भारत में एक्सिडेंट एक आम बात है. एनसीआरबी के डेटा (2015) को देखें तो हर घंटे 17 लोग और दिन भर में 410 लोग भारत में सिर्फ एक्सिडेंट के कारण मारे गए. इसके अलावा, जखमी हुए लोग या सिर्फ ऐसे लोग जिनका कार ठुकने की वजह से कोई न कोई नुकसान हुआ हो वो असंख्य हैं. कई बार एक्सपर्ट ड्राइवर भी आसानी से कार का एक्सिडेंट कर देता है और इसमें उसकी गलती भी नहीं होती.
पर आखिर सबसे ज्यादा रिस्क कब होता है जब कोई मंझा हुआ ड्राइवर भी आसानी से गाड़ी पर से कंट्रोल खो देता है?
1. ध्यान हटना..
अधिकतर कार एक्सिडेंट इस कारण होते हैं क्योंकि ड्राइवर का ध्यान रोड पर से हट जाता है, ये या तो किसी से बात करने के लिए, फोन का इस्तेमाल करते हुए, तंबाखू खाते हुए, सड़क पर चल रही किसी और गाड़ी के ड्राइवर को गाली देते हुए किसी भी कारण से हो सकता है.
भारत में जहां इतनी सारी चीजें एक साथ रोड पर हो रही होती हैं वहां ड्राइवर का ध्यान हटना स्वाभाविक है.
2. ड्रंक ड्राइविंग..
ये भारत में मौत का सबसे आम कारण है. हर दिन भारतीय सड़कों पर 19 लोग ड्रंक ड्राइविंग का शिकार होते हैं और मारे जाते हैं. एल्कोहॉलिज्म भारत की समस्या वैसे भी है, लेकिन ये समस्या गाड़ी चलाने वालों को सबसे ज्यादा परेशान कर सकती है. इसमें टू-व्हीलर ड्राइवर भी शामिल हैं.
3. तेज़ ड्राइविंग..
गाड़ी की स्पीड का ध्यान रखें ये सुरक्षा चेतावनी हमेशा दी जाती है पर ये कितनी फॉलो होती है ये तो सभी को पता है. तेज़ी से पीछे से आते हुए कट मारकर जाना, स्पीड ब्रेकर जंप करना, रेड लाइट तोड़ना और किसी भी समय सीट बेल्ट का उपयोग न करना. ये सब कुछ एक्सिडेंट के कारण होते हैं और कई बार ड्राइवर सिर्फ ओवर कॉन्फिडेंस में ही मारे जाते हैं.
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भारत में एक्सिडेंट एक आम बात है. एनसीआरबी के डेटा (2015) को देखें तो हर घंटे 17 लोग और दिन भर में 410 लोग भारत में सिर्फ एक्सिडेंट के कारण मारे गए. इसके अलावा, जखमी हुए लोग या सिर्फ ऐसे लोग जिनका कार ठुकने की वजह से कोई न कोई नुकसान हुआ हो वो असंख्य हैं. कई बार एक्सपर्ट ड्राइवर भी आसानी से कार का एक्सिडेंट कर देता है और इसमें उसकी गलती भी नहीं होती.
पर आखिर सबसे ज्यादा रिस्क कब होता है जब कोई मंझा हुआ ड्राइवर भी आसानी से गाड़ी पर से कंट्रोल खो देता है?
1. ध्यान हटना..
अधिकतर कार एक्सिडेंट इस कारण होते हैं क्योंकि ड्राइवर का ध्यान रोड पर से हट जाता है, ये या तो किसी से बात करने के लिए, फोन का इस्तेमाल करते हुए, तंबाखू खाते हुए, सड़क पर चल रही किसी और गाड़ी के ड्राइवर को गाली देते हुए किसी भी कारण से हो सकता है.
भारत में जहां इतनी सारी चीजें एक साथ रोड पर हो रही होती हैं वहां ड्राइवर का ध्यान हटना स्वाभाविक है.
2. ड्रंक ड्राइविंग..
ये भारत में मौत का सबसे आम कारण है. हर दिन भारतीय सड़कों पर 19 लोग ड्रंक ड्राइविंग का शिकार होते हैं और मारे जाते हैं. एल्कोहॉलिज्म भारत की समस्या वैसे भी है, लेकिन ये समस्या गाड़ी चलाने वालों को सबसे ज्यादा परेशान कर सकती है. इसमें टू-व्हीलर ड्राइवर भी शामिल हैं.
3. तेज़ ड्राइविंग..
गाड़ी की स्पीड का ध्यान रखें ये सुरक्षा चेतावनी हमेशा दी जाती है पर ये कितनी फॉलो होती है ये तो सभी को पता है. तेज़ी से पीछे से आते हुए कट मारकर जाना, स्पीड ब्रेकर जंप करना, रेड लाइट तोड़ना और किसी भी समय सीट बेल्ट का उपयोग न करना. ये सब कुछ एक्सिडेंट के कारण होते हैं और कई बार ड्राइवर सिर्फ ओवर कॉन्फिडेंस में ही मारे जाते हैं.
4. नींद..
न्यूयॉर्क स्टेट डिपार्टमेंट के डिपार्टमेंट ऑफ मोटर व्हीकल्स ने वाहन चालकों के लिए खास एडवाइजरी जारी की है. इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक उन ड्राइवर्स को बताया है जिनको नींद की बीमारी हो, जो ठीक से सो नहीं पाए अथवा थके हुए हैं, जिन्हें रात को ज्यादा जागने की आदत नहीं है.
नींद से जुड़ी दुर्घटनाओं के केस सबसे ज्यादा युवाओं के साथ होते हैं जो देर तक जागते हैं, बहुत कम सोते हैं और देर रात को ड्राइव करते हैं.
5. जानवर..
भारतीय सड़कों पर हर तरह के जानवर मिल जाएंगे. आजकल जैसा माहौल है उसमें गाय को टक्कर मारने से बेहतर खुद गाड़ी लेकर कहीं भिड़ जाओ. भारतीय रोड पर जानवर बहुत बड़ा कारण होते हैं एक्सिडेंट के खतरे बढ़ाने का. इसपर सोने पर सुहागा वो कंस्ट्रक्शन होता है जो आजकल हर शहर में जोरों पर है.
6. सड़क और गड्ढे..
भारतीय सड़कों की बात हो रही हो और गड्ढों और सड़क के हालात की बात न की जाए ऐसा तो हो ही नहीं सकता. बारिश के वक्त तो ये और भी ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं. गड्ढे इसलिए भी खराब होते हैं क्योंकि उनका कुछ नहीं किया जा सकता. कितनी भी कोशिश करें वो ड्राइवर के सामने आ ही जाते हैं और कई तो जानलेवा साबित होते हैं.
7. संयम न रहना..
अगर कोई गाड़ी आगे जा रही है तो बस उसके एकदम पास अपनी गाड़ी ले जाएं और ऐसे चिपका कर गाड़ी चलाएं कि बस अगर सामने वाली गाड़ी ने ब्रेक मारा तो आपकी गाड़ी पर लगेगी ही. ये आम तौर पर भारतीय धारणा है.
8. डिजाइनिंग की समस्या..
भारत की गाड़ियां सबसे ज्यादा अनसेफ होती हैं. सुरक्षा स्टैंडर्ड की बात करें तो भारतीय गाड़ियों में उन्हें ताक पर रखा जाता है और ये भी एक्सिडेंट का एक बड़ा कारण होती हैं.
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