हम बात कर रहे हैं बेनजीर भुट्टो की जिनका आज (21 जून) को जन्मदिन है. अमेरिका के हार्वर्ड से डिग्री लेने के बाद बेनजीर इंटरनेशनल लॉ एंड डिप्लोमेसी कोर्स के लिए ऑक्सफोर्ड चली गईं. 1988 में पाकिस्तान के सैनिक शासक जिया उल हक की आकस्मिक मौत के बाद वे पाकिस्तान की सियासत में आईं और छा गईं. 30 साल पहले वह 35 की उम्र में पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनीं. फिर अपने दम पर पहचान बनाती चली गईं. एक ऐसे कट्टरपंथी इस्लामिक देश में, जहां किसी महिला के लिए आगे बढ़ना आग के दरिया को पार करने जैसा था. करीब दस साल पहले उन्हें कत्ल कर दिया गया.
आज पाकिस्तान में आम चुनाव के चलते सियासी शोरशराबा अपने चरम पर है. इमरान खान की पूर्व पत्नी रेहम खान की लिखी किताब ने बवाल मचा रखा है. इमरान के निजी जीवन के कुछ विवादित पन्ने इस किताब में दर्ज हैं, जिसे लेकर रेहम चारों ओर से निशाने पर हैं. उन्हें महिला होने के नाते हद में रहने की हिदायत दी जा रही है. अब हम फिर लौटते हैं बेनजीर पर. जिस पाकिस्तान में महिला होने के नाते रेहम को ताने दिए जा रहे हैं, वहीं बेनजीर के मरने के कई साल बाद उनके निजी जीवन पर किताब ही लिख दी गई. लंदन के राइटर रोशन मिर्जा द्वारा लिखी गई किताब 'Indecent Correspondence: Secret Sex Life of Benazir Bhutto' में बेनजीर भुट्टो के बारे में कई विवादित दावे दर्ज हैं. जिसमें बताया गया कि लंदन में वो पार्टी के लिए मशहूर थीं. बेनज़ीर सेक्स एडिक्ट थीं और उनके कई पुरुषों के साथ संबंध थे. लंदन में उनकी सेक्स पार्टीज में ऐसे कई संबंध बनाए जाते थे और बहुत से हाई प्रोफाइल लोग रहते थे.
बेनजीर उस दौरान येलो कलर की एमजी कार से चलती थीं और अपने घर में उनकी पहचान एक वेस्टर्नाइज टीनेजर जैसी थी. अमेरिकी स्टोर साक्स फिफ्थ एवेन्यू कपड़ों के लिए उनकी पहली पसंद था और उनकी लाइफस्टाइल किसी अमीर विदेशी लड़की के जैसी थी. ऑक्सफोर्ड में होने वाली हर पार्टी में वो नजर आती थीं. यहां वो ड्रिंक और डांस भी एन्जॉय करती थीं....
हम बात कर रहे हैं बेनजीर भुट्टो की जिनका आज (21 जून) को जन्मदिन है. अमेरिका के हार्वर्ड से डिग्री लेने के बाद बेनजीर इंटरनेशनल लॉ एंड डिप्लोमेसी कोर्स के लिए ऑक्सफोर्ड चली गईं. 1988 में पाकिस्तान के सैनिक शासक जिया उल हक की आकस्मिक मौत के बाद वे पाकिस्तान की सियासत में आईं और छा गईं. 30 साल पहले वह 35 की उम्र में पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनीं. फिर अपने दम पर पहचान बनाती चली गईं. एक ऐसे कट्टरपंथी इस्लामिक देश में, जहां किसी महिला के लिए आगे बढ़ना आग के दरिया को पार करने जैसा था. करीब दस साल पहले उन्हें कत्ल कर दिया गया.
आज पाकिस्तान में आम चुनाव के चलते सियासी शोरशराबा अपने चरम पर है. इमरान खान की पूर्व पत्नी रेहम खान की लिखी किताब ने बवाल मचा रखा है. इमरान के निजी जीवन के कुछ विवादित पन्ने इस किताब में दर्ज हैं, जिसे लेकर रेहम चारों ओर से निशाने पर हैं. उन्हें महिला होने के नाते हद में रहने की हिदायत दी जा रही है. अब हम फिर लौटते हैं बेनजीर पर. जिस पाकिस्तान में महिला होने के नाते रेहम को ताने दिए जा रहे हैं, वहीं बेनजीर के मरने के कई साल बाद उनके निजी जीवन पर किताब ही लिख दी गई. लंदन के राइटर रोशन मिर्जा द्वारा लिखी गई किताब 'Indecent Correspondence: Secret Sex Life of Benazir Bhutto' में बेनजीर भुट्टो के बारे में कई विवादित दावे दर्ज हैं. जिसमें बताया गया कि लंदन में वो पार्टी के लिए मशहूर थीं. बेनज़ीर सेक्स एडिक्ट थीं और उनके कई पुरुषों के साथ संबंध थे. लंदन में उनकी सेक्स पार्टीज में ऐसे कई संबंध बनाए जाते थे और बहुत से हाई प्रोफाइल लोग रहते थे.
बेनजीर उस दौरान येलो कलर की एमजी कार से चलती थीं और अपने घर में उनकी पहचान एक वेस्टर्नाइज टीनेजर जैसी थी. अमेरिकी स्टोर साक्स फिफ्थ एवेन्यू कपड़ों के लिए उनकी पहली पसंद था और उनकी लाइफस्टाइल किसी अमीर विदेशी लड़की के जैसी थी. ऑक्सफोर्ड में होने वाली हर पार्टी में वो नजर आती थीं. यहां वो ड्रिंक और डांस भी एन्जॉय करती थीं. हालांकि, उन्होंने हमेशा इसे मानने से इनकार किया.
क्या लिखा है किताब में...
'किताब के एक अंश में किरन यूसुफगई का जिक्र है. सायरा मिर को अपना एक्सपीरियंस बताते हुए वो लिखती हैं कि मैं शेरी रहमान की कर्जदार हूं. उसने मुझे पूरी दुनिया के सामने अपनी सेक्शुएलिटी बताने में मदद की. मैंने उनके साथ कई प्राइवेट पार्टियां अटेंड की. मैं बेनज़ीर भुट्टो का बहुत आदर करती हूं. उनकी सेक्स लाइफ स्वतंत्र थी. वो एक बायसेक्शुअल थीं और कई पार्टीज का हिस्सा बनीं. आंटी शेरी ने मुझे पार्टी में बेनज़ीर से मिलवाया. बिना किसी शक के बेनज़ीर अलग थीं, वो यूनीक थीं और उनके जैसा कोई नहीं था.
मेरी जिंदगी के सबसे हसीन पल थे जब मैं बेनज़ीर को प्यार कर रही थी. मैं गर्व महसूस करती हूं कि मैंने ये उसके साथ किया. मेरी सबसे बड़ी कमी ये रह गई कि ये मौका मुझे सिर्फ 4 बार मिला. हर उस पल ने मेरे दिल और दिमाग में एक छवि बना दी. वो मेरे साथ जिंदगी भर रहेगा और हमेशा मेरी खुशियों का हिस्सा बना रहेगा.'
ये उस किताब का अंश था जिसमें बेनज़ीर के बारे में लिखा गया है.
दबंग पीएम..
1988-90 और 1993-96 में दो बार उन्होंने देश के पीएम पद की जिम्मेदारी संभाली. बेनज़ीर जुल्फिकार अली भुट्टो की बेटी थीं और अपने पूरे जीवन में वो हर काम दबंगई से करती थीं. 2007 में 27 दिसंबर को रावलपिंडी में हुए धमाकों में उनकी जान गई थी. बेनज़ीर वो नाम थी जिसने कभी किसी के दबाव में आकर कोई काम नहीं किया और शायद पाकिस्तानी पुरुष प्रधान समाज में एक वही थीं जिसके नाम को ऐसे उछाला गया.
हाल का ही किस्सा ले लें तो रेहम खान जो पाकिस्तान की तहरीके इन्साफ पार्टी के चीफ इमरान खान की दूसरी पत्नी थी उन्हें परवेज मुशर्रफ से लेकर बाकी सभी बड़े-बड़े पाकिस्तानी पुरुषों से ये चेतावनी मिली है कि उन्हें अपने पति (पूर्व ही सही) उसके बारे में ऐसा नहीं लिखना चाहिए.
इस सीख की वजह सिर्फ इतनी सी थी कि रेहम खान ने अपनी शादीशुदा जिंदगी के बारे में किताब में लिखा, लेकिन नहीं पाकिस्तानी पुरुषों को ये कहां मंजूर था.
हिपोक्रिसी देखिए कि रेहम को शर्मिंदा किया जा रहा है वहीं किसी पुरुष ने बेनजीर के बारे में न जाने क्या-क्या लिख दिया. बेनजीर अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनके जाने के बाद ये किताब आई और लोग उसे मज़े लेकर पढ़ने लगे. माना बेनजीर बिंदास थीं, लेकिन किसी के जाने के बाद भी उसकी प्राइवेसी का ख्याल अगर न रखा जाए तो ये बात थोड़ी गले के नीचे नहीं उतरी. बहरहाल इस बात में कोई शक नहीं कि बेनजीर की शख्सियत एक दबंग महिला की थी.
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