10 साल की बच्ची को एक बच्चे की मां बनना चाहिए या नहीं? आप सोच रहे होंगे ये कैसा बेहूदा सवाल है. है ना? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये बेहूदा सवाल चंडीगढ़ की एक बच्ची के जीवन का कड़वा सच है.
मामला ये है कि बच्ची अपने मामा के हवस का शिकार बनी और नतीजा प्रेग्नेंसी के रूप में सामने आया. जब तक बच्ची के घरवालों को पता चलता तब तक उसके गर्भ को 26 हफ्ते हो गए थे. हमारे कानून में 20 हफ्ते तक के गर्भ का ही गर्भपात कराने की इजाजत है. चंडीगढ़ की डिस्ट्रीक्ट कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी ने बच्ची के अबॉर्शन की मांग को ठुकरा दिया. खैर अब दस साल की ये बच्ची खुद गुड्डे-गुड़ियों से खेलने के उम्र में एक बच्चे को पालने-खिलाने की कगार पर खड़ी है.
लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि क्या रेप पीड़ित किसी बच्ची या महिला के लिए कानून को ज्यादा संवेदनशील नहीं होना चाहिए ? इस वीडियो से समझें -
हमारे पाठकों का इस वीडियो पर बहुत ही जोश भरा रेस्पॉन्स रहा. लेकिन कुछ पाठकों को इस बात पर ही भरोसा नहीं हो रहा कि 10 साल की एक बच्ची गर्भवती हो सकती है. मजे की बात तो ये है कि ऐसा सवाल उठाने वाले सभी पुरुष हैं.
शिव कुमार नाम के एक पाठक लिखते हैं- 'साइंस में तो 10 साल की लड़की को पीरियड्स भी शुरू नहीं होते फिर वो मां कैसे बन सकती है. लड़की की उम्र छुपाई जा रही है.'
राजेश तोमर लिखते हैं कि- 'जिस भी आदमी ने ये काम किया है मानसिक रोगी है और उसको इस कुकर्म की सजा तुरंत मिलनी चाहिए. लेकिन मेडिकली ये असंभव है कि 10 साल की कोई बच्ची गर्भवती हो जाए. संभव है कि किसी कारण से यहां पर बच्ची की उम्र छुपाई जा रही है. हालांकि उसे अबॉर्शन की इजाजत दे देनी चाहिए.'
10 साल की बच्ची को एक बच्चे की मां बनना चाहिए या नहीं? आप सोच रहे होंगे ये कैसा बेहूदा सवाल है. है ना? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये बेहूदा सवाल चंडीगढ़ की एक बच्ची के जीवन का कड़वा सच है.
मामला ये है कि बच्ची अपने मामा के हवस का शिकार बनी और नतीजा प्रेग्नेंसी के रूप में सामने आया. जब तक बच्ची के घरवालों को पता चलता तब तक उसके गर्भ को 26 हफ्ते हो गए थे. हमारे कानून में 20 हफ्ते तक के गर्भ का ही गर्भपात कराने की इजाजत है. चंडीगढ़ की डिस्ट्रीक्ट कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी ने बच्ची के अबॉर्शन की मांग को ठुकरा दिया. खैर अब दस साल की ये बच्ची खुद गुड्डे-गुड़ियों से खेलने के उम्र में एक बच्चे को पालने-खिलाने की कगार पर खड़ी है.
लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि क्या रेप पीड़ित किसी बच्ची या महिला के लिए कानून को ज्यादा संवेदनशील नहीं होना चाहिए ? इस वीडियो से समझें -
हमारे पाठकों का इस वीडियो पर बहुत ही जोश भरा रेस्पॉन्स रहा. लेकिन कुछ पाठकों को इस बात पर ही भरोसा नहीं हो रहा कि 10 साल की एक बच्ची गर्भवती हो सकती है. मजे की बात तो ये है कि ऐसा सवाल उठाने वाले सभी पुरुष हैं.
शिव कुमार नाम के एक पाठक लिखते हैं- 'साइंस में तो 10 साल की लड़की को पीरियड्स भी शुरू नहीं होते फिर वो मां कैसे बन सकती है. लड़की की उम्र छुपाई जा रही है.'
राजेश तोमर लिखते हैं कि- 'जिस भी आदमी ने ये काम किया है मानसिक रोगी है और उसको इस कुकर्म की सजा तुरंत मिलनी चाहिए. लेकिन मेडिकली ये असंभव है कि 10 साल की कोई बच्ची गर्भवती हो जाए. संभव है कि किसी कारण से यहां पर बच्ची की उम्र छुपाई जा रही है. हालांकि उसे अबॉर्शन की इजाजत दे देनी चाहिए.'
चलिए तो इन महानुभावों की आंखें एक कड़वी हकीकत से खोल ही देते हैं. पहली बात तो इन्हें साइंस थोड़ा ढंग से पढ़ने की जरुरत है. साइंस के अनुसार लड़कियों में पीरियड्स 10 से लेकर 15 साल के बीच कभी भी शुरु हो सकता है. कुछ मामलों में तो असाधारण रूप पीरियड्स किसी भी उम्र में शुरू हो जाते हैं. पेरू की एक लड़की तो सिर्फ 5 साल की उम्र में मां बनी थी. ये दुनिया में सबसे कम उम्र की लड़की के मां बनने की खबर थी. जी हां ये कोई गप्प नहीं बल्कि हकीकत है. 23 सितम्बर 1933 को पेरु में जन्मी लिना मार्सेला ने 5 साल, 7 महीने और 21 दिन की उम्र में एक बच्चे को जन्म दिया था.
वैसे एक महान आत्मा तो इतने संवेदनशील हैं कि उन्होंने उस बच्ची के पैदा होने वाले बच्चे को गोद लेने की पेशकश तक कर डाली. लोगों ने तो खैर उनकी भी आरती उतार ही दी लेकिन सोचने वाली बात ये है कि आखिर किस तरह की खोखली जिंदगी लोग जी रहे हैं. बच्ची के साथ हुए इस घिनौनी हरकत के बाद वो लोगों को ऑप्शन दे रहे हैं. हद है.
खैर वीडियो पर लोगों के कमेंट से पता चलता है कि इस घटना के प्रति लोगों के मन में कितना गुस्सा है. दरअसल गुस्से से ज्यादा ऐसी हैवानियत पर हैरान हैं. आखिर कैसे कोई इतना क्रूर हो सकता है और कानून क्यों इतनी अंधी हो गई है कि एक बच्ची की जिंदगी को बर्बाद करने से भी वो नहीं हिचक रही है. लोगों का यही सवाल है कि ये कैसा कानून है.
प्रीति मिश्रा लिखती हैं- 'घटिया कानून. शादी के लिए तो उम्र 18 नहीं तो सब लोग जुर्म के घेरे में आ जाओगे. और बच्चा पैदा कभी भी करवा लो, तब ये जुर्म नहीं होगा. कितना घिनौना है.'
अंकिता गोयल लिखती हैं- अबॉर्शन करवाना लॉ के खिलाफ है चाहे उसकी लाइफ बर्बाद हो जाए. जो रूल तोड़ते हैं वही सही होते हैं. जब वो बच्ची बड़ी होगी तब उसके साथ क्या होगा. सही कहते हैं लोग जिसपर खुद बितति है वही दर्द समझ पाता है. बकवाल कानून बना रखा है तभी तो कोई रेप करके डरता नहीं है.
वहीं विनोद कुमार ने तो शरिया लॉ लागू करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि शरिया लॉ को लागू कर देना चाहिए और रेपिस्ट के प्राइवेट पार्ट को काट देना चाहिए.
विनोद कुमार अकेले नहीं हैं जिन्होंने शरिया कानून को लागू करने और रेपिस्ट के प्राइवेट पार्ट को काटने का उपाय बताया है. लोगों में गुस्सा है. एक बच्ची के साथ इस तरह की हैवानियत को कोई भी नॉर्मल इंसान बर्दाश्त नहीं कर पाएगा. और ये एक बार फिर साबित हो गया है कि एक गंदी मछली ही तालाब को गंदा करती है.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.