एक महिला के गर्भवती होने पर उसका वजन बढ़ना स्वाभाविक होता है. लेकिन डिलिवरी के बाद वो वजन घटाना उतना ही मुश्किल. मुश्किल इसलिए भी क्योंकि ज्यादातर लोगों में पहले से ही धारणा बनी होती है कि मां बनने के बाद तो वजन बढ़ ही जाता है, पेट निकल आता है. न पहले जैसी फुर्ती रहती है और न ही पहले जैसा आकर्षण. लेकिन महिलाओं की इन्हीं आम धारणाओं को गलत साबित किया है टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने.
30 अक्टूबर 2018 को सानिया ने एक बेटे को जन्म दिया था और डिलिवरी के तीन महीने बाद ही सानिया जिम में वापस आ गईं. सानिया मिर्जा ने अपनी हालिया इंस्टाग्राम पोस्ट में ये बताकर हैरान कर दिया कि उन्होंने पिछले 4 महीनों में 26 किलो वजन घटाया. अभी उन्हें मां बने हुए एक साल भी पूरा नहीं हुआ कि वो अब वापस अपनी फॉर्म में लौट चुकी हैं. उन्हें देखकर कोई ये कह ही नहीं सकता कि वो एक बच्चे की मां हैं जो अभी साल भर का भी नहीं है.
आप ये कह सकते हैं कि सानिया एक खिलाड़ी हैं इसलिए उनका फिट रहना जरूरी है. लेकिन ये सिर्फ एक excuse है. हकीकत तो ये है कि वजन को लेकर महिलाएं बातें ज्यादा करती हैं और मेहनत कम. सानिया मिर्जा भी एक महिला ही हैं. लेकिन वजन कम करने का जनून सबमें नहीं होता. इसके लिए दृढ़ होना पड़ता है, सानिया की तरह. सानिया मिर्जा ने वीडियो शोयर करते हुए अपने पूरे रुटीन के बारे में बताया है कि कैसे उन्होंने अपना वजन आश्चर्यजनक रूप से कम किया. निसंदेह सानिया ने 4 महीने में 26 किलो वजन कम करके बाकी महिलाओं के लिए एक गोल सेट कर दिया है.
नई माताओं को हमेशा यही कहा जाता है कि उन्हें अपने शरीर के बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं, सिर्फ बच्चे पर ध्यान...
एक महिला के गर्भवती होने पर उसका वजन बढ़ना स्वाभाविक होता है. लेकिन डिलिवरी के बाद वो वजन घटाना उतना ही मुश्किल. मुश्किल इसलिए भी क्योंकि ज्यादातर लोगों में पहले से ही धारणा बनी होती है कि मां बनने के बाद तो वजन बढ़ ही जाता है, पेट निकल आता है. न पहले जैसी फुर्ती रहती है और न ही पहले जैसा आकर्षण. लेकिन महिलाओं की इन्हीं आम धारणाओं को गलत साबित किया है टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने.
30 अक्टूबर 2018 को सानिया ने एक बेटे को जन्म दिया था और डिलिवरी के तीन महीने बाद ही सानिया जिम में वापस आ गईं. सानिया मिर्जा ने अपनी हालिया इंस्टाग्राम पोस्ट में ये बताकर हैरान कर दिया कि उन्होंने पिछले 4 महीनों में 26 किलो वजन घटाया. अभी उन्हें मां बने हुए एक साल भी पूरा नहीं हुआ कि वो अब वापस अपनी फॉर्म में लौट चुकी हैं. उन्हें देखकर कोई ये कह ही नहीं सकता कि वो एक बच्चे की मां हैं जो अभी साल भर का भी नहीं है.
आप ये कह सकते हैं कि सानिया एक खिलाड़ी हैं इसलिए उनका फिट रहना जरूरी है. लेकिन ये सिर्फ एक excuse है. हकीकत तो ये है कि वजन को लेकर महिलाएं बातें ज्यादा करती हैं और मेहनत कम. सानिया मिर्जा भी एक महिला ही हैं. लेकिन वजन कम करने का जनून सबमें नहीं होता. इसके लिए दृढ़ होना पड़ता है, सानिया की तरह. सानिया मिर्जा ने वीडियो शोयर करते हुए अपने पूरे रुटीन के बारे में बताया है कि कैसे उन्होंने अपना वजन आश्चर्यजनक रूप से कम किया. निसंदेह सानिया ने 4 महीने में 26 किलो वजन कम करके बाकी महिलाओं के लिए एक गोल सेट कर दिया है.
नई माताओं को हमेशा यही कहा जाता है कि उन्हें अपने शरीर के बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं, सिर्फ बच्चे पर ध्यान देना चाहिए. जब बच्चा दूध पीने लगता है तो वजन अपने आप घट जाता है. लेकिन ये सच नहीं है. 2014 में 800 माताओं पर एक शोध किया गया जिससे पता चला कि उनमें से 75% महिलाएं डिलिवरी के एक साल बाद गर्भावस्था से पहले की तुलना में काफी वजनी हो गई थीं. यानी वजन आसानी से या अपने आप कम नहीं होता.
बेबी वेट कम न होने के पीछे कई कारण होते हैं. जिसकी वजह से महिलाओं को वजन कम करना बड़ा मुश्किल लगता है.
डिलिवरी के बाद वजन कम न होने के कारण
नींद की कमी: बच्चों की वजह से मां की नींद ही सबसे ज्यादा प्रभावित होती है. नींद की कमी से मस्तिष्क कुशलतापूर्वक काम नहीं करता. एक शोध में ये पाया गया है कि जो महिलाएं सात घंटे से कम सोती हैं उनमें 15% मोटापा होने की संभावना होती है.
थकान, चिंता और तनाव: एक नई मां के लिए काम की कोई कमी नहीं होती. बच्चे को इतने सारे काम होते हैं ऐसे में थकान भी होती है और तनाव और घबराहट भी. लेकिन ये स्ट्रेस हार्मोन फैट मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देते हैं.
खाना: अगर खाना ठीक से नहीं खाना, खाना स्किप करना, सिर्फ स्नैक्स लेने आदि से शुगर अस्थायी रूप से बढ़ती है. नतीजा मोटापा. वहीं बच्चे को दूध पिलाने की वजह से भी ज्यादा कैलरी वाला खाना खाया जाता है. और वो कैलरी फैट के रूप में जमती है.
डिलिवरी के बाद ऐसे करें वजन कम
- डिलिवरी के बाद शरीर को अच्छे पोषण की जरूरत होती है जिससे मां जल्दी अच्छी हो जाए. और स्तनपान कराने के लिए भी ज्यादा कैलरी की जरूरत होती है. लेकिन हर रोज के खाने से अगर 500 कैलरी कम कर ली जाए तो हर हफ्ते आधा किलो वजन घटाया जा सकता है. और इस तरह के वेट लॉस से दूध का बनना प्रभावित नहीं होता.
- वेटलॉस के लिए हाई फाइबर युक्त खाना खाएं. फायबर युक्त खाने से लंबे समय तक पेट भरा महसूस होता है.
- प्रोटीन आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है. इससे भी भूख कम लगती है और वजन घटाने में मदद मिलती है.
- घर में फल, सब्जियां, नट्स और दही जैसे हेल्दी फूड रखें. फैटी और अनहेल्दी खाद्य पदार्थ जैसे चिप्स वगैरहको नजरों से दूर ही रखें.
- वजन कम करना है तो एलकोहल से दूर रहें.
- हल्के व्यायाम जैसे कार्डियो, पैदल चलना, जॉगिंग, साइकिलिंग करती रहें. साथ ही डॉक्टर की सला भी जरूर हैं.
- पानी खूब पिएं. अगर आधा लीटर पानी पीते हैं तो अगले एक घंटे में आप 24 से 30 प्रतिशत ज्यादा कैलरी बर्न कर सकते हैं. स्तनपान करवाने वाली महिलाओं का तो hydrated रहना बहुत जरूरी है.
- अच्छी नींद जरूरी है. नींद का सीधा असर मोटापे पर पड़ता है.
कुछ लोग सोचते हैं कि जब बच्चे को 24 घंटे देखभाल की जरूरत होती है तब उनका खुद के बारे में सोचना गलत है. लेकिन खुद को समय देना भी उतनी ही जरूरी है. मां अपने लिए थोड़ी थोड़ी कोशिश करेंगी तो उसका असर दिखाई देगा. और अगर कोशिशों में दृढ़ संकल्प भी जुड़ जाए तो वो होगा जो सानिया ने किया है. सानिया मिर्जा भी एक आम मां ही हैं. जितनी परेशानी बाकी माताएं को होती है उतनी उन्हें भी हुई होगी. लेकिन उन्होंने ये साबित किया है कि मां बनने से आपके शरीर पर कोई फर्क नहीं पड़ता, खुद पर यकीन हो तो उसे पहले जैसा बनाया जा सकता है.
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