इस्लामिक कैलेंडर का नवां महीना सबसे पाक होता है, जिसे रमजान (Ramadan) कहा जाता है. इस साल रमजान की शुरुआत 17 मई से हो रही है जो 30 दिन तक चलेगा. रमजान का महीना शुरू होते ही मुस्लिम रोजा रखना शुरू कर देते हैं. रोजा में सुबह की नमाज के बाद यानी सहरी के बाद और शाम की नमाज से पहले यानी इफ्तार से पहले कुछ खा-पी नहीं सकते हैं. सुबह से लेकर शाम तक पानी की एक बूंद भी नहीं पी सकते. ऐसे में लोगों को लगता है कि जो लोग रोजा रखते हैं, उनका वजन तो काफी तेजी से कम होता होगा, लेकिन वास्तविकता ये नहीं है. रोजा में किसी का वजन घटता है और किसी का वजन बढ़ता है.
किसका बढ़ता है वजन?
रोजा के दौरान खाने-पीने को लेकर एक अनुशासन का पालन करना होता है. सुबह के समय यानी सहरी के वक्त नाश्ते की तरह ही खाना खाना चाहिए. डायटिशन डॉ अनीता लाम्बा के अनुसार कई लोग सुबह-सुबह ये सोचकर बेहिसाब खा लेते हैं कि उन्हें दिन भर भूखा रहना है. इतना ही नहीं, शाम को इफ्तार के समय भी वह ऐसा ही करते हैं और पेट भर के खाना खा लेते हैं. लेकिन इन सबका असर सीधे हमारी आंतों पर पड़ता है. जो लोग रोजा रखने के दौरान इस तरह से आवश्यकता से अधिक खा-पी लेते हैं, उनका वजन बढ़ जाता है.
किसका वजन घटता है?
जिस तरह सुबह-शाम बेहिसाब खाने-पीने से रोजा रखने वाले लोगों का वजन बढ़ जाता है, उसी तरह जो लोग सहरी और इफ्तारी के समय संतुलित आहार नहीं लेते हैं, उनका वजन घटने लगता है. हालांकि, सवाल-जवाब वाली वेबसाइट Quora पर एक शख्स ने अपना अनुभव बताया है, जिसमें उसने दोनों टाइम ठीक वैसा ही खाना खाया, जैसा वह सामान्य दिनों में खाता था. उसने पाया कि ऐसा करने से उसका वजन घटा है, जबकि जब उसने अधिक खाया था, तब उसका वजन बढ़ गया था. अब सवाल ये उठता है कि आखिर रोजा के लिए संतुलित आहार क्या होता...
इस्लामिक कैलेंडर का नवां महीना सबसे पाक होता है, जिसे रमजान (Ramadan) कहा जाता है. इस साल रमजान की शुरुआत 17 मई से हो रही है जो 30 दिन तक चलेगा. रमजान का महीना शुरू होते ही मुस्लिम रोजा रखना शुरू कर देते हैं. रोजा में सुबह की नमाज के बाद यानी सहरी के बाद और शाम की नमाज से पहले यानी इफ्तार से पहले कुछ खा-पी नहीं सकते हैं. सुबह से लेकर शाम तक पानी की एक बूंद भी नहीं पी सकते. ऐसे में लोगों को लगता है कि जो लोग रोजा रखते हैं, उनका वजन तो काफी तेजी से कम होता होगा, लेकिन वास्तविकता ये नहीं है. रोजा में किसी का वजन घटता है और किसी का वजन बढ़ता है.
किसका बढ़ता है वजन?
रोजा के दौरान खाने-पीने को लेकर एक अनुशासन का पालन करना होता है. सुबह के समय यानी सहरी के वक्त नाश्ते की तरह ही खाना खाना चाहिए. डायटिशन डॉ अनीता लाम्बा के अनुसार कई लोग सुबह-सुबह ये सोचकर बेहिसाब खा लेते हैं कि उन्हें दिन भर भूखा रहना है. इतना ही नहीं, शाम को इफ्तार के समय भी वह ऐसा ही करते हैं और पेट भर के खाना खा लेते हैं. लेकिन इन सबका असर सीधे हमारी आंतों पर पड़ता है. जो लोग रोजा रखने के दौरान इस तरह से आवश्यकता से अधिक खा-पी लेते हैं, उनका वजन बढ़ जाता है.
किसका वजन घटता है?
जिस तरह सुबह-शाम बेहिसाब खाने-पीने से रोजा रखने वाले लोगों का वजन बढ़ जाता है, उसी तरह जो लोग सहरी और इफ्तारी के समय संतुलित आहार नहीं लेते हैं, उनका वजन घटने लगता है. हालांकि, सवाल-जवाब वाली वेबसाइट Quora पर एक शख्स ने अपना अनुभव बताया है, जिसमें उसने दोनों टाइम ठीक वैसा ही खाना खाया, जैसा वह सामान्य दिनों में खाता था. उसने पाया कि ऐसा करने से उसका वजन घटा है, जबकि जब उसने अधिक खाया था, तब उसका वजन बढ़ गया था. अब सवाल ये उठता है कि आखिर रोजा के लिए संतुलित आहार क्या होता है?
ये खाएं रोजा में, नहीं होगी कोई दिक्कत
रोजे के दौरान सुबह अंडा, दूध, पराठा, फल आदि खा सकते हैं, यानी सामान्य दिनों जैसा नाश्ता कर सकते हैं. वहीं जब शाम को इफ्तार के दौरान आप रोजा खोलें तो शुरुआत खजूर से करें. खजूर में आयरन होता है, जो शरीर को ऊर्जा देता है. उसके बाद आप जूस और फल खा सकते हैं. इफ्तार के लिए इतना बहुत है. इसके कुछ घंटों बाद आप सामान्य दिनों की तरह पूरा खाना खा सकते हैं.
क्या नहीं खाने की दी जाती है सलाह?
लोगों में यह कंफ्यूजन अक्सर देखने को मिलता है कि आखिर रोजा के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. ऊपर आपको ये तो पता चल ही चुका है कि कैसा खाना और कैसे खाना चाहिए. अब जानते हैं रोजा में क्या नहीं खाना चाहिए. रोजा के दौरान कभी तली हुई चीजें नहीं खानी चाहिए. बिरयानी, कबाब और फास्टफूड से भी बचना चाहिए. ज्यादा कॉफी या सोडा पीने से भी दिक्कत हो सकती है. ऐसा करने वालों की तबियत खराब हो सकती है, क्योंकि पूरे दिन आप कुछ नहीं खाते और फिर अचानक से बहुत कुछ खा लेते हैं.
रोजा में लोग पानी तक नहीं पीते हैं, इसकी वजह से कुछ लोगों को डिहाइड्रेशन भी हो जाता है. लेकिन कुछ चीजों का ध्यान रखकर आप डिहाइड्रेशन से बच सकते हैं. सबसे जरूरी तो यही है कि आप संतुलित आहार लें. दूसरी चीज ये कि रोजा को पेय पदार्थ से खोलें. अगर नायरियल पानी या नींबू पानी पिएंगे तो बेहतर होगा. दिन में जितना कम हो सके, उतना कम भाग-दौड़ वाले काम करें, ताकि पानी की कमी से खुद को बचा सकें. चाय-कॉपी को पूरी तरह से ना बोलें और फलों के जूस पिएं, जो कमजोरी नहीं आने देंगे और डिहाइड्रेशन से भी बचाएंगे.
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