मुबारक हो. 2018 में फैशन शो में सालों से चली आ रही परंपरा खत्म हो गई है. हाल ही में दो फैशन शो चर्चा का विषय बन रहे हैं. पहला मिस अमेरिका फैशन शो जिसमें बिकिनी राउंड हटा दिया गया है और दूसरा जेद्दाह का फैशन शो जिसमें महिलाओं को ही हटा दिया गया. जी हां, ये वो फैशन शो है जिसमें मॉडल्स की कोई जरूरत नहीं रह गई थी. ये वो फैशन शो है जिसमें कपड़े भी महिलाओं के थे, रैम्प भी था, बड़े-बड़े डिजाइनर्स भी थे, लेकिन कमी थी तो बस महिलाओं की.
Dolce & Gabbana का ये शो खास तौर पर रमज़ान के लिए किया गया था. BBC Arabic की रिपोर्ट के मुताबिक हिल्टन होटल जेद्दाह में हुआ ये शो सिर्फ इसलिए किया गया ताकि रमज़ान के महीने में फैशन को काफी खूबसूरती से पेश किया जा सके. ये तब हुआ जब सऊदी अरब का पहला फैशन वीक रियाध में कुछ दिन पहले ही हुआ था.
ये उस फैशन शो का वीडियो है जहां महिला मॉडल्स की जगह ड्रोन का इस्तेमाल किया गया. इस फैशन शो को देखने वालों को आप चिल्लाते हुए और कपड़ों की तारीफ करने हुए सुन सकते हैं.
बड़ी ही दिलचस्प बात है कि सऊदी अरब की सबसे सशक्त महिला और हाल ही में हुए इस फैशन शो में एक बहुत गहरी समानता है. ये दोनों ही तकनीक के नमूने हैं.
ये हैं सोफिया, सऊदी अरब की बेहद सशक्त महिला. ये खुलकर जो मन में आए बोल सकती हैं. इंटरव्यू दे सकती हैं. छोटे कपड़े पहन सकती हैं. किसी भी मर्द के साथ रह सकती हैं. और ऐसा करने पर उसे कोई धार्मिक अदालत सजा नहीं देगी. क्योंकि सोफिया एक रोबोट है.
सऊदी का फैशन शो हो या महिला को नागरिकता देने की बात हर तरफ तकनीक और तरक्की दिख रही है, हर जगह बात हो रही है कि सऊदी में 24 जून से महिलाओं को ड्राइविंग की इजाजत दी जा रही है और इस वक्त देखें तो ये सब कुछ सिर्फ एक छलावा ही लगेगा.
यकीनन महिला सशक्तिकरण पर होने वाली बातें सऊदी में सिर्फ कोरी कहावतें ही लगती हैं. रमज़ान के मौके पर महिलाओं को देखने मात्र से पाप चढ़ जाता शायद उस शो में मौजूद लोगों पर इसीलिए तो ये नायाब तरीका निकाल लिया.
सऊदी में अब सिनेमा हॉल खुल गए हैं और साथ ही साथ यहां पर महिलाओं को ड्राइविंग की इजाजत भी मिल गई है. पर फैशन शो वाला वीडियो देखकर यकीन हो गया है कि ये देश अभी बदला नहीं है और इतनी आसानी से यहां कोई बदलाव आएगा भी नहीं. तरक्की का ये नायाब तरीका सिर्फ एक कट्टर देश में ही देखने को मिल सकता था. इंटरनेट पर लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
लोग कहते हैं कि जैसे-जैसे तकनीक किसी देश को अपने अधीन ले लेती है वैसे-वैसे देश तरक्की करता है और वहां के लोगों की सोच आगे बढ़ती है, पर सऊदी में तो तकनीक को ही लोगों ने अपनी सोच के हिसाब से बना लिया.
महिला सशक्तिकरण का ये रूप देखना यकीनन काबिले तारीफ है. सोशल मीडिया पर लोग इस फैशन शो की बुराई भी कर रहे हैं और सऊदी कि हिपोक्रिसी पर हंस भी रहे हैं. यकीनन सऊदी अरब में महिलाओं को ऐसे अधिकार कैसे दिए जा सकते हैं जिनसे उन्हें कोड़े मारने की सज़ा न मिल सके. किसी फैशन शो मॉडल का रमज़ान में रोज़ा रखने वालों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेना यकीनन गलत ही लगा होगा. अब ड्रोन हो चाहें रोबोट सोफिया वो बिना कोड़े के डर वो सब कुछ कर सकते हैं जो वो करना चाहें.
बस फर्क सिर्फ इतना है कि ये दोनों मामले सऊदी के पाखंड को साफ दिखाते हैं.
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