ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जब भी कोई महिला पढ़ती है या देखती है तो वो जागरुक तो हो जाती है लेकिन महिला मन के एक कोने में एक ही बात होती है कि 'ब्रेस्ट कैंसर मुझे नहीं हो सकता.' सवाल ये कि क्यों नहीं हो सकता? अफसोस की बात ये है कि महिलाओं में breast cancer होने के कई कारण हैं, जिन्हें अक्सर नजरंदाज कर दिया जाता है.
Breast cancer भारतीय महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है. करीब 28 में से 1 महिला को अपने जीवन में breast cancer होने की संभावना हो सकती है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार जहां शहरों में 22 में से 1 महिला जबकि ग्रामीण इलाकों में 60 में से 1 महिला में breast cancer होता है. महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की संभावना तीस साल की उम्र होते ही और 50 से 64 वर्ष की उम्र में बढ़ जाती है.
वजहें, जिससे breast cancer होता है
Breast cancer की असल वजह तो अभी तक पता नहीं चली है. हालांकि ऐसे बहुत से कारक हैं जो इसके रिस्क को बढ़ा देते हैं. इस रोग के होने की संभावना हमारे जीन्स, शरीर, जीवन शैली, आदतों पर निर्भर करती है. लेकिन समझ लीजिए कि इसके होने का सबसे बड़ा रिस्क तो आपका महिला होना ही है.
महिला होना
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ही ब्रेस्ट कैंसर ज्यादा होता है, इसलिए आप हमेशा ही रिस्क में रहेंगी.
उम्र
जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, ये खतरा और भी बढ़ता जाता है. अब तक 50 की उम्र से ज्यादा की महिलाओं में ही breast cancer सबसे ज्यादा देखा गया है.
लंबाई
Breast cancer काफी हद तक महिला की लंबाई पर भी निर्भर करता है. जिन महिलाओं की लंबाई...
ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जब भी कोई महिला पढ़ती है या देखती है तो वो जागरुक तो हो जाती है लेकिन महिला मन के एक कोने में एक ही बात होती है कि 'ब्रेस्ट कैंसर मुझे नहीं हो सकता.' सवाल ये कि क्यों नहीं हो सकता? अफसोस की बात ये है कि महिलाओं में breast cancer होने के कई कारण हैं, जिन्हें अक्सर नजरंदाज कर दिया जाता है.
Breast cancer भारतीय महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है. करीब 28 में से 1 महिला को अपने जीवन में breast cancer होने की संभावना हो सकती है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार जहां शहरों में 22 में से 1 महिला जबकि ग्रामीण इलाकों में 60 में से 1 महिला में breast cancer होता है. महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की संभावना तीस साल की उम्र होते ही और 50 से 64 वर्ष की उम्र में बढ़ जाती है.
वजहें, जिससे breast cancer होता है
Breast cancer की असल वजह तो अभी तक पता नहीं चली है. हालांकि ऐसे बहुत से कारक हैं जो इसके रिस्क को बढ़ा देते हैं. इस रोग के होने की संभावना हमारे जीन्स, शरीर, जीवन शैली, आदतों पर निर्भर करती है. लेकिन समझ लीजिए कि इसके होने का सबसे बड़ा रिस्क तो आपका महिला होना ही है.
महिला होना
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ही ब्रेस्ट कैंसर ज्यादा होता है, इसलिए आप हमेशा ही रिस्क में रहेंगी.
उम्र
जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, ये खतरा और भी बढ़ता जाता है. अब तक 50 की उम्र से ज्यादा की महिलाओं में ही breast cancer सबसे ज्यादा देखा गया है.
लंबाई
Breast cancer काफी हद तक महिला की लंबाई पर भी निर्भर करता है. जिन महिलाओं की लंबाई ज्यादा होती है उनमें breast cancer होने का खतरा बाकियों से ज्यादा होता है. उसी तरह, अगर महिला की लंबाई कम है तो breast cancer का खतरा भी कम हो जाता है.
पीरियड जल्दी आना
जिन लड़कियों को puberty जल्दी होती है यानी पीरियड कम उम्र में ही आ जाते हैं उनमें breast cancer होने क खतरा थोड़ा ज्यादा होता है. यूं समझिए पीरियड आने की उम्र जितनी कम रही होगी, breast cancer का खतरा उतना ही ज्यादा होगा.
Genetics या आनुवंशिकी
कैंसर को अनुवांशिक माना गया है. यानी अगर आपकी फैमिली में कैंसर की हिट्री रही है तो फिर कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती हैं. कैंसर से पीड़ित महिलाओं में से 15% महिलाओं के परिवार में कैंसर की history रही है. वहीं 20 में से 1 महिला को एक दोषयुक्त जीन विरासत में मिलता है जो ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ा होता है. जिन महिलाओं को BRCA1 या BRCA2 जैसे स्तन कैंसर जीन दोष विरासत में मिले हैं, उनमें स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.
breast density ज्यादा होना या ब्रेस्ट बड़े होना
ब्रेस्ट में टिशू की मात्रा को ‘breast density' कहा जाता है. breast density ज्यादा होना और फैट कम होना स्तन कैंसर के लिए सबसे ज्यादा रिस्की माना गया है. स्तन का आकार समय के साथ धीरे-धीरे कम हो जाता है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इससे कैंसर का रिस्क भी कम हो जाता है. बल्कि कैंसर के लिए उम्र भी एक रिस्क फैक्टर है.
Menopause देर से आना
जिन महिलाओं में menopause यानी रजोनिवृत्ति औसत उम्र के बाद आती है उनमें स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. यानी जितना देर से मेनोपॉज होगा उतना कैसर का खतरा बढ़ेगा. लेकिन यह प्रभाव छोटा और क्रमिक होता है. वो इसलिए क्योंकि शायद ये महिलाएं बाकी महिलाओं की तुलना में ज्यादा समय तक महिला हार्मोन एस्ट्रोजन के संपर्क में रहती हैं.
रंग
सांवले रंग की महिला की तुलना में गोरे रंग की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है.
ऊपर बताए हुए ये सभी कारण ऐसे हैं जिसपर किसी का वश नहीं है. उसे बदला नहीं जा सकता. लेकिन हर महिला को ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पता जरूर होना चाहिए. कि इसके लक्षण क्या हैं क्योंकि जितनी जल्दी आपको कैंसर के बारे में पता चलेगा उसका इलाज भी उतना ही जल्दी और आसान होगा.
breast density ज्यादा होना स्तन कैंसर के लिए सबसे ज्यादा रिस्की माना गया है
कारण जिन्हें आप बदल सकती हैं
- ब्रेस्ट कैंसर को बढ़ावा देने वाले कारणों में वजन बढ़ना, व्यायाम न करना, शराब पीना, हॉर्मोन बदलवाना, गर्भनिरोधक गोलियां खाना, रेडिएशन, रेडियोथेरेपी, तनाव और शिफ्ट में काम करना है.
- गर्भावस्था और स्तनपान कैंसर के रिस्क को कम करते हैं. जितनी जल्दी गर्भधारण होगा और जितने ज्यादा गर्भधारण होंगे उतना ही ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क कम होगा. वहीं ये भी कहा जाता है कि ब्रेस्टफीडिंग ज्यादा करवाई जाएगी तो कैंसर का रिस्क कम होगा.
इसलिए भले ही ब्रेस्ट कैंसर के कारण न मालूम हों, लेकिन इतना जरूर है कि नियमित रूप से व्यायाम करके, सही वजन मेनटेन करके, सिगरेट-शराब न पीकर कोई भी महिला इस रिस्क को कम कर सकती है.
ब्रेस्ट कैंसर को खत्म नहीं किया जा सकता लेकिन इसके बारे में जल्दी पता जरूर लगाया जा सकता है. जिससे सही समय पर इलाज मिल सके. वरना देर हो जाने पर ये खतरनाक हो सकता है.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.