कम ही पुरुष होते हैं जो पति बन कर भी महबूब को जिंदा रख पाते हैं अपने अंदर. उनसे भी कम होते हैं ऐसे पुरुष जो अपनी महबूबा को आगे कर उनकी जीत का जश्न मनाते हैं. वर्ना पुरुषों की वर्चस्व वाली इस दुनिया में राजा की रानियां होती हैं, रानियों का राजा नहीं.
प्रिंस फ़िलिप इन सब से राजाओं से अलग हैं. ग्रीक के राजसी परिवार में जन्मा यह राजकुमार अपने देश की नागरिकता ब्रिटेन की राजकुमारी से शादी करने के लिए छोड़ दिया. उनके लिए मुहब्बत से बड़ी कोई शै थी ही नहीं. वो इसलिए प्रिय हैं और रहेंगे क्योंकि उन्होंने किसी राजकुमारी का राजा होना चुना. कल प्रिंस 99 साल की उम्र में दुनिया को छोड़ कर चले गए लेकिन उनकी प्रेम कहानी रहेगी सदा.
उनके लिए कितना कुछ लिखने को है. एक सीरीज में लिखूँगी कभी. फ़िलहाल वो ख़ास इसलिए भी लगते हैं क्योंकि उन्होंने प्रिंसेस डायना को चाहा और सराहा एक बेटी की तरह. ख़ैर, मैं उन्हें याद रखूँगी एक प्यारे से महबूब के रूप में जो अपनी राजकुमारी को चिट्ठियां लिखता था. आप भी पढ़िए राजकुमार की लिखी चिट्ठियों (love letter) के अंश, जो राजकुमारी एलिज़ाबेथ जिन्हें वो प्यार से ‘लिलीबेट’ बुलाते थे को प्रपोज़ करने से पहले सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान और शादी के बाद लिखा था,
“To have been spared in the war and seen victory, to have been given the chance to rest and to re-adjust myself, to have fallen in love completely and unreservedly, makes all one’s personal and even the world’s troubles seem small and petty. There is always a small voice that keeps saying ‘nothing ventured, nothing gained’ - well did I venture and I gained a...
कम ही पुरुष होते हैं जो पति बन कर भी महबूब को जिंदा रख पाते हैं अपने अंदर. उनसे भी कम होते हैं ऐसे पुरुष जो अपनी महबूबा को आगे कर उनकी जीत का जश्न मनाते हैं. वर्ना पुरुषों की वर्चस्व वाली इस दुनिया में राजा की रानियां होती हैं, रानियों का राजा नहीं.
प्रिंस फ़िलिप इन सब से राजाओं से अलग हैं. ग्रीक के राजसी परिवार में जन्मा यह राजकुमार अपने देश की नागरिकता ब्रिटेन की राजकुमारी से शादी करने के लिए छोड़ दिया. उनके लिए मुहब्बत से बड़ी कोई शै थी ही नहीं. वो इसलिए प्रिय हैं और रहेंगे क्योंकि उन्होंने किसी राजकुमारी का राजा होना चुना. कल प्रिंस 99 साल की उम्र में दुनिया को छोड़ कर चले गए लेकिन उनकी प्रेम कहानी रहेगी सदा.
उनके लिए कितना कुछ लिखने को है. एक सीरीज में लिखूँगी कभी. फ़िलहाल वो ख़ास इसलिए भी लगते हैं क्योंकि उन्होंने प्रिंसेस डायना को चाहा और सराहा एक बेटी की तरह. ख़ैर, मैं उन्हें याद रखूँगी एक प्यारे से महबूब के रूप में जो अपनी राजकुमारी को चिट्ठियां लिखता था. आप भी पढ़िए राजकुमार की लिखी चिट्ठियों (love letter) के अंश, जो राजकुमारी एलिज़ाबेथ जिन्हें वो प्यार से ‘लिलीबेट’ बुलाते थे को प्रपोज़ करने से पहले सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान और शादी के बाद लिखा था,
“To have been spared in the war and seen victory, to have been given the chance to rest and to re-adjust myself, to have fallen in love completely and unreservedly, makes all one’s personal and even the world’s troubles seem small and petty. There is always a small voice that keeps saying ‘nothing ventured, nothing gained’ - well did I venture and I gained a wonderful time. I am afraid I am not capable of putting all this into the right words and I am certainly incapable of showing you the gratitude that I feel. Lilibet is the only thing in this world which is absolutely real to me and my ambition is to wield the two of us into a new combined existence that will not only be able to withstand the shocks directed at us but will also have a positive existence for the good... Cherish Lilibet? I wonder if that word is enough to express what is in me. Does one cherish one's sense of humour or one's musical ear or one's eyes?I am not sure, but I know that I thank God for them and so, very humbly, I thank God for Lilibet and us.”मुहब्बत ज़िंदाबाद!???? #princephillip
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