व्यक्ति चाहे कोई भी हो, यदि उसे फैशन की जरा भी समझ होगी तो अवश्य ही उसने 'मिस अमेरिका' प्रतियोगिता का नाम सुना होगा. 'मिस अमेरिका' प्रतियोगिता का शुमार विश्व की उन चुनिन्दा फैशन प्रतियोगिताओं में है जिसने अपने अन्दर लगे ग्लेमर के तड़के के कारण सदा ही लोगों का ध्यान आकर्षित किया है. बात अगर इस प्रतियोगिता के सबसे खास इवेंट की हो तो इसका 'स्विम वियर या बिकनी राउंड' हमेशा ही खास माना जाता रहा है.
मिस अमेरिका के बिकनी राउंड ने हमेशा ही सुर्खियां बटोरी हैं
इस प्रतियोगिता के मद्देनजर फैशन जगत के पुरोधाओं का भी तर्क यही है कि प्रतिभागी मनोवैज्ञानिक रूप से कितना भी मजबूत और प्रतिभा का धनी क्यों न हो वो 'मिस अमेरिका' का टाइटल तब तक नहीं जीत सकता जब तब वो इस राउंड को क्वालीफाई न कर ले. इस राउंड के अंतर्गत प्रतिभागी महिलाओं को बिकनी पहन कर रैंप पर वॉक करना होता था. बिकनी में रैंप पर थिरकती महिलाओं को देखकर, जजों द्वारा इस बात की जांच की जाती थी की वो मानसिक स्तर के अलावा अपने को बिकनी में कितना सहज पाती हैं.
बात जब बिकनी और मिस अमेरिका जैसे बड़े इवेंट की चल रही है तो ऐसे में ये स्वाभाविक हो जाता था कि इसमें वहीं महिलाएं बतौर प्रतिभागी शिरकत करती थीं जिनका शरीर सुडौल हो. मिस अमेरिका को लेकर जूरी द्वारा एक अहम फैसला लिया गया है. अब मिस अमेरिका में अब से स्विमसूट प्रतियोगिता आयोजित नहीं की जाएगी. मिस अमेरिका ऑर्गेनाइजेशन ने यह घोषणा की. इस प्रतियोगिता में अब प्रतिभागियों को शारीरिक सौंदर्य के आधार पर जज नहीं किया जाएगा. मिस अमेरिका संगठन की प्रमुख ग्रेटचेन कार्लसन ने कहा, "अब से यह सौंदर्य प्रतियोगिता नहीं, बल्कि सिर्फ एक प्रतियोगिता होगी."
संगठन के मुताबिक, स्विमसूट राउंड की जगह अब मिस अमेरिका के प्रतिभागियों को जजों के साथ एक लाइव इंन्ट्रैक्शन में भाग लेना होगा. इसमें वह अपने जीवन के लक्ष्यों और मिस अमेरिका की जिम्मेदारियों के बारे में बात करेंगी. सभी 50 राज्यों और कोलंबिया प्रतिभागियों को अपने पैशन, इंटेलिजेंस और मिस अमेरिका के टाइटल जैसे विषयों पर अपने विचार रखने होंगे.
अब तक यही देखने को मिला था कि वो ही महिलाएं मिस अमेरिका का टाइटल जीतती हैं जिनकी बॉडी बिकनी के योग्य हो
इसके अलावा संगठन के एक और फैसले ने लोगों को हैरत में डाल दिया है. संगठन ने अब इवनिंग गाउन राउंड को भी कॉम्पिटीशन से हटाने का फैसला किया है और इसकी जगह पर प्रतिभागियों को ऐसे कपड़े पहनने के लिए कहा है जिसमें वह सबसे ज्यादा सहज और कॉन्फिडेंट नजर आएं. मिस अमेरिका ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, प्रतिभागियों को यह भी बताना होगा कि वे सोशल इंपैक्ट इनिशिएटिव जैसे मुद्दों पर कैसे आगे बढ़ेंगी.
कार्लसन ने कहा, हमने कई महिलाओं को कहते हुए सुना है कि वे इस कार्यक्रम का हिस्सा होना चाहती हैं लेकिन हाई हील्स और स्विमसूट में नहीं. तो अब आपको ये सब करने की जरूरत नहीं होगी. उन्होंने आगे कहा, अब हम इन आधार पर प्रतिभागियों का फैसला नहीं करेंगे.
कहा जा सकता है कि इस फैसले के बाद फैशन इंडस्ट्री के कई मिथक टूटेंगे
गौरतलब है कि अभी हाल ही में महिलाओं के कुछ समूहों व नारीवादियों ने इस सौंदर्य प्रतियोगिता की आलोचना की थी. आलोचकों का मत था कि प्रतिभागियों को स्विमसूट्स पहनाना आउटडेटेड और सेक्सिस्ट है. भले ही माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर मिस अमेरिका जूरी के इस फैसले की आलोचना हो रही हो और इस पर जोक चल रहे हों मगर देखा जाए तो ये एक स्वागत योग्य फैसला है. ऐसा इसलिए क्योंकि बिकनी न तो कभी भी सुन्दरता का पैमाना था न कभी होगा.
ध्यान रहे कि पूर्व में कई ऐसे मौके आए हैं जब महिलाओं ने फैशन जगत में कदम तो रखना चाहा मगर इस संकोच के चलते वो फैशन जगत में एंट्री नहीं कर पाईं क्योंकि उन्हें ये डर था कि उनकी बॉडी बिकनी के लिए सहज नहीं है. अतः ये कहना गलत नहीं है कि इस तरह का फैसला लेकर मिस अमेरिका की जूरी ने एक साथ कई मिथकों को तोड़ा है और सही मायनों में उन महिलाओं को सशक्त किया है जो फैशन जगत के साथ कंधे से कंधा मिलकर चलना तो चाहती थीं मगर बिकनी बॉडी न होने के कारण जिन्हें समय से मिलने वाली आलोचनों का डर सदैव सताता था.
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