देश में इस वक़्त राम मंदिर का मुद्दा ज़ोर शोर से चल रहा है. कई नेता तरह तरह के बयान भी दे रहे है. टीवी चैनलों पर होने वाले बहसों में राजनितिक पार्टियों के नेता खुले आम कह रहे हैं कि मंदिर तो वही बनेगा. मगर क्या आपको पता है कि अगर अयोध्या में एक राम मंदिर बना तो पाकिस्तान में सैकड़ों मंदिर तोड़ दिए जायेंगे?
अब आप सोच रहे होंगे कि हम इतने दावे के साथ कैसे कह रहे हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बनने से पाकिस्तान में मंदिर टूटेंगे? क्योंकि जब 1992 में बाबरी मस्जिद के ढांचे को गिराया गया था, तब पाकिस्तान में कई मंदिरों को तोड़ दिया गया था. बाबरी मस्जिद के बाद पाकिस्तान में तक़रीबन 100 मंदिर या तो ज़मींदोज़ कर दिए गए थे या फिर उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया गया था.
ये हिन्दुओं के वो मंदिर थे जो बंटवारे के वक़्त पाकिस्तान के हिस्से में चले गए थे. वैसे यहां सिर्फ त्योहारों पर ही पूजा होती थी. लेकिन फिर भी मंदिरों को तोड़ दिया गया. भारत में हुए एक एक्शन का ऐसा रिएक्शन किसी ने नहीं सोचा था. अब आप सोचिये की अभी तो मस्जिद को हटाया भी नहीं गया था. तो अब अगर फैसला राम मंदिर बनाने के पक्ष में आता है तो पाकिस्तान में कुछ बचे हुए मंदिरों का भी नामोनिशान मिटा दिया जायेगा.
6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया. तो जवाब में 8 दिसंबर 1992 को लाहौर के एक जैन मंदिर को उन्मादियों ने ध्वस्त कर दिया. यहां अब केवल मंदिर का खंडहर ही बाकी रह गया है. पाकिस्तान के रावलपिंडी में तो कृष्ण के मंदिर को ही तोड़ दिया गया. इस मंदिर में कई हिन्दू परिवार रहते थे. मंदिर या मस्जिद को तो कोई भी तोड़ सकता है लेकिन किसी की आस्था को नहीं मार सकता.
आज जब भी बाबरी मस्जिद का...
देश में इस वक़्त राम मंदिर का मुद्दा ज़ोर शोर से चल रहा है. कई नेता तरह तरह के बयान भी दे रहे है. टीवी चैनलों पर होने वाले बहसों में राजनितिक पार्टियों के नेता खुले आम कह रहे हैं कि मंदिर तो वही बनेगा. मगर क्या आपको पता है कि अगर अयोध्या में एक राम मंदिर बना तो पाकिस्तान में सैकड़ों मंदिर तोड़ दिए जायेंगे?
अब आप सोच रहे होंगे कि हम इतने दावे के साथ कैसे कह रहे हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बनने से पाकिस्तान में मंदिर टूटेंगे? क्योंकि जब 1992 में बाबरी मस्जिद के ढांचे को गिराया गया था, तब पाकिस्तान में कई मंदिरों को तोड़ दिया गया था. बाबरी मस्जिद के बाद पाकिस्तान में तक़रीबन 100 मंदिर या तो ज़मींदोज़ कर दिए गए थे या फिर उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया गया था.
ये हिन्दुओं के वो मंदिर थे जो बंटवारे के वक़्त पाकिस्तान के हिस्से में चले गए थे. वैसे यहां सिर्फ त्योहारों पर ही पूजा होती थी. लेकिन फिर भी मंदिरों को तोड़ दिया गया. भारत में हुए एक एक्शन का ऐसा रिएक्शन किसी ने नहीं सोचा था. अब आप सोचिये की अभी तो मस्जिद को हटाया भी नहीं गया था. तो अब अगर फैसला राम मंदिर बनाने के पक्ष में आता है तो पाकिस्तान में कुछ बचे हुए मंदिरों का भी नामोनिशान मिटा दिया जायेगा.
6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया. तो जवाब में 8 दिसंबर 1992 को लाहौर के एक जैन मंदिर को उन्मादियों ने ध्वस्त कर दिया. यहां अब केवल मंदिर का खंडहर ही बाकी रह गया है. पाकिस्तान के रावलपिंडी में तो कृष्ण के मंदिर को ही तोड़ दिया गया. इस मंदिर में कई हिन्दू परिवार रहते थे. मंदिर या मस्जिद को तो कोई भी तोड़ सकता है लेकिन किसी की आस्था को नहीं मार सकता.
आज जब भी बाबरी मस्जिद का ज़िक्र होता है, पूरी दुनिया एक साथ भारत के खिलाफ खड़ी हो जाती है और उसे कोसने में लग जाती है. लेकिन पाकिस्तान में 100 मंदिर तोड़ दिए जाने के बारे में शायद ही कोई बात करता है. ये सरासर गलत है. अगर एक बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया और उसके बदले में 100 मंदिर तोड़ दिए जाएं. इसे किस एंगल से सही ठहराएंगे? इस दफा जितनी गहमागहमी हिन्दुतान में बढ़ गयी है उतनी ही पाकिस्तान में भी है. अयोध्या का फैसला जब भी आएगा, उसका असर हिंदुस्तान के साथ पाकिस्तान में भी पड़ेगा.
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