जहां हम चीन की सारी चीज़ो पर बैन लगते हैं. इस्तेमाल करने से पहले सौ बार सोचते हैं. उसी चीन से आया हुआ पौधा हमारे जीवन का एक हिस्सा बन जायेगा कहां किसी को पता था. मैं बात कर रही हूं बंबूसा बुलगारिस की. चौकिये मात इस पौधे को आप भी जानते हैं जिसको हम रोज़ पार्क जंगल में असानी से देख पाते हैं. इतना ही नहीं 25-30 मीटर लंबी इस घास यापौधे को हम खा भी सकते हैं. सुनने में भले अजीब लगे पर पांडा के अलावा भी बहुत जगह पर इस की सब्जी सूपबनाते हैं और लोग इसे बहुत चाव के साथ खाते हैं. इसके अपने फायदे भी हैं. इनमे काफी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं, बच्चों की लम्बाई भी बढ़ती है. अब तो आप समझ ही गए होंगे की यह बंबूसा बुलगारिस कौन है.
हां मै हरे सोने बांस की ही बात कर रही हूं. बांस का आपना एक दिन भी होता है जो की विश्व भर में मनाया जाता है. 18 सितम्बर 2009 में वर्ल्ड बैंबू डे को मनाने की शुरुआत की गई. पिछले कुछ सालों से देश भर में बांस की खेती का ट्रेंड बना हुआ है अब तो सरकार भी इससे प्रमोट कर रही है.
वास्तव में बांस की खेती में मेहनत बहुत कम होने और कमाई बहुत अच्छी होने की वजह से देश भर में बांस की खेती का क्रेज है. मध्य प्रदेश सरकार ने बांस की खेती पर 50 फ़ीसदी की सब्सिडी उपलब्ध कराने की घोषणा की है.
अब तो किसानों के अलावा आम लोग भी बांस का समान उपयोग करना पसंद कर रहे हैं. चाहे घर में सजावट का सामान हो या कंघी जैसी छोटी चीज, बांस से बनी चीजें लोगों को खूब पसंद आ रही हैं. लेकिन हमारे बीच ऐसे लोगों की भी कोई कमी नहीं है जो इसकी खूबियों को नजरअंदाज कर रहे हैं जिससे किसान...
जहां हम चीन की सारी चीज़ो पर बैन लगते हैं. इस्तेमाल करने से पहले सौ बार सोचते हैं. उसी चीन से आया हुआ पौधा हमारे जीवन का एक हिस्सा बन जायेगा कहां किसी को पता था. मैं बात कर रही हूं बंबूसा बुलगारिस की. चौकिये मात इस पौधे को आप भी जानते हैं जिसको हम रोज़ पार्क जंगल में असानी से देख पाते हैं. इतना ही नहीं 25-30 मीटर लंबी इस घास यापौधे को हम खा भी सकते हैं. सुनने में भले अजीब लगे पर पांडा के अलावा भी बहुत जगह पर इस की सब्जी सूपबनाते हैं और लोग इसे बहुत चाव के साथ खाते हैं. इसके अपने फायदे भी हैं. इनमे काफी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं, बच्चों की लम्बाई भी बढ़ती है. अब तो आप समझ ही गए होंगे की यह बंबूसा बुलगारिस कौन है.
हां मै हरे सोने बांस की ही बात कर रही हूं. बांस का आपना एक दिन भी होता है जो की विश्व भर में मनाया जाता है. 18 सितम्बर 2009 में वर्ल्ड बैंबू डे को मनाने की शुरुआत की गई. पिछले कुछ सालों से देश भर में बांस की खेती का ट्रेंड बना हुआ है अब तो सरकार भी इससे प्रमोट कर रही है.
वास्तव में बांस की खेती में मेहनत बहुत कम होने और कमाई बहुत अच्छी होने की वजह से देश भर में बांस की खेती का क्रेज है. मध्य प्रदेश सरकार ने बांस की खेती पर 50 फ़ीसदी की सब्सिडी उपलब्ध कराने की घोषणा की है.
अब तो किसानों के अलावा आम लोग भी बांस का समान उपयोग करना पसंद कर रहे हैं. चाहे घर में सजावट का सामान हो या कंघी जैसी छोटी चीज, बांस से बनी चीजें लोगों को खूब पसंद आ रही हैं. लेकिन हमारे बीच ऐसे लोगों की भी कोई कमी नहीं है जो इसकी खूबियों को नजरअंदाज कर रहे हैं जिससे किसान भी कहीं न कहीं इससे दूर भाग रहे हैं.
एक कहावत तो आपने भी सुनी होगी करम करते जाओ फाल की इच्छा ना करो. कुछ ऐसा ही रिश्ता है किसानो और बांस की खेती का...क्योंकि भले ही यह एक दिन में 0.5 इंच बढ़ता हो पर इसकी फसल लगने मे 3 साल का वक्त लग जाता है. भले ही कम पानी ज़क्त युक्त ज़मीन में यह उगता हो पर जो यह समय लगता है उतने ही समय में किसान कुछ और करके पेट भर लेता है.
एक तीखे पत्तों वाला यह पेड़
क्या कहे समझने वाला पेड़
समय की अहमियत बतलाने वाला पेड़
सबसे ज्यादा कमाई करवाने वाला यह पेड़
अब यह घास है की पेड़
पहेली बुझाने वाला पेड़
हां यह है बांस का पेड़
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.