रेप. ये एक ऐसा शब्द है जिसे सुनते ही मन घृणा से भर उठता है. जिसके साथ ये घिनौना अपराध होता है, उसके बारे सोचकर ही रुह तक कांप जाती है. लेकिन हमारे यहां का एक कड़वा सच ये है कि अपराधी को कोई सज़ा नहीं होती. वो खुला घुमता है और पीड़िता अपराधी बन दुनिया की नजरों से खुद को बचाती फिरती है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने ताजा आदेश में कहा है कि रेपिस्ट और पीड़िता के बीच समझौता हो जाने के बाद भी रेप का केस बंद नहीं किया जा सकता. लेकिन, क्या इतनी सख्ती काफी है?
देश की त्रासदी यही है कि हमारे यहां रेप के खिलाफ कानून तो है लेकिन उसके तोड़ उससे भी आसान हैं. रेप से बचने का एक सबसे आसान उपाय है रेपिस्ट का पीड़ित से शादी कर लेना. बस सारे उसके पाप धुल जाते हैं और पीड़िता की भी लुटी हुई इज्जत बच जाती है. 2013 में पास हुए एंटी रेप बिल में तो अपराधी को मौत की सज़ा का प्रावधान है. लेकिन उसकी हालत हाथी के दांत वाली है. दिखाने के कुछ और, खाने के कुछ और. होता कुछ नहीं. अपराधी बेधड़क अपना काम कर रहे और कानून लकीर पीटने में लगा है.
कई देशों में रेप के खिलाफ सख्त कानून हैं
लेकिन दुनिया में ऐसे कई देश हैं जहां रेप के खिलाफ सख्त कानून भी हैं और उन्हें लागू भी उसी सख्ती से किया जाता है. आइए बताते हैं उन कुछ चुनिंदा देशों के बारे में-
1- उत्तर कोरिया
इसे हम सभी एक तानाशाह देश के रुप में जानते हैं. लेकिन इस तानाशाह देश की एक खासियत ये है कि यहां रेपिस्टों के लिए रहम की कोई गुंजाइश नहीं है. यहां रेपिस्टों को अधिकारी तुरंत ही सर में गोली मारकर सजा देते हैं.
रेपिस्ट को गोली मार दी जाती है
2- चीन
एक और ऐसा देश जो हमारे कयासों के लिए ही खुला है. खुद को ये कई परतों में बंद रखता है. लेकिन रेपिस्टों के लिए यहां भी कोई दया की गुंजाइश नहीं होती. अगर अपराध साबित हो गया तो अपराधी के लिए बचने का कोई रास्ता नहीं. अधिकारियों द्वारा इन्हें गर्दन और पीठ के ज्वाइंट पर गोली मारी जाती है. और अगर अपराधियों को इतनी आसान मौत ना देनी हो तो उनका बधिया (Castration) कर दिया जाता है.
रेपिस्ट को मौत की सजा दी जाती है
लेकिन कमियां यहां भी हैं. न्याय पाना यहां भी आसान नहीं है और कई बेगुनाहों को इस निरंकुश सरकार के कड़े कानून की बलि चढ़ा दी जाती है.
3- सऊदी अरब
रेपिस्टों से निपटने का सऊदी का एक ही तरीका है. अपराध साबित हुआ और सर को धड़ से अलग कर दिया. खेल खत्म.
रेपिस्ट का सर धड़ से अलग कर देते हैं4- अफगानिस्तान
अफगानिस्तान में तुरंत न्याय का रुल है. इनका ट्रायल चार दिन से ज्यादा नहीं चलता. इसके बाद अपराधी को सीधा सर में गोली मारी जाती है.
चार दिन में सजा सुना दी जाती है
5- अमेरिका
अमेरिका में राज्यों के और पूरे देश का अलग-अलग कानून है. यहां रेप केस अगर फेडरल लॉ यानि की राज्य के कानून में पड़ता है तो अपराधी को कुछ सालों से लेकर उम्र-कैद की सज़ा हो सकती है. लेकिन देश का कानून राज्य के कानून से अलग होता है.
फेडरल और स्टेट लॉ अलग-अलग हैं
6- मिस्र
मिस्र के लोगों का मानना है कि रेप के केस में मौत से कम कोई सजा नहीं हो सकती. और इसलिए वहां रेपिस्टों को फांसी की सजा दी जाती है.
मौत से कम कोई सजा नहीं7- ईरान
ईरान में इस्लामिक कानूनों को बड़ी ही कड़ाई से लागू करता है. चाहे वो औरतों के हिजाब पहनने का कानून हो या रेपिस्ट को मौत की सजा देने का. इस्लाम में रेपिस्ट को मौत की सज़ा देने की बात कही गई है.
इस्लामिक कानून का सख्ती से पालन करते हैं
इस्लामिक कानून के मुताबिक अपराध साबित होने पर यहां भी मौत की सजा दी जाती है. लेकिन अगर पीड़िता मुआवजा लेकर केस खत्म करने पर राजी हो जाती है तो अपराधी मौत की सजा से मुक्त हो जाता है. इस हालत में फिर अपराधी को 100 कोड़ों की सजा और कभी-कभी जेल की सजा के बाद छोड़ दिया जाता है.
ये सच है कि सख्त कानून लाने के कुछ नुकसान भी हैं. कई बार कुछ मासूमों को किसी और के किए की सज़ा भुगतनी पड़ जाती है लेकिन लोगों के दिलों में कानून का डर पैदा करना भी बहुत जरुरी होता है. और अपराधी को कानून के खौफ में रखने के लिए एक सख्त सजा और जल्दी न्याय दोनों जरूरी हैं.
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