खत्म हुआ इंतजार, 28 अप्रेल को बाहुबली 2 रिलीज हो गई है और उन लोगों का इंतज़ार भी खत्म होने जा रहा है, जो जानना चाहते थे कि 'कट्टप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा?' पिछले 2 सालों में प्रधानमंत्री मोदी से लोगों ने जितने सवाल नहीं पूछे होंगे, उतने सवाल लोगों ने एक दूसरे से 'कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा' पूछा होगा.
फिल्में समाज का आईना होती हैं, वो वही दिखाती हैं कि समाज में क्या चल रहा है. पर बीते कुछ सालों में जो सामाजिक बदलाव हुए हैं उसे देखकर लगता है कि जनता अब सरकार से सवाल पूछना ही भूल गई है. जनता सरकार से महंगाई के बारे में सवाल नहीं पूछती, जनता सरकार से काले धन के मुद्दे पर सवाल नहीं करती, जनता सरकार से डेवलपमेंट के बारे में सवाल नहीं पूछती.
1. हमारे देश के विकास की रफ्तार को किसने मारा ?
2. कुपोषण की वजह से बच्चे क्यों मर रहे हैं ?
3. 125 करोड़ की आबादी वाला देश खेलों में पिछड़ा हुआ क्यों है ?
4. तमाम दावों के बावजूद बुनियादी जरूरत की चीजें महंगी क्यों हैं ?
5. गंगा-जमुनी तहजीब वाले देश में जाति और धर्म के नाम पर टकराव क्यों बढ़ रहा है ?
6. हर बार एक जैसे आतंकी हमले में हर बार हमारे सैनिक ज्यादा क्यों मरते हैं ?
7. जीडीपी बढ़ने के बावजूद किसान आत्महत्या क्यों करते हैं ?
8. दलितों को बराबरी दिलाने वाले तमाम कानून होने के बावजूद उत्पीड़न की घटनाएं कम क्यों नहीं होतीं ?
9. महिलाओं की अस्मिता पर हाथ डालने वालों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई क्यों नहीं हो रही ?
10. देश में स्वस्थ बहस की बातें अचानक हार-जीत के मुकाबले में क्याें बदल गई हैं ?
दरअसल जितनी उत्सुकता लोग फिल्मो में दिखाते हैं यदि उतनी...
खत्म हुआ इंतजार, 28 अप्रेल को बाहुबली 2 रिलीज हो गई है और उन लोगों का इंतज़ार भी खत्म होने जा रहा है, जो जानना चाहते थे कि 'कट्टप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा?' पिछले 2 सालों में प्रधानमंत्री मोदी से लोगों ने जितने सवाल नहीं पूछे होंगे, उतने सवाल लोगों ने एक दूसरे से 'कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा' पूछा होगा.
फिल्में समाज का आईना होती हैं, वो वही दिखाती हैं कि समाज में क्या चल रहा है. पर बीते कुछ सालों में जो सामाजिक बदलाव हुए हैं उसे देखकर लगता है कि जनता अब सरकार से सवाल पूछना ही भूल गई है. जनता सरकार से महंगाई के बारे में सवाल नहीं पूछती, जनता सरकार से काले धन के मुद्दे पर सवाल नहीं करती, जनता सरकार से डेवलपमेंट के बारे में सवाल नहीं पूछती.
1. हमारे देश के विकास की रफ्तार को किसने मारा ?
2. कुपोषण की वजह से बच्चे क्यों मर रहे हैं ?
3. 125 करोड़ की आबादी वाला देश खेलों में पिछड़ा हुआ क्यों है ?
4. तमाम दावों के बावजूद बुनियादी जरूरत की चीजें महंगी क्यों हैं ?
5. गंगा-जमुनी तहजीब वाले देश में जाति और धर्म के नाम पर टकराव क्यों बढ़ रहा है ?
6. हर बार एक जैसे आतंकी हमले में हर बार हमारे सैनिक ज्यादा क्यों मरते हैं ?
7. जीडीपी बढ़ने के बावजूद किसान आत्महत्या क्यों करते हैं ?
8. दलितों को बराबरी दिलाने वाले तमाम कानून होने के बावजूद उत्पीड़न की घटनाएं कम क्यों नहीं होतीं ?
9. महिलाओं की अस्मिता पर हाथ डालने वालों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई क्यों नहीं हो रही ?
10. देश में स्वस्थ बहस की बातें अचानक हार-जीत के मुकाबले में क्याें बदल गई हैं ?
दरअसल जितनी उत्सुकता लोग फिल्मो में दिखाते हैं यदि उतनी उत्सुकता सरकार द्वारा किए कामो में दिखाएं तो देश सच मे आबाद हो जाएगा. फिल्म बाहुबली अपने प्राणों की आहुति देने वाले सिपाही, अपने प्राणों की आहुति देने वाले राजकुमार और एक राजा का अपने लोगों के लिए प्रेम उजागर करती है. पिछले सालों में धार्मिक उन्माद देश मे जिस तरह बढ़ा है वो आने वाले समय के लिए एक आहट है. फिल्मों को देखकर भी यदि हमारा समाज कुछ ना सीखे तो फिल्में सिर्फ एक मनोरंजन का माध्यम बनकर रह जाएंगी.
अब समय है कि बाहुबली-2 के साथ अपने अंदर मातृभूमि के लिए प्रेम जगाकर देश की भलाई के लिए सरकार से सवाल पूछें. समाज मे दबे-कुचले लोगों के लिए आवाज़ उठाएं.
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