हमारे समाज में कहा जाता है कि लड़कों को गर्लफ्रेंड तो मॉडर्न चाहिए, लेकिन पत्नी घरेलू. मेरी बात से सहमत होने के अलावा आपके पास कोई चॉइस नहीं है. क्योंकि यही सच है.
मेरा एक कजिन है. एक बार उसे शादी के लिए कहा कि- तेरी कोई गर्लफ्रेंड हो तो बता दे, उसी से शादी करवा देंगे. वो कहता है- इनसे तो डेटिंग कर रहा हूं, शादी तो किसी घरेलू लड़की से ही करूंगा. हमने पूछा क्यों ये गर्लफ्रेंड अच्छी नहीं है क्या ? वो बोला- गर्लफ्रेंड तो अच्छी है, लेकिन मनपसंद खाना तो घरेलू लड़की ही देगी न!
पड़ोस वाली आंटी भी अपने पढ़े-लिखे इंजीनियर बेटे के लिए पढ़ी-लिखी इंजीनियर बहू नहीं बल्कि पढ़ी-लिखी घरेलू लड़की ढ़ूंढ़ रही हैं.
खैर ये तो उदाहरण हैं बहुत ही सामान्य और आम घरों के. आप कहेंगे कि नहीं जमाना बदल गया है. अब लड़के लड़कियां सब बराबर हैं. लड़कियां सब पढ़-लिख गई हैं, कोई घर में खाना नहीं बनाती, सब जॉब वाली हैं....वगैरह-वगैरह. लेकिन फिर भी सुई सबकी घरेलू लड़कियों पर ही अटकती है.
आम लोगों की बात क्यों करें, बॉलीवुड सेलिब्रिटीज़ को ही ले लें. वो भले ही अपने साथ काम करने वाली, उतने ही पैसे कमाने वाली इंटरनेश्नल लेवल की एक्ट्रेस से शादी क्यों न कर लें, लेकिन जब उन्हें पता चलता है कि लड़की टेलेंटेड और कमाऊ होने के साथ-साथ घरेलू भी है, तो समझिए जैसे उनकी लॉटरी लग गई हो. मैं बात कर रही हूं रणवीर सिंह की जिन्होंने हाल ही में 6 साल की रिलेशनशिप के बाद दीपिका पादुकोण से शादी की है.
एक मैगज़ीन को दिए गए इंटरव्यू में रणवीर ने दीपिका के बारे में कहा कि वो इतनी घरेलू हैं कि i love it...i love it !! ये बात कहते हुए वो इतने खुश थे...इतने खुश थे कि आप खुद ही देख...
हमारे समाज में कहा जाता है कि लड़कों को गर्लफ्रेंड तो मॉडर्न चाहिए, लेकिन पत्नी घरेलू. मेरी बात से सहमत होने के अलावा आपके पास कोई चॉइस नहीं है. क्योंकि यही सच है.
मेरा एक कजिन है. एक बार उसे शादी के लिए कहा कि- तेरी कोई गर्लफ्रेंड हो तो बता दे, उसी से शादी करवा देंगे. वो कहता है- इनसे तो डेटिंग कर रहा हूं, शादी तो किसी घरेलू लड़की से ही करूंगा. हमने पूछा क्यों ये गर्लफ्रेंड अच्छी नहीं है क्या ? वो बोला- गर्लफ्रेंड तो अच्छी है, लेकिन मनपसंद खाना तो घरेलू लड़की ही देगी न!
पड़ोस वाली आंटी भी अपने पढ़े-लिखे इंजीनियर बेटे के लिए पढ़ी-लिखी इंजीनियर बहू नहीं बल्कि पढ़ी-लिखी घरेलू लड़की ढ़ूंढ़ रही हैं.
खैर ये तो उदाहरण हैं बहुत ही सामान्य और आम घरों के. आप कहेंगे कि नहीं जमाना बदल गया है. अब लड़के लड़कियां सब बराबर हैं. लड़कियां सब पढ़-लिख गई हैं, कोई घर में खाना नहीं बनाती, सब जॉब वाली हैं....वगैरह-वगैरह. लेकिन फिर भी सुई सबकी घरेलू लड़कियों पर ही अटकती है.
आम लोगों की बात क्यों करें, बॉलीवुड सेलिब्रिटीज़ को ही ले लें. वो भले ही अपने साथ काम करने वाली, उतने ही पैसे कमाने वाली इंटरनेश्नल लेवल की एक्ट्रेस से शादी क्यों न कर लें, लेकिन जब उन्हें पता चलता है कि लड़की टेलेंटेड और कमाऊ होने के साथ-साथ घरेलू भी है, तो समझिए जैसे उनकी लॉटरी लग गई हो. मैं बात कर रही हूं रणवीर सिंह की जिन्होंने हाल ही में 6 साल की रिलेशनशिप के बाद दीपिका पादुकोण से शादी की है.
एक मैगज़ीन को दिए गए इंटरव्यू में रणवीर ने दीपिका के बारे में कहा कि वो इतनी घरेलू हैं कि i love it...i love it !! ये बात कहते हुए वो इतने खुश थे...इतने खुश थे कि आप खुद ही देख लीजिए.
देखा जाए तो रणवीर सिंह ने ये उम्मीद नहीं की होगी कि दीपिका घरेलू हैं. और उनकी नजरों में घरेलू की क्या परिभाषा है वो भी उनके इंटरव्यू का पूरा वीडियो आने के बाद ही पता चलेगा. लेकिन ये 'घरेलू' शब्द ही अपने आप में काफी संतोष देने वाला लगता है. रणबीर के भाव खुद बता रहे हैं. अब दीपिका दुनिया की सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाली महिलाओं में पांचवें स्थान पर हैं. बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक की फिल्में करती हैं. चोटी की हीरोइन हैं. शादी होने के बाद रणवीर उनसे घरेलू पत्नी की उम्मीद तो नहीं कर सकते. कपिल देव की बायोपिक में कपिल का रोल निभा रहे हैं और चाहते हैं कि दीपिका इस प्रोजेक्ट में उनका साथ दें. वो कपिल देव की पत्नी की भूमिका में दीपिका को अपने साथ चाहते हैं. यानी वो दीपिका को अपने साथ काम करते देखना चाहते हैं. ऐसे में रणवीर उनसे घरेलू होने की उम्मीद भले ही न करें लेकिन अगर दीपिका घरेलू हैं तो उससे वो कितने ज्यादा खुश हैं.
कुछ समय पहले टाइगर श्रॉफ ने भी एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा था, "मैं गांव की लड़की से शादी करना चाहूंगा. जब मैं घर पहुंचूं तो वह मेरी मालिश करे, और मुझे आराम मिले. वह घर पर रहे. घर को साफ सुथरा रखे और मुझे घर का पका खाना खिलाए. मुझे 'हाउसवाइफ टाइप' की लड़कियां पसंद हैं." टाइगर भी आज के जमाने के स्टार हैं, गर्लफ्रेंड उनकी हॉट और सेक्सी दिशा पटानी हैं, लेकिन शादी वो एक घरेलू लड़की से ही करना चाहेंगे.
दरअसल इंसान चाहे कितना भी अमीर या सफल क्यों न हो जाए वो अपनी पत्नी से उम्मीद आम इंसानों वाली ही करता है. सभी को अपने जीवन साथी से बहुत सारी अपेक्षाएं होती हैं, लेकिन घरेलु होना इनमें सबसे कॉमन है. आजकल लड़कियां चाहे कितनी भी आत्मनिर्भर बन जाएं, कितनी भी पढ़-लिख जाएं, कितनी ही अच्छी नौकरी पर हों और कितने ही पैसे क्यों न कमाती हों, लेकिन वो बेस्ट तभी कहलाती हैं जब वो घरेलू हों. अब 'घरेलू' होने के मायने सबकी डिक्शनरी में अलग-अलग होते हैं. लेकिन जिस हिसाब से महिलाएं तरक्की कर रही हैं, आज के समाज के लिए महिलाओं का घरेलू होना किसी बोनस से कम नहीं है.
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