पाकिस्तान (Pakistan) में कॉमेडी का मतलब हिंदुओं को 'कुत्ता' कहना है. उनके नफरत का स्तर तो देखिए... हम उन्हें भाईजान कहते हैं और वे हमें कुत्ता...कहने वाले का तो क्या ही कहा जाए मगर वहां बैठे पाकिस्तानी लोग भी इस बात पर ठहाके लगा रहे हैं. हिंदुओं की तुलना कुत्तों से करके भला उन्हें कैसे हंसी आ सकती है? यह क्या जोक है?
आप खुद की यह वीडियो देखिए-
असल में यह पाकिस्तानी कॉमेडी शो 'सवा तीन' नाम से नियो टीवी पर प्रसारित होता है. यह शो पाकिस्तानी कॉमेडियन साजन अब्बास का है. हमारी महानता तो देखिए हम इस कॉमेडियन को भारत में काम देते हैं. जी हैं साजन कई पंजाबी फिल्मों में काम कर रहा है और भारतीय सिनेमा से पैसे कमा रहा है.
यह सही है और रखो पाकिस्तानियों के लिए बड़ा दिल औऱ दिखाओ दरियादिली...कॉमेडी के नाम पर उधर वे हिंदुओं को कुत्ता कहकर मजे ले रहे हैं और इनके आका पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ भारत के के विरोध में यूएन में जहर उगल रहे हैं. शरीफ ने कुछ दिन पहले ही यूएन में कहा था कि "भारत में मुसलमानों के खिलाफ उत्पीड़न का अभियान जारी है. भारत के मुसलमान भेदभावपूर्ण क़ानून, हिजाब बैन, मस्जिदों पर हमले और लिंचिंग का शिकार बन रहे हैं."
सोचिए पाकिस्तानियों के मन में हमारे लिए कितनी नफरत है कि विदेश में हमें नीचा दिखा रहे हैं. वहीं हम उन्हें कला के नाम पर फिल्मों में काम दे रहे हैं. हम भाईचारा दिखाकर खुद ही अपनी लंका लगा रहे हैं. तो क्या भारतीयों...
पाकिस्तान (Pakistan) में कॉमेडी का मतलब हिंदुओं को 'कुत्ता' कहना है. उनके नफरत का स्तर तो देखिए... हम उन्हें भाईजान कहते हैं और वे हमें कुत्ता...कहने वाले का तो क्या ही कहा जाए मगर वहां बैठे पाकिस्तानी लोग भी इस बात पर ठहाके लगा रहे हैं. हिंदुओं की तुलना कुत्तों से करके भला उन्हें कैसे हंसी आ सकती है? यह क्या जोक है?
आप खुद की यह वीडियो देखिए-
असल में यह पाकिस्तानी कॉमेडी शो 'सवा तीन' नाम से नियो टीवी पर प्रसारित होता है. यह शो पाकिस्तानी कॉमेडियन साजन अब्बास का है. हमारी महानता तो देखिए हम इस कॉमेडियन को भारत में काम देते हैं. जी हैं साजन कई पंजाबी फिल्मों में काम कर रहा है और भारतीय सिनेमा से पैसे कमा रहा है.
यह सही है और रखो पाकिस्तानियों के लिए बड़ा दिल औऱ दिखाओ दरियादिली...कॉमेडी के नाम पर उधर वे हिंदुओं को कुत्ता कहकर मजे ले रहे हैं और इनके आका पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ भारत के के विरोध में यूएन में जहर उगल रहे हैं. शरीफ ने कुछ दिन पहले ही यूएन में कहा था कि "भारत में मुसलमानों के खिलाफ उत्पीड़न का अभियान जारी है. भारत के मुसलमान भेदभावपूर्ण क़ानून, हिजाब बैन, मस्जिदों पर हमले और लिंचिंग का शिकार बन रहे हैं."
सोचिए पाकिस्तानियों के मन में हमारे लिए कितनी नफरत है कि विदेश में हमें नीचा दिखा रहे हैं. वहीं हम उन्हें कला के नाम पर फिल्मों में काम दे रहे हैं. हम भाईचारा दिखाकर खुद ही अपनी लंका लगा रहे हैं. तो क्या भारतीयों को अपनी सहिष्णुता और धर्मनिरपेक्षता को परिभाषित करने के लिए उनसे नफरत करने वाले पसंद हैं? आखिर पंजाबी फिल्म उद्योग इस तरह के कलाकारों के साथ नियमित रूप से क्यों जुड़ता रहत है? ऐसे लोगों ने जरूर सवाल पूछा जाना चाहिए. पंजाबी होने के कारण ये दूसरे पक्ष के पंजाबियों के लिए अपना प्यार खत्म नहीं कर सकते, भले ही अपने भाइयों को भारत के दूसरे भाइयों से दूर कर दें.
इसी तरह एक ARY Digital पर प्रसारित हो रहे एक दूसरे सीरियल में सोमनाथ मंदिर पर हुए 17 बार हमलों औऱ खंडित मूर्तियों का जिक्र किया जा रहा है. एक सीन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक्टर सामने खड़ी एक्ट्रेस से कहता है कि "मैं तुम्हें जीत लूंगा, अभी मैंने कोशिश नहीं की है. इस पर अभिनेत्री कहती है कि 'ओहो मेरा दिल ना हुआ सोमनाथ का मंदिर हो गया जिस पर तुम 17 बार हमले करोगा'. यह सुनकर अभिनेता कहता है कि पर याद रखना 17वें बार में सारी मूर्तियां नष्ट हो जाएंगी."
सोचिए कितनी आसानी से पाक के फिल्मों, नाटकों, राजनीति में लापरवाही के साथ सोमनाथ और मूर्तियों के विनाश का इस्तेमाल किया जाता है. अगर हम भी उनके साथ इतिहास में हुए हादसे के दर्द के इसी तरह कुरेदे तो उन्हें कैसा लगेगा?
पहले यह वीडियो तो देखिए-
क्रिकेट जगत वाले और फिल्मी दुनिया वाले कुछ ज्यादा ही भाईचारा दिखाते हैं...भले ही पाकिस्तानी अलग-अलग बहानों से हिंदुओं को गाली देते रहें. सभी को पता है कि पास्तान में अल्पसंख्यक की हालत खराब है मगर पश्चिमी देश हमेशा भारत की बात करता है. वैसे हम खुद ही पाकिस्तानियों को पैसे देकर खुद को गाली दिलवाने पर तुले हैं तो उनकी क्या गलती है. हम पर तो वसुधैव कुटुंबकम का भूत सवार है.
इधर पाकिस्तानियों को भाई-भाई कहते हैं. उनके लिए दया की बातें करते हैं और उधर उनके मन में हिंदुओं के लिए नफरत भरी है. हम विशेष समुदाय जैसे शब्दों में बंधकर अपनी मर्यादा का पालन करते हैं जबकि वे मंच से खुलेआम हिंदुओं को कुत्ता कहकर हंस रहे हैं...
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.