धर्म की बुनियाद पर बने पाकिस्तान (Pakistan) के हुक्मरानों ने अपने फैसले को जायज बनाने के लिए हर नई पीढ़ी को भारत और हिंदुओं के प्रति वो नफरत की घुट्टी पिलाई है, जिसे बेअसर करना नामुमकिन है. जावेद अख्तर जब उन्हें हकीकत से रूबरू कराते हैं तो बदले में 'नमक हराम' कह दिए जाने पर ताज्जुब नहीं होना चाहिए.
असल में ट्विटर पर पाकिस्तान का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पाकिस्तानी बच्चे भारत के प्रति अपनी नफरत जाहिर कर रहे हैं. देखकर हैरानी होती है कि इतनी सी उम्र में इतना जहर इनके मन में कैसे भर गया? किसने भरा? क्योंकि बच्चे जो भी सीखते हैं वे देखकर, सुनकर ही सीखते हैं.
दरअसल, पाकिस्तान में बच्चों को शुरु से ऐसी शिक्षा ऐसी दी जाती है जिसमें दोयम दर्जे की बातें की जाती हैं. उनके मन में भारत और हिंदू धर्म के प्रति नफरत भरी जाती है. तो बच्चे जो सीखेंगे उसे ही तो अपनाएंगे.
वीडियो में देखा जा सकता है कि एक शख्स बच्चों से सवाल करता है कि जिसके जवाब में पहला बच्चा कहात है कि "जब इंडिया का नाम लेते हैं तो मुझे बहुत तेज तप चढ़ती है. इस पर दूसरा बच्चा कहता है कि मुझे इंडिया का नाम बहुत गंदा लगता है. इंडिया का नाम सुनता हूं तो बहुत गुस्सा आता है. एक बारी बड़ा हो जाऊं...मेरे पास हथियार हो तो उनका पूरा मुल्क तबाह कर दूं. इस पर शख्स पूछता है कि आने वाले वक्त में इंडिया से दोस्ती करना चाहोगे तो वे कहते हैं कि इंडिया से क्यों दोस्ती करना? नहीं हम कभी दोस्ती नहीं करेंगे, वे दोस्ती करने आएंगे हम मार देंगे. बच्चे कहते हैं कि साल 2016 में अटैक किया, फिर बम हमला किया...पाकिस्तान के लोग थोड़ी ना अपने मुल्क दो तबाह करेंगे. शख्स पूछता है कि पक्की बात है कि इंडिया ने करवाया इस पर बच्चे कहते हैं कि हां, मुसलमान दूसरे पर थोड़ी ना अटैक करवा सकता है."
धर्म की बुनियाद पर बने पाकिस्तान (Pakistan) के हुक्मरानों ने अपने फैसले को जायज बनाने के लिए हर नई पीढ़ी को भारत और हिंदुओं के प्रति वो नफरत की घुट्टी पिलाई है, जिसे बेअसर करना नामुमकिन है. जावेद अख्तर जब उन्हें हकीकत से रूबरू कराते हैं तो बदले में 'नमक हराम' कह दिए जाने पर ताज्जुब नहीं होना चाहिए.
असल में ट्विटर पर पाकिस्तान का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पाकिस्तानी बच्चे भारत के प्रति अपनी नफरत जाहिर कर रहे हैं. देखकर हैरानी होती है कि इतनी सी उम्र में इतना जहर इनके मन में कैसे भर गया? किसने भरा? क्योंकि बच्चे जो भी सीखते हैं वे देखकर, सुनकर ही सीखते हैं.
दरअसल, पाकिस्तान में बच्चों को शुरु से ऐसी शिक्षा ऐसी दी जाती है जिसमें दोयम दर्जे की बातें की जाती हैं. उनके मन में भारत और हिंदू धर्म के प्रति नफरत भरी जाती है. तो बच्चे जो सीखेंगे उसे ही तो अपनाएंगे.
वीडियो में देखा जा सकता है कि एक शख्स बच्चों से सवाल करता है कि जिसके जवाब में पहला बच्चा कहात है कि "जब इंडिया का नाम लेते हैं तो मुझे बहुत तेज तप चढ़ती है. इस पर दूसरा बच्चा कहता है कि मुझे इंडिया का नाम बहुत गंदा लगता है. इंडिया का नाम सुनता हूं तो बहुत गुस्सा आता है. एक बारी बड़ा हो जाऊं...मेरे पास हथियार हो तो उनका पूरा मुल्क तबाह कर दूं. इस पर शख्स पूछता है कि आने वाले वक्त में इंडिया से दोस्ती करना चाहोगे तो वे कहते हैं कि इंडिया से क्यों दोस्ती करना? नहीं हम कभी दोस्ती नहीं करेंगे, वे दोस्ती करने आएंगे हम मार देंगे. बच्चे कहते हैं कि साल 2016 में अटैक किया, फिर बम हमला किया...पाकिस्तान के लोग थोड़ी ना अपने मुल्क दो तबाह करेंगे. शख्स पूछता है कि पक्की बात है कि इंडिया ने करवाया इस पर बच्चे कहते हैं कि हां, मुसलमान दूसरे पर थोड़ी ना अटैक करवा सकता है."
वहीं पाकिस्तान अनटोल्ड का एक और वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एंकर एक गेस्ट से कह रही हैं कि "भाई साहब ये जो बयान दिया गया है जावेद अख्तर साबह की तरफ से...आपको क्या लगता है? कितना गैरजिम्मेदराना बयान है. आप यहां मौदूज हैं एक अच्छे माहौल में...आपको वो इज्जत दी गई है. यहां बुलवाया गया है और लोग आपको सुनने के लिए बैठे हैं. इस तरह का बयान गैर जिम्मेदारी ही है उनकी तरफ से...इस पर गेस्ट कहते हैं कि आपको मालूम है कुछ जानवरों को खीर नहीं पचती उसी तरह कुछ लोगों को इज्जत रास नहीं आती. जितनी इज्जत उनको यहां मिली है औऱ जिस तरह से उन्होंने नमक हमारी की है हॉस्पिटैलिटी को एब्यूज किया है...इसके ऊपर जितनी भी तनकीज उनके ऊपर की जाए कम है."
असल में पाकिस्तान के लोग चाहते थे कि जावेद अख्तर उनके हिसाब से बातें कहें. उनके हिमायती बने. मगर जब अख्तर साहब ने सच कहा तो वे नमक हराम हो गए क्योंकि वे उनके मुल्क गए थे औऱ उनका नमक खाया था.
हुआ यूं था कि फैज़ अहमद फैज़ के सम्मान में होने वाले फेस्टिवल में बतौर गेस्ट पहुंचे जावेद अख्तर ने लाहौर में पाकिस्तानियों के सामने सच कह दिया. उन्होंने एक शख्स की बात जवाब देते हुए कहा कि "चलिए हम एक-दूसरे को इल्ज़ाम न दें. उससे सॉल्व नहीं होगा. अहम बात ये है कि आज कल जो इतनी गरम है फिज़ा, वो कम होनी चाहिए. हम तो बम्बई के लोग हैं. हमने देखा हमारे शहर पे कैसे हमला हुआ था. तो वो लोग नॉर्वे से तो नहीं आए थे. ना इजिप्ट से आए थे. वो लोग अभी भी आपके मुल्क में घूम रहे हैं. तो ये शिकायत अगर हिंदुस्तानी के दिल में हो, तो आपको बुरा नहीं मानना चाहिए.''
इसी के बाद पाकिस्तान के लोग बौखलाए हुए हैं, खैर जो लोग सच को अपना नहीं सकते उनके औऱ उम्मीद भी क्या की जा सकती है? वैसे इस पूरे मामले में आपकी राय क्या है?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.