भर्ती परीक्षा पुलिस की हो और शामिल होने चोर पहुंच जाएं तो क्या हो. राजस्थान में पिछले दो दिनों से पूरी सरकार पुलिस बनने पहुंचे चोरों को चोरी से रोकने में लगी है. गौर कीजिएगा चोरों को पुलिस बनने से नहीं, बल्कि दो दिनों के लिए महज चार-चार घंटे के लिए उनको चोरी से रोकने में लगी है. मगर जरा सोचिए इनमें से कुछ चोर पुलिसवाले बन गए तो थानों में हमारी और आपकी स्थिति क्या होगी.
राजस्थान में कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में 13 हजार 142 पदों के लिए 14 लाख आवेदन आए हैं. सरकार में बैठे नेता और अधिकारी जो रोजगार देने के आंकड़े गिना रहे हैं, उन्हें एक बार कॉन्स्टेबल भर्ती की परीक्षा सेंटरों पर आना चाहिए. बस स्टैंड से लेकर रेलवे स्टेशन और धर्मशालाओं में देश का युवा दो दिनों से एक कॉन्स्टेबल की नौकरी के लिए कैसे दिन गुजार रहा है ये देश के हालात बताने के लिए काफी हैं, इसके लिए किसी आंकड़े या सर्वे एजेंसी की जरूरत नहीं है. 18 हजार की पगार की नौकरी के लिए पीएचडी और एलएलबी डिग्री धारक भी पुलिस बनने आए हैं. प्राइवेट नौकरियों में मालिकों के शोषण और फिर रोजगार की गारंटी नहीं होने की वजह से लोग डिग्री अपने बक्से में बंद कर चौराहे पर कॉन्स्टेबल बनकर परिवार के साथ अपनी जिंदगी सुकून के साथ बिताना चाह रहे हैं.
आठ घंटे के लिए चोरी रोकने की कीमत क्या हो सकती है, ये कोई राजस्थान के लोगों से पूछे. दो दिनों से राज्य में साइबर इमरजेंसी के हालात हैं. शनिवार की सुबह आठ बजे से शाम 6 बजे तक और फिर रविवार को भी सुबह आठ बजे से शाम 5 बजे तक इंटरनेट सेवा पूरी तरह से बंद रही. राजस्थान में पिछले दो दिनों से लोग डिजिटल कर्फ्यू के दौर में जी रहे हैं, जहां दो दिनों से किसी तरह की इंटरनेट और एसएमएस सेवा पूरी तरह से बंद है....
भर्ती परीक्षा पुलिस की हो और शामिल होने चोर पहुंच जाएं तो क्या हो. राजस्थान में पिछले दो दिनों से पूरी सरकार पुलिस बनने पहुंचे चोरों को चोरी से रोकने में लगी है. गौर कीजिएगा चोरों को पुलिस बनने से नहीं, बल्कि दो दिनों के लिए महज चार-चार घंटे के लिए उनको चोरी से रोकने में लगी है. मगर जरा सोचिए इनमें से कुछ चोर पुलिसवाले बन गए तो थानों में हमारी और आपकी स्थिति क्या होगी.
राजस्थान में कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में 13 हजार 142 पदों के लिए 14 लाख आवेदन आए हैं. सरकार में बैठे नेता और अधिकारी जो रोजगार देने के आंकड़े गिना रहे हैं, उन्हें एक बार कॉन्स्टेबल भर्ती की परीक्षा सेंटरों पर आना चाहिए. बस स्टैंड से लेकर रेलवे स्टेशन और धर्मशालाओं में देश का युवा दो दिनों से एक कॉन्स्टेबल की नौकरी के लिए कैसे दिन गुजार रहा है ये देश के हालात बताने के लिए काफी हैं, इसके लिए किसी आंकड़े या सर्वे एजेंसी की जरूरत नहीं है. 18 हजार की पगार की नौकरी के लिए पीएचडी और एलएलबी डिग्री धारक भी पुलिस बनने आए हैं. प्राइवेट नौकरियों में मालिकों के शोषण और फिर रोजगार की गारंटी नहीं होने की वजह से लोग डिग्री अपने बक्से में बंद कर चौराहे पर कॉन्स्टेबल बनकर परिवार के साथ अपनी जिंदगी सुकून के साथ बिताना चाह रहे हैं.
आठ घंटे के लिए चोरी रोकने की कीमत क्या हो सकती है, ये कोई राजस्थान के लोगों से पूछे. दो दिनों से राज्य में साइबर इमरजेंसी के हालात हैं. शनिवार की सुबह आठ बजे से शाम 6 बजे तक और फिर रविवार को भी सुबह आठ बजे से शाम 5 बजे तक इंटरनेट सेवा पूरी तरह से बंद रही. राजस्थान में पिछले दो दिनों से लोग डिजिटल कर्फ्यू के दौर में जी रहे हैं, जहां दो दिनों से किसी तरह की इंटरनेट और एसएमएस सेवा पूरी तरह से बंद है. नकलचियों से परेशान राजस्थान सरकार ने नकल रोकने के लिए पूरे प्रदेश की रफ्तार रोक दी है. इस साइबर कर्फ्यू की वजह से शनिवार को रेलवे, फ्लाइट, बस, बैंकिंग समेत सभी तरह के आनलाइन ट्रांजेक्शन बंद रहे. राजस्थान के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसी भर्ती परीक्षा के लिए पूरे राज्य में डिजिटल कर्फ्यू लगा दिया गया है.
शनिवार और रविवार के चार घंटे की कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए दस-दस घंटों तक इंटरनेट सेवा पूरी तरह से बंद रही. राज्य में हर तरफ साइबर इमरजेंसी जैसे हालात बने हुए हैं. राज्य के 200 परीक्षा सेंटरों पर जैमर सगे हैं मगर इसके बावजूद शहर-दर शहर सभी जगह इंटरनेट सेवा ही बंद कर दी गई है. इंटरनेट बंद होने से दो दिनों में राजस्थान में 11 हजार रेलवे की ई-टिकटों में कमी आई है. 15 से 20 करोड़ के ट्रांजेक्शन बैंकों के अटक गए हैं. करीब ढाई हजार टैक्सियां बुक नहीं हो पाई हैं, जिससे 20 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. राजस्थान रोडवेज की भी बुकिंग में करीब 5 फीसदी की कमी आई है.
ये तो रही चोरों की वजह से लोगों की असुविधा और आर्थिक नुकसान की कहानी. मगर इससे बढ़कर मानवता को झकझोर देने वाली तस्वीरें भी इन परीक्षा सेंटरों से आई हैं.
सबसे बुरा तो उन नौजवान लड़कियों के साथ हुआ जो दूर देहात से एक अदद पुलिस की नौकरी की चाहत में शहर आई थीं और सरकारी इश्तेहार नही पढ़ पाई थीं, जिसमें कॉलर लगे और आस्तीन वाले कुर्ते नहीं पहनकर आने के निर्देश दिए गए थे. पुलिस परीक्षा सेंटरों के बाहर कैंची लेकर खड़ी थी. परीक्षा सेंटरों पर पुलिस ने जिस तरह से लड़कियों के कपड़े काटे वो किसी भी हालत में सही नहीं ठहराए जा सकते हैं. झूंझनू में जहां लड़कियों के कपड़े काटे गए, वहीं लड़कों के कालर और आस्तीन वाले शर्ट और जूते भी निकलवाए गए. परीक्षा सेंटरों पर ऐसा लग रहा था मानो कोई जूते-कपड़ों की दुकान है. सीकर के एसेके स्कूल में तो एक मां को दूसरी बेटी के साथ मिलकर चुनरी की ओट में सेंटर के बाहर ही कपड़े बदलवाने पड़े. यही नजारा कमोबेश राज्य के हर परीक्षा सेंटरों पर रहा. परीक्षा सेंटरों पर लड़कियों के कपड़े उतरवाने और कपड़े काटने की घटनाओं से लोगों में रोष भी है. लोग कह रहे हैं नौकरी करने के लिए जो लड़कियां आई हैं वो सम्मान पूर्वक जीने के लिए ही तो कॉन्स्टेबल बन रही हैं मगर उससे पहले परीक्षा सेंटरों पर उनके साथ जो सलूक किया जा रहा है वो किसी भी हालत में देश में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
राज्य सरकार का कहना है कि ये सब हमने नकल रोकने के लिए किया है. दरअसल सरकार की भी मजबूरी है. कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा हाईटेक नकलचियों की वजह से तीन बार टालनी पड़ी है. हरियाणा में बैठकर गैंग नकल करवा ले रहा था. करीब 13 हजार पदों के लिए 14 लाख परीक्षार्थी राज्यभर में परीक्षा दे रहे हैं.
राजस्थान के 664 केंद्रों पर होने वाली परीक्षा को लेकर कोई चूक ना हो इसके लिए बडे स्तर पर बंदोबस्त किए गए हैं. अभ्यर्थियों के लिए विशेष गाइडलाइन के साथ-साथ परीक्षा केंद्र पर जैमर और इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का निर्णय हुआ है. परीक्षा की सुरक्षा के लिए आरएसी की दस कंपनियों सहित दस हजार से अधिक का जब्ता तैनात किया गया है.
पुलिस महकमे की ओर से सभी अभ्यर्थियों को विशेष गाइडलाइन जारी की गई थीं. इस गाइडलाइन में यह निर्देशित किया गया है कि कोई भी अभ्यर्थी पूरी बाजू के कपड़े पहनकर परीक्षा सेंटर पर नहीं आएगा. अगर कोई अभ्यर्थी पहुंचता है तो वहां मौजूद पुलिसकर्मी कैंची से उसकी आस्तीन को काटने के बाद ही परीक्षा केंद्र पर उसे जाने देगा. इसके अलावा परीक्षा केंद्र के भीतर प्रवेश करने से पहले उसके जूते चप्पल उतारे जाएंगे और उसकी उपस्थिति बायोमीट्रिक तरीके से दर्ज की जाएगी.
गाइडलाइन में यह सब लिखा था-
- पुलिस महकमे की ओर से महिला और पुरुष दोनों के लिए आवेदन पत्र के साथ ड्रेस कोड जारी.
- अभ्यर्थी को रंगीन पासपोर्ट आकार की नवीनतम दो फोटो, दो पारदर्शी बॉलपेन, फोटो आइडी लानी होगी.
- महिला अभ्यर्थी किसी तरह के जेवर, ईयररिंग, चेन, अंगूठी आदि पहनकर न आएं.
- परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल फोन और पर्स रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं, नुकसान की जिम्मेदारी अभ्यर्थी की.
- परीक्षा केंद्रों पर अधीक्षक, परिवीक्षक, कंपनी के प्रतिनिधि समेत 8 हजार लोगों की ड्यूटी रहेगी.
- सभी सुबह 7 से शाम 7 बजे तक परीक्षा केंद्रों पर रहेंगे, केंद्र अधीक्षक के पास मोबाइल फोन रहेगा.
- प्रदेश में 664 केंद्र, दोनों दिन दो-दो पारी में होगी परीक्षा, कुल 14 लाख से अधिक परीक्षार्थी.
- तीन तरह के बनाए गए परीक्षा केंद्र, जिन पर 500 से 1000 तक परीक्षार्थी दे सकेंगे परीक्षा.
- परीक्षार्थियों की तादाद के हिसाब से केंद्रों पर 7 से लेकर 21 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे.
- हर 4 केंद्र पर एक फ्लाइंग स्क्वायड, 4 स्क्वायड पर एक डिप्टी की रहेगी निगरानी.
- पेपर के बॉक्स की गाडिय़ां हथियारबंद पुलिसकर्मी लेकर जाएंगे.
- बायोमीट्रिक मशीन से दर्ज होगी परीक्षार्थियों की उपस्थिति.
- 30 मिनट पूर्व तक ही परीक्षा केन्द्र में प्रवेश की अनुमति होगी.
इसके पहले हाईटेक नकलचियों से परेशान होकर राजस्थान सरकार को परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी. परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा इंतजामों की बात की जाए तो आरएएसी दस कंपनियों सहित 10 हजार से ज्यादा पुलिस बल तैनात किया गया है जो प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर नजर रख रहा है. इसके अलावा एसओजी, एटीएस औऱ आईबी की स्पेशल टीमें लगातार काम कर रही हैं. परीक्षा केंद्रों पर जैमर और सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, जिन्हें अभय कमांड सेंटर से जोडा गया है. इसके अलावा ड्रोन से भी निगरानी रखी जा रही है. पुलिस मुख्यालय ने सभी जिला एसपी को निर्देशित किया है कि वो अपने स्तर पर आवश्यकता अनुसार इंटरनेट बंद करने का निर्णय ले सकते हैं. माना जा रहा है की किसी भी तरह की हैकिंग को रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों पर सुबह 8 से शाम 5 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रखी गई हैं. परीक्षा में नकल रोकने के लिए सभी इंतजाम कर लिए गए हैं. मगर इसके बावजूद पिछले दो दिनों 14 लोग नकल गिरोह के पकड़े गए हैं.
प्रदेश भर में जहां 14 लाख से अधिक अभ्यर्थी बैठेंगे, वहीं राजधानी में ढाई लाख परीक्षार्थी भाग्य अजमा रहे हैं. जयपुर में दो दिन तक रोजाना 2.50 लाख परीक्षार्थी आए हैं. जिनके साथ करीब सवा लाख परिजन भी आए हैं यानी जयपुर में दो दिन तक करीब 7.50 लाख लोग अतिरिक्त जुड़े हैं. ऐसे में जहां शहर के होटलों, धर्मशालाएं, गेस्ट हाउस, हॉस्टल भर जाएंगे. ट्रेनों और बसों में लोग छतों पर सफर कर रहे हैं.
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