राज्य-प्रांत-देश-प्रदेश में जैसे लोगों की बोली बदलती जाती है, वैसे ही वहां के लोगों का बात करने का तरीका भी बदलता जाता है. महाराष्ट्र में पुणे शहर के लोगो का अपनी बात कहने का व्यंगात्मक और हंसाने वाला एक अलग अंदाज है जो किसी और प्रदेश में शायद ही देखने को मिले. पुणे की पुणेरी पाट्या, ये एक दिलचस्प तरीका है अपनी बात कहने का जो यहां के लोग (ख़ास करके पेठ इलाको में रहने वाले), नेताओ को उनकी गलतियां बताने के लिए बेख़ौफ़ इस्तेमाल करते है.
पुणेरी पाट्या के माध्यम से यहां के लोग अपनी दिल की बात कुछ ऐसे चुटीले लेकिन तीखे अंदाज में कह जाते हैं, कि सामने वाले को चोट तो पहुंचती है लेकिन वो जाहिर नहीं कर पाता, सिवाय चुप रहकर सहन करने के. उदाहरण के तौर पर, फिलहाल देश के पांच राज्यो में जहां विधानसभा चुनाव की गहमा गहमी है, वहीं महाराष्ट्र में दस महानगरपालिका चुनाव और अनेक ज़िला परिषद् के चुनाव प्रचार अपने आखरी चरण में है, ऐसे में राजनितिक पार्टियों के प्रत्याशी वोटरों को लुभाने के लिए जी जान एक करके, वोटरों को रिझाते हुए नजर आ रहे है. स्वाभाविक है के पांच साल अगर कोई नगरसेवक उनके जिम्मेदारी से चूके है तो उन्हें उनकी गलती का एहसास हो इसके लिए कुछ त्रस्त पुणे के नागरिको ने इस पुणेरी पाटी के जरिए उनका घुस्सा नगरसेवकों तक पहुंचाने का प्रयास किया है.
पुणे के पेठ इलाके के गलियो में ऐसी ही एक पुणेरी पाटी इलेक्ट्रिक पोल पर लगा दी हैं. ये पुणेरी पाटी किसने लगायी है, कौन लगाता है ये आजतक किसी को नहीं पता, ना ही कोई ये जानने का प्रयास करते है, लेकिन एक बात सच है के इस पुणेरी पाटी का लोग भरपूर आंनद लेते है और कामचोर नेताओ पर हस्ते है. चित्र और लिखाई से जो देखो वो इसे देखने लिए रुक जाता है. लोगो में इस बात की चर्चा भी कई दिनों तक होती रहती है. हर एक शहर के नगरसेवकों की आदते लगभग एक जैसी ही होती है. एक बार चुनाव के नतीजे घोषित हुए तो अगले चुनाव तक, नेता का चेहरा जनता को देखना नसीब नहीं होता. ऐसे नेताओ के कान खीचने की ये एक कोशिश.