स्ट्रेस भी कम रहता है. तो चलिए जानते हैं कि नासा ने जिन पौधों के बारे में बताया है वे कौन-कौन से हैं और इस कोरोना काल में किस तरह हमारे लिए फायदेमंद हैं.
1- नासा के अनुसार घर में कंधे के बराबर दो एरिका पाम प्लांट रखना काफी फायदेमंद होता है. आप इसे लिविंग रूम में रख सकते हैं. दरअसल, सभी पौधों में एरिका ऐसा प्लांट है जो कार्बन डाइऑक्साइड को लेता है और ऑक्सीजन छोड़ता है. एरिका हवा में मौजूद फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन और टोलुइन को ऑब्जर्व करने की क्षमता रखता है. इस प्लांट के लिए हल्की रोशनी और कम पानी की जरूरत होती है.
2- स्नेक प्लांट में खास बात यह है कि ये पौधा रात के समय भी ऑक्सीजन उत्पन्न करता है. कई लोग इसे सास की जुबान भी बोलते है. इस पौधे में बेनजेन, फॉर्मेल्डिहाइड, ट्राईक्लोरोएथिलीन, ट्राइक्लोरो, जाइलीन, टोलुइन जैसी जहरीली गैसों को ऑब्जर्व करने की क्षमता होती है. इसे सप्ताह में एक बार पानी की जरूरत होती है. वहीं यह खिड़की से आने वाली रोशनी से भी आसानी से पनप जाता है.
3- नासा का कहना है कि मनी प्लांट काफी कम रोशनी में भी ऑक्सीजन तैयार करता है. यह बेनजेन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन, टोलुइन और ट्राई क्लोरो एथिलीन जैसी जहरीली गैसों को ऑब्जर्व करता है. इस पौधे को बच्चों और जानवरों से दूर रखने की सलाह दी जाती है. गलती से अगर किसी बच्चे या जानवर ने इसे खा लिया तो उल्टी-दस्त की प्रॉब्लम आ सकती है. इसे हफ्ते में एक बार पानी देने की जरूरत होती है. आप मनी प्लांट को बोतल या खाली बर्तन में पानी भरकर भी लगा सकते हैं.
4- गरबेरा डेजी भी रात में ऑक्सीजन बनाता है. यह खूबसूरत होता है और यह होम डेकोरेशन के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. नासा की एक रिसर्च के अनुसार यह प्लांट वातावरण से बेनजेन और ट्राई क्लोरो एथिलीन को ऑब्जर्व करता है. इस पौधे को डायरेक्ट सनलाइट की जरूरत होती है. इसे धूप में रखने के साथ ही रोज पानी की जरूरत होती है. आप इस पौधे को कमरे की खिड़की पर रख सकते हैं, जहां धूप आती हो.
5- चाइनीज एवरग्रीन पौधा अक्सर लोगों के घरों में देखने को मिल जाता है. यह पौधा कम रोशनी और 18-27 डिग्री सेल्सियस के बीच आसानी से पनप जाता है. यह सिर्फ तीन फीट तक ऊंचा हो सकता है. इसकी पत्तियां बड़ी-बड़ी होती हैं. यह प्लांट वातावरण से बेनजेन और फॉर्मेल्डिहाइड को ऑब्जर्व करने की क्षमता रखता है. इसे जानवरों से दूर रखें और हफ्ते में एक बार पानी दें. इसे लीविंग रूम में रख सकते हैं.
6- स्पाइडर को रिबन प्लांट के नाम से जाना जाता है. इस पौधे की खासियत ये है कि इसकी ऊंचाई लगभग दो फीट तक होती है. स्पाइडर प्लांट 2 डिग्री सेल्सियस तक की ठंड को भी सहन कर लेता है. वहीं नासा इसके लिए अच्छा तापमान 18 डिग्री से 32 डिग्री सेल्सियस तक माना है. यह प्लांट वातावरण से काफी तेजी से कार्बन मोनोऑक्साइड और जाइलीन जैसी गैसों को ऑब्जर्व करता है. इसे हफ्ते में एक बार पानी देना चाहिए. इसकी नमी का भी ध्यान रखें. इसे भी कमरे में रखा जा सकता है.
7- एलोवेरा का पौधा तो हर घर में होना ही चाहिए. अक्सर लोग इसे घर की बालकनी या छत पर रखते हैं. यह औषधीय पौधा है जो हमारे बहुत काम आता है. आयुर्वेद में इसके औषधीय महत्व का जिक्र पाया जाता है. इसके जेल का उपयोग हम किचन, ब्यूटी और हेल्थ बेनिफिट के लिए करते हैं. एलोवेरा की पत्तियां आसपास के वातावरण से वार्निश, फ्लोर वार्निश और डिटर्जेंट्स में पाए जाने वाले बेनजेन और फॉर्मेल्डिहाइड को ऑब्जर्व करती हैं. एलोवेरा धूप में अच्छी तरह पनपता है लेकिन इसे पानी की ज्यादा जरूरत नहीं होती.
8- ब्रॉड लेडी को बम्बू पाम भी कहा जाता है. इस रूम प्लांट की खासियत यह है कि ये क्लीनिंग प्रोडक्ट्स में पाए जाने वाली अमोनिया गैस को सोख लेता है. साथ ही यह वातावरण से बेनजेन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन और ट्राई क्लोरो एथिलीन को भी कम करने की क्षमता रखता है. यह हवा को तो साफ करने के साथ ही उसमें ऑक्सीजन की मात्रा को भी बढ़ाता है. इसकी ऊंचाई 4 मीटर बढ़ सकता है. पत्तों का रंग फीका ना पड़े इसलिए इसे छांव वाली जगह पर रखें और रोज पानी दें.
9- ड्रैगन ट्री को रेड-एज ड्रेसिना भी कहा जाता है. यह प्लांट हमेशा हरा-भरा रहता है. ड्रैगन ट्री की खासियत की बात करें तो यह बेनजेन, फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन, टोलुइन और ट्राई क्लोरो एथिलीन को सोख लेता है. इस पौधे को सूरज की रोशनी जरूरत होती है इसलिए इसे धूप में रखा जाता है. पानी इसकी मिट्टी में नमी के अनुसार ही दें.
10- वीपिंग फिग पौधे को महारानी विक्टोरिया के समय से ही काफी पसंद किया जाता है. यह रूम प्लांट प्राकृतिक रूप से 20 मीटर तक ऊंचा हो सकता है. दरअसल, इसके तनों से ही जड़ें निकलने लगती हैं, जो लटकते हुए जमीन तक पहुंच जाती हैं और खुद एक अलग तना बन जाती हैं. इसकी नीचे लटकती पत्तियों को देखकर ऐसा लगता है जैसे आंसू टपक रहे हों. इसी कारण इसका नाम वीपिंग ट्री दिया गया. इसकी खासियत की बात करें तो यह आस-पास के वातावरण में मौजूद फॉर्मेल्डिहाइड, जाइलीन और टोलुइन को सोखने की क्षमता रखता है. साथ ही कार्बन डाइऑक्साइड को ऑब्जर्व कर तेजी से ऑक्सीजन रिलीज करता है.
जानकारी के अनुसार इसकी जड़ें गमले या जमीन में बहुत तेजी से फैलती हैं. जो बगीचे या मिट्टी के गमले को नुकसान पहुंचा सकती है. वहीं पालतू जानवरों को इस पौधे से दूर रखें क्योंकि जानवरों को इससे एलर्जी हो सकती है. यह पौधा सर्दियों में सूख सकता है.
तो अब आपको पता है कि किस पौधे की क्या खासियत है. वो भी नासा के बताए गए रिसर्च के अनुसार. इसलिए इनमें से जो पौधा आपको आसानी से उपलब्ध हो उसे घर में जरूर रखें. घर में पौधा लगाने से सकारात्मकता भी बढ़ती है. वैसे भी इस कोरोना काल में घर से बाहर निकलने से बेहतर है थोड़ी गार्डेनिंग ही कर ली जाए.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.