कुछ समय पहले ही बिहार के मुजफ्फरपुर में चल रहा बालिका गृह उस समय सुर्खियों में आ गया, जब वहां की बच्चियों के साथ रेप और यौन शोषण की खबरें सामने आईं. इस घटना ने दिखा दिया था कि बच्चियां बालिका गृह में भी सुरक्षित नहीं हैं. अभी बालिका गृह का मामला सुलझ भी नहीं पाया था कि बिहार के सहरसा से एक और घटना सामने आई है, जो दिखाती है कि बिहार में बच्चियों का घर से निकलना भी खतरनाक है. इस घटना में स्कूल की बच्ची से 3 लोगों ने खुलेआम छोड़छाड़ की है. यहां तक कि इस घटना का वीडियो भी बनाया गया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस घटना के एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है, लेकिन यह घटना दिखाती है कि भले ही नीतीश सरकार कितने भी दावे कर ले, लेकिन बिहार में बच्चियां न तो घर के अंदर सुरक्षित हैं ना ही बाहर. अगर 2015 के 'नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो' के आंकड़ों को देखा जाए तो बिहार में 1041 रेप की घटनाएं सामने आई हैं. ये सिर्फ वो घटनाएं हैं जो दर्ज हुई हैं. बहुत से ऐसे भी मामले होते हैं जिनमें लोग केस दर्ज नहीं कराते और लोगों को उनके बारे में पता ही नहीं चलता.
खुलेआम स्कूली बच्ची के साथ छेड़छाड़
यह मामला बिहार के सहरसा का है. यहां अपराधियों के हौंसले कितने बुलंद हैं, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि वह खुलेआम एक स्कूली बच्ची को छेड़ रहे हैं. यहां तक कि उसका वीडियो भी बनाया जाता है. यानी उन्हें इस बात का कोई डर नहीं है कि इस वीडियो को कोई देख लेगा तो उन पर कार्रवाई भी हो सकती है. पुलिस के अनुसार यह घटना सदर थाने की है, जिसमें एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया जा चुका है और बाकी दो की तलाश की जा रही है.
कुछ दिन पहले ही बिहार के भोजपुर में एक...
कुछ समय पहले ही बिहार के मुजफ्फरपुर में चल रहा बालिका गृह उस समय सुर्खियों में आ गया, जब वहां की बच्चियों के साथ रेप और यौन शोषण की खबरें सामने आईं. इस घटना ने दिखा दिया था कि बच्चियां बालिका गृह में भी सुरक्षित नहीं हैं. अभी बालिका गृह का मामला सुलझ भी नहीं पाया था कि बिहार के सहरसा से एक और घटना सामने आई है, जो दिखाती है कि बिहार में बच्चियों का घर से निकलना भी खतरनाक है. इस घटना में स्कूल की बच्ची से 3 लोगों ने खुलेआम छोड़छाड़ की है. यहां तक कि इस घटना का वीडियो भी बनाया गया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस घटना के एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है, लेकिन यह घटना दिखाती है कि भले ही नीतीश सरकार कितने भी दावे कर ले, लेकिन बिहार में बच्चियां न तो घर के अंदर सुरक्षित हैं ना ही बाहर. अगर 2015 के 'नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो' के आंकड़ों को देखा जाए तो बिहार में 1041 रेप की घटनाएं सामने आई हैं. ये सिर्फ वो घटनाएं हैं जो दर्ज हुई हैं. बहुत से ऐसे भी मामले होते हैं जिनमें लोग केस दर्ज नहीं कराते और लोगों को उनके बारे में पता ही नहीं चलता.
खुलेआम स्कूली बच्ची के साथ छेड़छाड़
यह मामला बिहार के सहरसा का है. यहां अपराधियों के हौंसले कितने बुलंद हैं, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि वह खुलेआम एक स्कूली बच्ची को छेड़ रहे हैं. यहां तक कि उसका वीडियो भी बनाया जाता है. यानी उन्हें इस बात का कोई डर नहीं है कि इस वीडियो को कोई देख लेगा तो उन पर कार्रवाई भी हो सकती है. पुलिस के अनुसार यह घटना सदर थाने की है, जिसमें एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया जा चुका है और बाकी दो की तलाश की जा रही है.
कुछ दिन पहले ही बिहार के भोजपुर में एक युवक की हत्या में शामिल होने के शक में युवती के कपड़े फाड़ दिए गए और निर्वस्त्र कर के घुमाया गया. इस घटना के बाद इलाके के एसएचओ सहित 8 पुलिसवालों को बर्खास्त कर दिया गया, लेकिन सोचने की बात ये है कि ऐसी घटना को अंजाम देने की हिम्मत इन अपराधियों को कहां से मिली. कानून व्यवस्था अगर मुस्तैद रहे तो कोई भी अपराधी किसी बहू-बेटी की इज्जत पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं कर सकता है. महिला दोषी है या नहीं, इसका फैसला कोर्ट करेगा, ना कि जनता. किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
अभी भी बिहार में जंगलराज?
लालू यादव की सरकार के दौरान जंगलराज होने की बातें तो खूब होती थीं, लेकिन देखा जाए तो नीतीश कुमार के कार्यकाल में भी जंगलराज जैसे हालात ही हैं. सड़क पर चल रही बहू-बेटियों को तो अपराधी अपना निशाना बना ही रहे हैं, घर (बालिका गृह) में भी बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं. यूं तो नीतीश कुमार ने बालिका गृह वाले मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन सरकारी पैसों से चल रहे बालिका गृह में इतना घिनौना काम चलता रहा, सरकार के लिए तो यही डूब मरने वाली बात है.
महिला सुरक्षा को लेकर लगातार विपक्ष के निशाने पर आने के बाद नीतीश कुमार ने बेटियों के लिए 'मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना' की शुरुआत कर दी. इसके तहत हर बेटी को पैदा होने के बाद से लेकर उसके ग्रेजुएट होने तक 54,100 रुपए दिए जाएंगे. जब बालिका गृह में बच्चियों से रेप की घटना सामने आई तो नीतीश सरकार की चौतरफा आलोचना होने लगी और फिर ये योजना लॉन्च कर दी गई. सरकार ने बेटियों के लिए इतनी अच्छी योजना तो शुरू कर दी है, लेकिन ये सिर्फ डैमेज कंट्रोल जैसा लगता है. विपक्ष के लगातार हमलों को देखते हुए नीतीश कुमार ने भले ही इस योजना को जोर-शोर से लॉन्च कर दिया हो, लेकिन अभी भी सरकार को ये समझने की जरूरत है कि महिलाओं की सुरक्षा के मामले में सरकार पिछड़ रही है और उन्हें अपना निशाना बनाने वाले अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं.
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