उत्तर प्रदेश में चुनाव (P Election 2022) हो और गहमागहमी ना हो यह कैसे संभव हो सकता है? नया मामला यह है कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने यूपी के हरदोई में एक रैली को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर जमकर निशाना साधा. रैलियों में विपक्ष पर आरोप लगाना कोई नई बात नहीं है लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग हो गया.
असल में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, 'इनका जो चुनाव चिन्ह साइकिल है उस पर अहमदाबाद में बम रखे गए थे, तब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था. मैं हैरान हूं कि ये आतंकी धमाकों में साइकिल का इस्तेमाल क्यों करते थे?'
यह बात अखिलेश यादव को चुभ गई. वैसे आपके हिसाब से क्या पीएम मोदी को सपा को घेरते हुए साइकिल की इतनी बदनामी करनी चाहिए थी? अखिलेश यादव पर निशाना साधना था तो भले कुछ भी कहते लेकिन साइकिल तो मजदूर वर्ग से लेकर आम आदमी का सहारा है. साइकिल पहले नीचले तबके की है उसके बाद सपा का चुनावी चिन्ह है. साइकिल पहले है और सपा बाद में है. ऐसा भी नहीं है कि साइकिल सिर्फ सपा की है. आज भी छोटे शहरों और गांवों मे लोग 25, 30 किलोमीटर का सफर तो साइकिल पर ही तय कर लेते हैं.
अब नीचले तबके की जिंदगी साइकिल पर ही चलती है. ऐसे तो अगर कोई आतंकवादी बम भी रखेगा तो अपने पंजे से ही रखेगा तो क्या फिर कांग्रेस भी...? साइकिल को पीएम मोदी ने सीधा आंतकवाद से जोड़ दिया. सपा पर निशाना साधना अलग है, लेकिन साइकल पर बोलना...